कामयाब नहीं होती है दोहरी नीति

अरुण कुमार चौबे

मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारतीजी ने मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी होना चाहिये इसके लिये भगीरथ प्रयत्न किया मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार से पूर्ण शराब बंदी करने के लिये बार-बार आग्रह किया। हमारे प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती की बात को गंभीरता से नहीं लिया। बल्कि शराब पीने वालों को अत्यंत किफायती मूल्य पर 24 घंटे शराब कैसे मिल सके इसका शानदार इंतजाम किया है। हमारे मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री कहते हैं कि मध्यप्रदेश में पूर्ण शराब बंदी लागू नहीं होगी। हम नशा मुक्ति को प्रोत्साहित करेंगे कि लोग शराब पीने जैसी बुराई से दूर रहें और जब शराब पीना बंद हो जाएगा तो शराब नहीं बिकेगी और शराब की दुकाने अपने आप ही बंद हो जायेंगी। इस समय जहाँ पर शराब की दुकाने हैं उन्हें हटाने के लिये लोग विरोध कर रहे हैं। शराब की दुकानों के आसपास से मातृशक्ति सुरक्षित नहीं निकल सकती है। महिलाओं के नेतृत्व में शराब की दुकाने हटाने का विरोध किया जाता है। जिसे समाचार चैनलों पर प्रतिदिन ही देखा जा सकता है और प्रतिदिन विभिन्न समाचार पत्रों में पढ़ा जा सकता है। हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का यह मतिभ्रम है या अति आत्म विश्वास है ये वो ही जाने कि नशा मुक्ति को प्रोत्साहित करने से लोग शराब जैसे दुर्व्यसन को त्याग कर सदाचारी बन जाएंगे। जो भी संत महात्मा श्रीमद भागवत कथा करते हैं या श्रीराम कथा करते हैं वो समग्र समाज से आग्रह करते हैं कि लोगों को तंबाखू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, शराब मांस अंडा जैसे व्यसनौ का त्याग कर देना चाहिये। शिवपुरी की एक भागवत कथा में तो पूज्य श्री संत ने झोली फैला कर भिक्षा मांगी थी कि उपरोक्त उल्लेखित समस्त व्यसनौ को मेरी झोली मे डाल कर आप इन सभी बुराईयों को त्याग दीजिए परंतु किसी में भी इन बुराईयों को त्यागने की हिम्मत नहीं थी पूज्य संत को अपनी झोली खाली लेकर ही संतोष करना प़डा। जो समाज धार्मिक प्रवचन सुनकर दान देकर स्वर्ग और मोक्ष चाहता है वो उन बुराईयों को कभी नहीं छोड़ना चाहता है जो हर भयावह मौत रोग और पारिवारिक अशांति का कारण है। जो दुनिया संत महात्माओं की बात नहीं मान रही है वो मुख्यमंत्री की नशा मुक्ति की अपील को कैसे मान सकती है। हमारे प्रदेश में पेट्रोल डीजल रसोई गैस जैसी कई मूलभूत आवश्यक वस्तुओं पर भारी टैक्स लगा रखा है और सस्ती शराब 24 घंटे कैसे मिले इसका शानदार इंतजाम करके नशा मुक्ति के आंदोलन का दिखावा किया जा रहा है। सुश्री उमा भारती राज नेता होने से कहीं ज्यादा संत हैं और अध्यात्म के प्रति समर्पित हैं वो जानती है कि शराब एक सामाजिक बुराई है जिसने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है। रोज ही पुलिस थानों मे रिपोर्ट दर्ज होती है कि पति शराब पीकर मारता है औरत की मेहनत मजदूरी की कमाई को छीन कर शराब पीकर कहीं गंदगी में पड़ा रहता है या सड़क दुर्घटना मे मर जाता है। सुश्री उमा भारती समग्र समाज को व्यसन की बुराईयों से दूर रखना चाहती हैं इसलिये उन्होंने शराब की दुकानों पर ईंट फैंकी थी। हमारे मुख्यमंत्री कहते हैं कि प्रदेश में अपराधियों के लिये कोई जगह नहीं है। शराब पीने वालों के लिये सभी प्रकार की सुविधा है हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चाहें तो शराब तंबाखू गुटखा सिगरेट अंडा मुर्गी और मांस पर भारी टैक्स लगा सकते हैं और पेट्रोल डीजल और रसोई गैस पर टैक्स कम करके प्रदेश की आम जनता को राहत दे सकते हैं यदि शराब बंदी होती है तो यह धर्म और नीति का सम्मान होगा। इसके बावजूद भी जो पीने के आदी हैं वो शराब का महँगा होना नहीं देखते बल्कि सस्ता नशा चाहते हैं। किसी भी त्योहार के एक दो दिन पहले शराब की दुकानों को बंद रखने की परम्परा शराबियों के लिये सुखद सूचना है या त्योहारों का सम्मान है इसका उत्तर तो सरकार के ही पास होगा।