जीवन जिसका कोई अनोखा संदेश दे जाए वो तो अमर हो जाता है सभी की यादों में अक्सर,
अपनी मिट्टी अपनी जड़ों से होता है जो जुड़ा वो सब पर छोड़ जाता है एक अद्भुत करिश्माई असर ।
ऐसे ही बिरले व्यक्तित्व वाले इंसान थे धरम जी प्रशंसकों ने उन्हें प्रेम से बुलाया ही मैन, धरम गरम,
अपने आकर्षक रूतबे, रूहानी दिलकश अंदाज से उनके चाहने वालों की संख्या सीमा है चरम ।
नवासी साल के अपने जीवन काल में उन्होंने जिया जीवन के हर उतार-चढ़ाव को गुनगुनाहट से,
छोड़ गए वो अपनी छवि के कई सारे प्यारे किस्से गले लगा मृत्यु को भी “आनंद” मुस्कुराहट से ।
अपनी ही मृत्यु की खबर को देख और सुनकर वो माया नगरी के मायाजाल से नहीं हुए विस्मित,
एक अलग कहानी कह गए ईश्वर का बुलावा न आए दुनिया के दांव पेंचों से नहीं होना विचलित ।
जाना तो है सबको एक दिन इस जग से उनको भी था इस सत्य का भली-भांति पूर्णतया अहसास,
अपने जीवन के हर दिन को उन्होंने बनाया कभी परिवार कभी सभी चाहने वालों के लिए बेहद ख़ास ।
एक युग का अंत नहीं ये तो इसी कलयुग की है एक जीती-जागती शिक्षाप्रद बड़ी अनोखी मिसाल,
कह गए धरम जी सबसे बॉंटना सीखो खुशियॉं ख़ुद पर करो यकीन हर एक दिन है बेहद ख़ास ।
- मोनिका डागा “आनंद” , चेन्नई, तमिलनाडु





