शुभ संकेत नहीं रिश्तों में संशय, अविश्वास, ईर्ष्या !

Doubt, distrust, jealousy in relationships are not good signs!

सुनील कुमार महला

किसी भी समाज में रिश्तों की अहमियत बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, क्यों कि ये रिश्ते ही होते हैं जो हमें भावनात्मक सहारा, विश्वास और सुरक्षा प्रदान करते हैं।कहना ग़लत नहीं होगा कि रिश्ते जीवन में खुशियों और दुखों को साझा करने में हमारी मदद करते हैं।सच तो यह है कि रिश्ते न केवल हमारे व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि ये हमारे समाज में एकता और सद्भाव भी बनाए रखते हैं। आज यह देखा जा रहा है कि रिश्तों का सरेआम कत्ल हो रहा है।इस संदर्भ में यहां पाठकों को बताता चलूं कि हाल ही में मेघालय में इंदौर के युवक राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी को भी गिरफ्तार किया गया है। सोनम को यूपी पुलिस ने गाजीपुर के एक ढाबे से गिरफ्तार किया। उपलब्ध जानकारी के अनुसार इंदौर से विवाह के तुरंत बाद राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी मेघालय हनीमून पर गए थे और राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम अचानक लापता हो गए थे।इस घटना ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। 23 मई को लापता होने के बाद राजा का शव हालांकि दो जून को बरामद हो गया था, लेकिन सोनम के लापता होने की घटना निरंतर देशवासियों को परेशान करती रही। यहां पाठकों को बताता चलूं कि 2 जून को पुलिस को वेईसावडॉन्ग वॉटरफॉल के पास एक गहरी खाई में एक शव मिला।इस शव की हालत बुरी तरह खराब थी और उसकी पहचान करना मुश्किल था, लेकिन राजा के हाथ पर गुदे ‘राजा’ टैटू ने उसकी पहचान पक्की कर दी। पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि हो गई। जानकारी के अनुसार राजा की मौत सिर में गहरी चोट और धक्का देने से हुई थी। कहना ग़लत नहीं होगा कि राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी की कहानी ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। शादी-ब्याह खुशियों का प्रतीक होते हैं और भारतीय समाज में शादी एक बहुत ही पवित्र रिश्ता माना गया है। बहुत ही दुखद है कि शादी का पवित्र रिश्ता एक भयानक त्रासदी और रहस्यमयी हत्याकांड में बदल गया, तथा इसने हमारे पूरे समाज को झकझोर दिया। घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर अतिरंजित टिप्पणियां तक की जाती रहीं। इंदौर के राजा दंपति का हनीमून मनाने मेघालय जाना, फिर अचानक दोनों का गायब होना, इसके बाद राजा का शव बरामद होना तथा सोनम के लापता होने का घटनाक्रम किसी फिल्मी कहानी की तरह आगे बढ़ता रहा। हाल फिलहाल, इस मामले ने न केवल मेघालय पुलिस बल्कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस जांच कर रही है। इधर, सोनम के परिजन सोनम को बेगुनाह बता रहे हैं वहीं दूसरी ओर राजा का परिवार दोषियों को सजा देने की मांग कर रहा है। बहरहाल, दिलचस्प बात यह है कि(जैसा कि खबरों में सामने आया है) हनीमून की पूरी प्लानिंग सोनम ने खुद की थी। यहां तक कि टिकट से लेकर होटल बुकिंग तक सब कुछ सोनम के नाम से हुआ।पुलिस के मुताबिक यहीं से साजिश की नींव रखी गई थी।चर्चा यह भी है कि इंदौर के ही रहने वाले राज कुशवाहा से सोनम का अफेयर था। इन दोनों का रिश्ता शादी से पहले से था। जानकारी के अनुसार सोनम को शादी परिवार के दबाव में करनी पड़ी, लेकिन वह राज के संपर्क में बनी रही। फिर दोनों ने मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची। हाल फिलहाल, राज कुशवाहा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बहरहाल, कहना ग़लत नहीं होगा कि पूरा मामला तो पुलिस की गहन जांच के बाद ही सामने आ पाएगा कि आखिर सोनम को ऐसे कदम क्यों उठाने पड़े ? वास्तव में आज विवाह संस्था पर लगातार खतरे मंडरा रहे हैं। पाठक जानते हैं कि भारतीय समाज में विवाह एक महत्वपूर्ण सामाजिक संस्था है, जो जीवन के कई पहलुओं जैसे कि परिवार, समाज और संस्कृति को प्रभावित करती है। वास्तव में विवाह परिवार की असली नींव है।विवाह समाज में स्थिरता और व्यवस्था बनाए रखने में तथा हमारी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को बनाए रखने में मदद करता है। वास्तव में विवाह केवल एक औपचारिक समारोह का रूप मात्र नहीं है, बल्कि इसे एक पवित्र बंधन, संस्कार माना जाता है।सच तो यह है कि विवाह स्त्री और पुरुष को पारिवारिक जीवन में प्रवेश कराने वाली एक संस्था है। सोनम ने अपने पुराने प्रेम संबंधों के लिये अपने पति राजा को अपनी राह से हटाया। कहना ग़लत नहीं होगा कि पति-पत्नी के जिन रिश्तों को जन्म-जन्मांतर का साथ बताया जाता था, उन्हें हाथ की मेहंदी सूखने से पहले कत्ल किया जाना, हमारे समाज में बढ़ती संवेदनहीनता व अविश्वास को ही उजागर करता है। वास्तव में आज हमारे समाज से नैतिक मूल्यों, आदर्शों और प्रतिमानों का लगातार पतन होता चला जा रहा है और हम पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव है। हम हमारी सनातन संस्कृति को लगातार भूलते चले जा रहे हैं और पाश्चात्य संस्कृति में रम-बस से गये हैं। आज रिश्तों का कत्ल हो रहा है और सोनम वाला मामला पहला मामला नहीं है। पाठकों को बताता चलूं कि इस साल मार्च में मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड ने भी पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सौरभ हत्याकांड के आरोपी साहिल ने अपनी प्रेमिका मुस्कान के साथ मिलकर बीते 3 मार्च को सौरभ की हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं, कुछ समय पहले हरियाणा के झज्जर में एक महिला होटल संचालक की उसी के घर में चाकू से गला काटकर हत्या कर दी गई थी। बहरहाल, कहना ग़लत नहीं होगा कि आए दिन मीडिया की सुर्खियों में हमें रिश्तों के कत्ल के मामले पढ़ने सुनने को मिलते रहते हैं। आज हमारे समाज में अविश्वास की खाई गहराती चली जा रही है। रिश्तों को संशय की दृष्टि से देखा जाने लगा है। वास्तव में, सच तो यह है कि ऐसी घटनाएं हमारे समाज में आपसी विश्वास, संवाद और समझ की ज़रूरत को उजागर करती हैं। परिवार में छोटी-छोटी बातों को समय रहते सुलझाना बेहद जरूरी है, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों। रिश्तों में संशय, अविश्वास, ईर्ष्या किसी भी स्वस्थ समाज के लिये शुभ व अच्छा संकेत कदापि नहीं कहा जा सकता है।