
दीपक कुमार त्यागी
दिल्ली : अयोध्या शोध संस्थान (अयोध्या शोध संस्थान) के आमंत्रण पर रशियन-इंडियन फ्रेंडशिप सोसाइटी “दिशा” दीपोत्सव 2025 के दौरान अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत में अपनी नाट्य प्रस्तुति “दिशा रामलीला” प्रस्तुत करेगी, यह जानकारी संस्था के अध्यक्ष डॉ. रमेश्वर सिंह ने मॉस्को, रूस से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी। यह प्रस्तुति पद्मश्री गन्नादी मिखाइलोविच पेचनिकोव की स्मृति को समर्पित है। दीपोत्सव जो दिवाली का भव्य उत्सव है- का आयोजन 18-19 अक्टूबर 2025 को अयोध्या में किया जाएगा।
विभिन्न देशों के कलाकारों को इस अंतरराष्ट्रीय दीपोत्सव में आमंत्रित किया गया है, जहाँ वे रामलीला, भगवान श्रीराम के जीवन और आदर्शों पर आधारित पवित्र नाट्य प्रस्तुति, का मंचन करेंगे जो प्रकाश की अंधकार पर विजय का प्रतीक है।
“रामलीला” प्राचीन भारतीय महाकाव्य “रामायण” पर आधारित एक अतिपावन प्रस्तुति है, जो भगवान श्रीराम के जीवन, आदर्शों और उनके धर्मयुद्ध की कथा को प्रस्तुत करती है। रूस में रामलीला का इतिहास वर्ष 1960 के दशक से जुड़ा है, जब सोवियत और रूसी अभिनेता, रंगमंच निर्देशक और सांस्कृतिक व्यक्तित्व गन्नादी मिखाइलोविच पेचनिकोव, जिन्हें स्नेहपूर्वक “रशियन राम” कहा जाता था, ने ने लगभग दो दशकों तक “रामलीला” का मंचन किया।
उन्होंने भारत के कई दौरे किए और भारत सरकार द्वारा उन्हें बाल मित्र पदक तथा पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
लगभग चालीस वर्षों के अंतराल के बाद, रशियन-इंडियन फ्रेंडशिप सोसाइटी दिशा” ने पद्मश्री जी.एम. पेचनिकोव की स्मृति और भारत-रूस की अटूट मित्रता के सम्मान में “दिशा रामलीला” के पुनर्प्रदर्शन की परंपरा को पुनर्जीवित किया।
इस पुनर्जीवित “दिशा रामलीला का पहला प्रदर्शन 4-6 नवंबर 2018 को अयोध्या में हुआ था, दूसरा कुंभ मेला 2019, प्रयागराज में, और तीसरा दीपोत्सव 2022, 2023 अयोध्या में प्रस्तुत किया गया। अब अक्टूबर 2025 में “दिशा रामलीला मॉस्को” एक बार फिर दीपोत्सव के अंतरराष्ट्रीय मंच पर रूस का प्रतिनिधित्व करेगी यह भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन की विजयी कथा का उत्सव होगा, जो श्रद्धा, प्रकाश काश और एकता का शाश्वत प्रतीक है।
रूसी – भारतीय मैत्री संघ “दिशा” के अध्यक्ष डॉ. रमेश्वर सिंह ने अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार, रूस के भारत में राजदूत डेनिस एवगेनियेविच अलीपोव, तथा
जवाहरलाल नेहरू कल्चरल सेंटर (JNCC), मॉस्को की निदेशक मधुर कंकना रॉय, का, जिन्होंने रामलीला के पुनरुद्धार और भारत-रूस के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संबंधों को सशक्त करने में निरंतर प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान किया।