अवधेश कुमार
पंजाब के अमृतसर में हिंदू नेता की दिनदहाड़े सुरक्षाकर्मियों और उनके समर्थकों के समक्ष हत्या से पूरे देश में आक्रोश पैदा हुआ है। हिंदू नेता व शिवसेना टकसाली के अध्यक्ष सुधीर सुरी के शरीर में दनादन गोलियां उस समय उतारी गई जब वे मजीठा रोड के कश्मीर एवेन्यू स्थित गोपाल मंदिर के बाहर खंडित मूर्तियां पाए जाने के विरोध में धरना दे रहे थे। स्वाभाविक ही धरना में उनके साथ और भी लोग थे। सुधीर सूरी को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। उनके सुरक्षा में 15 सुरक्षाकर्मी तथा एक पायलट जिप्सी था। इनमें से 12 उनके साथ से। धरनास्थल पर भी पुलिसकर्मी तैनात थे क्योंकि वहां की सुरक्षा की व्यवस्था स्थानीय पुलिस की थी। इन सबके बावजूद हत्यारा संदीप सिंह सन्नी कार से पहुंच कर पिस्टल से 5 गोलियां चलाने में सफल हो गया। निस्संदेह, यह आतंकवादी घटना है । वह गिरफ्तार हो चुका है लेकिन यह पुलिस के लिए कीर्तिमान नहीं है। वह सरेआम सुरक्षाकर्मियों और लोगों के सामने गोली मारने आया था तो उसे अहसास रहा होगा कि मारा भी जा सकता है और अगर नहीं मारा गया तो गिरफ्तार होना ही है। जो व्यक्ति मरने या गिरफ्तार होने की मानसिकता से हत्या करने आया हो उसकी गिरफ्तारी पुलिस की सफलता नहीं मानी जा सकती। आतंकवादी इसी मानसिकता में वारदात करते हैं। अलगाववादी तत्व पंजाब में भय का ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जिससे कोई खालिस्तान के विचारों का विरोध करने का साहस न करे। पंजाब में भगवंत मान सरकार आने के बाद सरेआम खालिस्तान समर्थकों ने सड़कों पर खालिस्तान के पक्ष में नारे लगाए हैं और उनके जुलूसों को पुलिस की सुरक्षा मिली है। सुधीर सूरी के विचारों से असहमति रखना अलग बात है लेकिन इसके लिए किसी की हत्या हो जाए और वह भी जानते हुए कि उनकी जान को खतरा है तो यह पूरी सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह है। सुधीर सूरी ने खालिस्तान समर्थकों का विरोध करते हुए 6 वर्ष पहले यह बोल दिया था कि अगर वे एक हिंदू को मारेंगे तो वह उनके 10 गिराएंगे। वे गिरफ्तार भी हुए थे और जमानत पर छूट कर बाहर निकले। हत्यारा स्थानीय दुकानदार है। जरा सोचिए ,पुलिस के सामने गोली चलाने का साहस करना पंजाब की कानून और व्यवस्था को लेकर कितना बड़ा प्रमाण पत्र है? यह इस बात का भी प्रमाण है कि खालिस्तानी तत्वों ने किस तरह दुस्साहस वाले आतंकवादी पैदा कर दिए हैं। संदीप की कार पर खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की तस्वीर लगी हुई है। अमृतपाल जरनैल सिंह भिंडरावाले और खालिस्तान समर्थक है। कार से एक सूची बरामद हुई है जिसमें कुछ नाम लिखे हैं। कुछ कागजों पर हिंदू नेताओं, पादरियों की तस्वीरें भी है। इनमें से कुछ हिंदू नेताओं की तस्वीरों पर क्रॉस लगा था। मिली तस्वीरों में टीवी कलाकार भारती सिंह, मनीषा गुलाटी, मनजिंदर सिंह बिट्टा, राम रहीम और कुछ बंदी सिंहों की तस्वीरें हैं। कुल मिलाकर संदीप के आतंकवादी होने के ये पुख्ता प्रमाण हैं।
सुधीर सूरी के जीवन पर खतरे को लेकर पंजाब सुरक्षा के शीर्ष स्तर पर शायद ही किसी को संदेह रहा हो। वे आक्रामक होकर खालिस्तानी आतंकियों आईएसआई आदि के खिलाफ बोलते थे। उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलती रहती थी। पिछले ही महीने दिवाली से पहले अमृतसर के कटरा अहलूवालिया में पंजाब एवं दिल्ली पुलिस ने कनाडा के आतंकवादी लखबीर सिंह लांडा के चार सहयोगियों को एक होटल से गिरफ्तार किया था। इन चारों ने बताया था कि उनके निशाने पर सुधीर सूरी थे। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार भी पकड़े गए थे। हाल में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की ओर से भी पंजाब पुलिस को उनकी हत्या की आशंका संबंधी अलर्ट भेजा गया था। उसके बाद उनकी सुरक्षा की ज्यादा चिंता की जानी चाहिए थी। पंजाब पुलिस को इस बात का उत्तर देना होगा कि आखिर उसने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था में क्या बदलाव किया था? यह प्रश्न इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि पिछले कुछ महीनों में पंजाब के अलग-अलग जगहों से खालिस्तानी आतंकवादियों की धरपकड़ हुई है तथा हथियार भी बरामद हुए हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से लेकर विदेशी एजेंसियों तक ने आतंकवादियों द्वारा देश के अंदर और बाहर से हिंसा की रची जा रही साजिशों के बारे में भी संकेत दिया था।
लंडा पाकिस्तान में आतंकवादी हरमिंदर सिंह उर्फ रिंदा के साथ मिलकर आतंकवादी गतिविधियां चला रहा है। लांडा ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। अपने फेसबुक अकाउंट लंडा हरिके से पोस्ट कर कहा है कि सिख धर्म या किसी भी अन्य धर्म के बारे में बुरा बोलते हैं वो सभी तैयार रहें। सभी की बारी आएगी। सुरक्षा लेकर यह न समझें कि बच जाएंगे। अभी तो शुरुआत हुई है, हक लेना बाकी है। यानी जिसके द्वारा हत्या की साजिश रचने की सूचना है वह हत्या करवा देता है और दावा भी करता है। पंजाब में बढ़ते आतंकवादी खतरे और सुरक्षा व्यवस्था की विफलता का इससे बड़ा समान कुछ नहीं हो सकता। मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग के मुख्यालय पर हुए हमले में भी लखबीर सिंह का नाम आया था। कुछ ही दिन पहले तरनतारन में कपड़ा व्यापारी की हत्या हुई थी उसमें भी उसी का नाम सामने आया। वह तरनतारन का ही रहने वाला था जो कनाडा में बस गया है। पाकिस्तान से खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल सिंह चावला ने भी वीडियो जारी किया है। इसमें उसने सुधीर सूरी के हत्यारे को शाबाशी देते हुए कहा है कि जिस सिख युवक ने हत्या की है उसके लिए हमारी जान भी कुर्बान है। वह भी कह रहा है कि इसी तरह पंजाब के कई हिंदू नेता निशाने पर हैं और उनका भी नंबर आने वाला है। गोपाल खुलकर कई हिंदू व सिख नेताओं का नाम ले रहा है। नवंबर 2018 में अमृतसर में हुए ग्रेनेड हमले में जांच के दौरान गोपाल सिंह चावला की संलिप्तता सामने आई थी। वह पाकिस्तान में बैठकर आईएसआई के साथ पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। चावला इस तरह का वीडियो जारी करता रहा है।
पंजाब में फिर अलगाववादी खालिस्तानी विद्रोह को तेज करने तथा हिंसा फैलाने की साजिशों के प्रमाण लगातार मिलते रहे हैं। 2021 में केवल सीमा सुरक्षा बल ने 3322 गोला-बारूद और 485 किलोग्राम हेरोइन सहित 34 हथियार बरामद किए थे। जनवरी 2021 में पंजाब पुलिस ने एक अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर 3.79 किलोग्राम आरडीएक्स और 5 किलोग्राम आईईडी बरामद किया था। इसके अलावा गिराए गए बरामद किए गए हथियारों की कुल संख्या के बारे में आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस ने जनमत संग्रह की आवाज उठाई और उसे भी समर्थन देने वाले निकले। यह बात अलग है कि इसमें वे सफल नहीं हुए। कनाडा में वर्ल्ड सिख ऑर्गेनाइजेशन का केंद्र है जिसकी कई देशों में इकाइयां है। ब्रिटेन में नेशनल सिख यूथ फेडरेशन सक्रिय है। अमेरिका में ही खालिस्तान परिषद है। हालांकि घोषित आतंकवादी संगठनों का समूह अब पाकिस्तान में केंद्रित है। इनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, खालिस्तान कमांडो फोर्स और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स मुख्य है। इनके सदस्य दुनिया के दूसरे देशों में होंगे लेकिन पंजाब में भी कुछ हैं।
जाहिर है ,सुधीर सूरी की हत्या ने नए सिरे से खालिस्तानी आतंकवाद के सक्रिय होने का प्रमाण दिया है। यह भी कोई छिपी बात नहीं है कि पंजाब में हिंदुओं और सिखों के बीच संघर्ष पैदा करने की साजिशें हो रही हैं। पहले भी संघ सहित कई हिंदू नेताओं की हत्यायें हुईं है। आगे कई निशाने पर हैं। चिंता की बात है कि वर्तमान आम आदमी पार्टी की सरकार खतरे को उस रुप में नहीं ले रही। खालिस्तानी तत्व इसका लाभ उठा रहे हैं। न केवल हिंदू नेताओं बल्कि पूरे पंजाब की सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा कर ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि आतंकवाद, हिंसा एवं अस्थिरता में पंजाब को झोंकने का षड्यंत्र करने वाली शक्तियां सफल न हो पाए। पंजाब की बिगड़ती स्थिति और हत्या पर गुस्सा स्वभाविक है । खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई एवं सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने का दबाव निश्चित रूप से बनाया जाना चाहिए लेकिन इसे किसी तरह तनाव और हिंसा का कारण नहीं बनने देना होगा। भारत की एकता अखंडता सर्वोच्च प्राथमिकता है और पंजाब सीमा पर होने के कारण हमारा प्रहरी है। दुश्मन किसी तरह इसका लाभ न उठा पाए यह ध्यान रखा जाना जरूरी है।