
विनोद कुमार विक्की
इन दिनों प्री-वेडिंग शूट की तरह प्री-इलेक्शन शूट काफी ट्रेंड में है। नेताजी उन क्षेत्रों में भी पहुंच कर तस्वीरें खींच और खिंचवा रहे हैं, जहां अब तक भूले से विकास भी नहीं पहुंच पाया है। अलग-अलग वेरायटी के खद्दरधारी अर्थात विभिन्न पार्टियों के नेता मोटर साइकिल, नाव, घोड़ा ,टमटम और एक जोड़ी पैरों से जनता-जनार्दन के झुग्गी झोपड़ी में पहुंच कर प्री-इलेक्शन फोटो शूट में तल्लीन है। गौरतलब है कि इनके काफिला में इनके कार्यकर्ता एवं समर्थक से ज्यादा युट्यूबर की संख्या रहती है, जो प्रोफेशनल कैमरामैन की तरह नेताजी के फोटो शूट की कवरेज कर पत्रकारिता धर्म निभाते नज़र आ रहे हैं।
प्री वेडिंग शूट में शादी से पहले लड़का और लड़की विभिन्न स्थानों पर विभिन्न पोज में फोटो शूट करवाते हैं। कमोबेश इसी तरह प्री इलेक्शन शूट की स्थिति में चुनाव से पूर्व संसदीय क्षेत्रों में नेताजी अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए विभिन्न मुद्राओं में फोटोशूट करते देखें जा रहे हैं। अपनी-अपनी जगह पर दोनों ही प्रकार का शूट काफी हद तक सेट और सूट करता है। प्री वेडिंग शूट और प्री इलेक्शन शूट दोनों का दृश्य सार्वजनिक स्थानों पर रिकॉर्ड किया जाता है। प्री वेडिंग शूट का आयोजन दूल्हा-दुल्हन के आपसी रिश्तों के बीच नजदीकियां बढ़ाने के लिए किया जाता है, तो प्रेरित नेताजी भी अपने मतदाताओं से नजदीकियां बढ़ाने के लिए बिना नहाए धोए प्री इलेक्शन शूट में व्यस्त हो गए हैं। दूल्हा-दुल्हन एक- दूसरे के साथ चिपक कर, कमर पर हाथ रख कर, चुम्बन की मुद्रा आदि भौतिक परिस्थितियों में कैमरे में कैद किए जाते हैं, जबकि प्री इलेक्शन शूट के दौरान माननीय सार्वजनिक योजनाओं का शिलान्यास करते हुए, गरीब के घर में डिस्पोजेबल प्लेट पर भोजन करते, नई योजना की घोषणा करते अथवा भूमि पूजन करते हुए कैमरे में समायोजित होते देखे जा रहे हैं।
कैबिनेट में जन-योजना एजेंडों की स्वीकृति पर धड़ल्ले से मुहर लगाई जा रही है। विभिन्न विभागों से लगातार सरकारी नौकरी की अधिसूचना जारी हो रही है। आए दिन हजारों रिक्तियों के विरुद्ध शिक्षित युवाओं से आवेदन-पत्र आमंत्रित किया जा रहा है। रोजगार प्रस्फोट की स्थिति देख ऐसा प्रतीत होता है, कि ट्रैफिक जाम में फंसी गाड़ियों की तरह सरकारी नौकरियां भी वर्षों से सरकारी फाईलों में दबी फंसी थी। राहत भरी नयी योजनाओं से जनता को आच्छादित करने की कवायद शुरू हो गई है। लोक-लुभावन झंडू बाम से जनता की पीड़ा को हरने का अभियान आरंभ हो गया है। सड़क, पुल निर्माण एवं जीर्णोद्धार की कच्छप गति को रफ्तार मिल गया है। वर्षों से गड्ढे में निवास करने वाली सड़कों को गड्ढे से मुक्ति दिलाने का प्रयास प्रारंभ हो गया है। डेमोक्रेटिक डॉक्टर के द्वारा आर्थिक एवं सामाजिक रोग से पीड़ित कमजोर जनता को संवेदनाओं का ग्लूकोज और भाईचारे की विटामिन मुहैया कराने की होड़ सी लग गई है। क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों हेतु कल-कारखाने भले नहीं खुल रहे लेकिन औद्योगिक प्रदेशों तक जाने के लिए नई ट्रेनों के परिचालन की घोषणा अवश्य की जा रही है।
हल्दी रस्म के साथ प्री वेडिंग शूट की प्रक्रिया को पूर्ण माना जाता है, तो आचार संहिता लागू होने के बाद प्री इलेक्शन शूट भी मर्यादित हो जाता है।
बातें यदि उद्देश्य की करें तो प्री वेडिंग शूट का उद्देश्य सोशल मीडिया साइट्स पर लाइक पाने का और समाज में फैमिली स्टेटस दिखाने का होता हैं, जबकि प्री इलेक्शन शूट का उद्देश्य वोट पाने एवं पॉलिटिकल स्टेटस दिखाने का होता है।