संजय सक्सेना
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार चरम पर है। प्रथम चरण में आठ सीटों पर मतदान हो चुका है,लेकिन अभी तक कई सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। भाजपा,कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सभी दल करीब एक दर्जन सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर दुविधा में नजर आ रहे हैं।बसपा का तो इससे भी बुरा हाल है। भाजपा ने अभी तक जहां रायबरेली व कैसरगंज सीट पर उम्मीदवार के नाम के पत्ते नहीं खोले हैं वहीं समाजवादी पार्टी भी कन्नौज सहित पांच सीटों पर प्रत्याशी तय नहीं कर पाये हैैं।राज्य की 80 सीटों में से 17 पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस भी अब तक रायबरेली व अमेठी सीट पर किसी प्रत्याशी को नहीं उतार सकी है।
समाजवादी पार्टी 80 में से 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 17 सीटों पर कांग्रेस व एक सीट पर तृणमूल कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। इनमें से 57 सीटों पर सपा अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। उसे कन्नौज, फतेहपुर, कैसरगंज, बलिया व राबर्ट्सगंज में प्रत्याशी घोषित करने हैं। कन्नौज में अखिलेश यादव या फिर तेज प्रताप यादव में से कोई एक प्रत्याशी हो सकते हैं।फतेहपुर में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल या पूर्व सांसद डा.अशोक पटेल का नाम चल रहा है। बलिया में उपेंद्र तिवारी या फिर अतुल राय में से किसी एक को टिकट मिलने की उम्मीद है। सपा कैसरगंज में भाजपा के टिकट का इंतजार कर रही है, यदि भाजपा से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटता है तो सपा उन्हें टिकट दे सकती है। राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट पर सपा कोल उम्मीदवार को उतार सकती है। भाजपा ने अभी तक रायबरेली व कैसरगंज से प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं।
उधर,रायबरेली में कांग्रेस के प्रत्याशी के इंतजार में भाजपा ने पत्ते नहीं खोले हैं। महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न मामले में कैसरगंज के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का मामला न्यायालय में चल रहा है, इसमें 26 अप्रैल को निर्णय आना है। इस कारण भाजपा ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। वहीं कांग्रेस ने भी अभी तक अपनी परंपरागत सीट अमेठी व रायबरेली पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। प्रदेश संगठन ने अमेठी से राहुल गांधी व रायबरेली सीट से प्रियंका वाड्रा का नाम केंद्रीय नेतृत्व को भेजा है। राहुल केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।