रविवार दिल्ली नेटवर्क
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से एक सर्वे कराया गया। कोलकाता की घटना के बाद हुए सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.
नई दिल्ली: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी और हत्या की घटना के बाद देशभर में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के एक सर्वे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस अध्ययन से यह बात सामने आई है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिला डॉक्टर खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं।
आईएमए द्वारा कराए गए एक सर्वे से पता चला है कि ज्यादातर महिला डॉक्टर अपनी नाइट शिफ्ट के दौरान असुरक्षित महसूस करती हैं। अध्ययन में शामिल एक तिहाई डॉक्टरों (ज्यादातर महिलाओं सहित) ने बताया कि वे रात की पाली के दौरान असुरक्षित महसूस करते हैं। कोलकाता की घटना के बाद, आईएमए ने रात की पाली में डॉक्टरों की सुरक्षा चिंताओं का आकलन करने के लिए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया। इसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। आईएमए द्वारा 3885 डॉक्टरों पर किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि महिलाओं को नाइट शिफ्ट के दौरान अलग से कमरा नहीं दिया जाता है। सर्वेक्षण में शामिल 45% डॉक्टरों ने कहा कि उनके पास अलग से ड्यूटी रूम नहीं है। इसके अलावा, एक तिहाई ड्यूटी रूम में अलग शौचालय की सुविधा नहीं है। जबकि 53 फीसदी ड्यूटी रूम वार्ड या इमरजेंसी वार्ड से 100 से 1000 मीटर की दूरी पर हैं। 35 साल से कम उम्र के डॉक्टरों में 61 प्रतिशत प्रशिक्षु या पीजी प्रशिक्षु हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आईएमए के इस ऑनलाइन सर्वे में 22 राज्यों के 3,885 डॉक्टरों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 63% महिला डॉक्टर हैं। 85% युवा डॉक्टरों ने ज्यादा डर जताया। 20-30 वर्ष की आयु वर्ग के डॉक्टरों में असुरक्षा की भावना अधिक है, जिनमें से अधिकांश प्रशिक्षु या पीजी प्रशिक्षु हैं। इस समय, कुछ डॉक्टरों ने कहा कि वे आत्मरक्षा के लिए चाकू और काली मिर्च स्प्रे रखते हैं। इस सर्वे के दौरान डॉक्टर ने कई मांगें रखीं। सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने की मांग की गयी। साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाने और उचित रोशनी की व्यवस्था करने को कहा गया है। इस दौरान सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट (सीपीए) लागू करने की मांग भी की गई। साथ ही, अलार्म सिस्टम की उपलब्धता और सुरक्षित, स्वच्छ ड्यूटी रूम जैसी बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान की भी मांग की गई है।