रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : जल जीवन मिशन की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण के क्रम में जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक में निर्माणाधीन देवराणा पंपिंग पेयजल योजना के निर्माण की प्रगति की मौके पर जाकर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह विष्ट ने पड़ताल की। 15.36 करोड़ रुपये की लागत की इस योजना से 15 गांवों की सात हजार से अधिक आबादी को लाभान्वित किया जाना है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस योजना के लिए बिल्ला गांव के निकट यमुना तट पर निर्माणाधीन पंपिंग स्टेशन, इंटेक वेल, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। योजना के काम में विलंब होने पर पेयजल निगम के अधिकारियों को आगाह किया है कि इस महत्वाकांक्षी योजना के निर्माण में देरी को अब कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। इस योजना से संबंधित वन भूमि की स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी करा दी गई है। लिहाजा सभी इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन, टैंक, राईजिंग मेन और वितरण लाईनों का काम युद्ध स्तर पर पूरा करने के मौके पर ही निर्देश दिए गए। इस योजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की भूमि से संबंधित विवाद का तुरंत समुचित निस्तारण कराते हुए सभी निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूरा करने और योजना में निगरानी व सुरक्षा से संबंधित उपायों का भी पूरा ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पेयजल निगम के अधिकारियों को इस योजना के साथ ही अन्य सभी बड़ी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट हर पन्द्रह दिनों के अंतराल पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं और जल जीवन मिशन के कार्यों की अब हर पखवाड़े में समीक्षा किए जाने का निश्चय किया गया है।
योजना की कार्यदायी संस्था पेयजल निगम के अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में वन भूमि की स्वीकृति की प्रक्रिया में विलंब होने के कारण इस योजना का काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो सका है। वर्तमान में योजना इंटेक वेल से संबंधित कार्य लगभग पूर्ण है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण में भूमि संबंधी विवाद के कारण प्रभावित हुआ है। इस योजना से लाभान्वित होने वाले 15 गांवों में कुल 18 टैंक बनाए जाने प्रस्तावित हैं जिनमें से 13 टैंक का निर्माण पूरा हो चुका है।