माली एवं सेनेगल देशों में 12500 महिलाएँ रोजगार से जुड़ी -17 करोड़ रुपये की बचत से इंटर लोनिंग कर अन्य महिलाओं को भी जोड़ रही है रोजगार से -राजस्थान का बाजरा अब इन देशो में भी खाद्यान्न बनेगा -9 फेडरेशन की महिला प्रमुख धौलपुर,भरतपुर,अजमेर, जयपुर एवं उदयपुर में प्रशिक्षण लेने पहुंची
रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर : राजस्थान के धौलपुर जिले का राजीविका मॉडल पश्चिम अफ्रीकी देशों सेनेगल एवं माली में 12500 महिलाओ की आजीविका का साधन बना है। धौलपुर की राजीविका महिलाओ ने सेनेगल एवं माली देशो में जाकर स्वयं सहायता समूह बनाने, ग्राम संगठन एवं फेडरेशन बनाने का प्रशिक्षण दिया। उसके बाद फेडरेशन को संचालित करने की पद्धति एवं विभिन्न प्रकार के उत्पादों के निर्माण का प्रशिक्षण दिया और आज इन देशों की महिलाएँ वर्षभर में करीब 17 करोड़ की बचत करती है और उसी बचत से इंटर लोनिंग कर अन्य महिलाओ को भी रोजगार से जोड़ रही है तथा प्रशिक्षण के द्वारा नए-नए कार्य कर रही है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ,ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज श्री अभय कुमार ने इंदिरा गांधी नहर मंडल में गुरुवार को पश्चिम अफ्रीकी देश माली और सेनेगल से राजस्थान में प्रशिक्षण के लिए आए प्रतिनिधियों के साथ आगे के सहयोग के बारे में विस्तार से चर्चा की। प्रतिनिधियों ने राजीविका के माध्यम से मिल रहे सहयोग के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया।दोनों देशों के 9 फेडरेशन के महिला प्रमुखों के साथ अन्य प्रतिनिधि भी जयपुर पहुंचे। ये प्रतिनिधि धौलपुर,भरतपुर,अजमेर, जयपुर एवं उदयपुर में राजीविका समूहों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। राजस्थान विजिट के दौरान मुर्गीपालन, बकरीपालन,नेचुरल फार्मिंग, बायो गैस सहित अन्य गतिविधियों का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी। राजस्थान में बाजरा उत्पादन के लिए जैसा क्लाइमेट है वैसा ही इन अफ्रीकन देशों में भी है। फेडरेशन की महिला प्रमुख प्रशिक्षण के दौरान बाजरा उत्पादन के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेगी।
श्री कुमार ने राजीविका के पंचसूत्रों – साप्ताहिक बैठक, साप्ताहिक बचत, आंतरिक उधार, ऋण का भुगतान और रिकॉर्ड मेंटेनेंस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजीविका का प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने महिलाओं की आजीविका में वृद्धि के लिए पंचरत्न मिशन के माध्यम से राजीविका द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाज़ार तक पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रदेश की महिलाओं को कृषि तकनीक में उन्नत और कृषि में अग्रसर बताया।
उन्होंने अफ्रीका और प्रदेश की वनस्पति में समानता को बताते हुए प्रतिनिधियों से कृषि और जल संरक्षण पर भी चर्चा की। उन्होंने राज्य में प्रचलित मोटे अनाज को अफ्रीकी देशों के वातावरण के अनुकूल बताते हुए मोटे अनाज को अफ्रीका में उगाने का सुझाव दिया।
बैठक के दौरान, राजीविका द्वारा प्रशिक्षित अफ्रीकी प्रतिनिधियों को राजीविका के द्वारा किये जा रहे नवाचारों एवं कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इसके साथ ही, राज्य में स्वायत्त ग्रामीण समूहों से जुड़ी महिलाओं द्वारा नीम के बीज की खाद, औद्योगिक उत्पादन और मिलेट उत्पादों के बारे में जानकारी प्रतिनिधियों के साथ साझा की गई। इस बैठक में राज्य में कृषि संबंधित क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान पर भी चर्चा की गई। बैठक में राजस्थान में नर्मदा नहर के माध्यम से जालोर एवं बाड़मेर जिलों में हो रही सिंचाई की प्रक्रिया के बारे में भी प्रेजेंटेशन एवं वीडियो के माध्यम से जानकारी दी गयी। बैठक के दौरान राजीविका महिला समूह के लिए कार्य कर रही श्रीमती श्वेता कुमारी राठौड़ एवं श्री संजय ने भी अफ्रीकन प्रतिनिधियों से विचार साझा किये।