डाॅ. निशंक का नाम हुआ वल्र्ड बुक ऑफ़ रिकाॅर्ड में दर्ज

रविवार दिल्ली नेटवर्क

डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ का नाम ‘वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज होना न केवल हम सबके लिए अपितु राष्ट्रभाषा हिंदी और भारत के गर्व की बात हैं। डॉ. निशंक गरीब परिवार से आये है, किन्तु संस्कारों की दृष्टि से वे अत्यंत समृद्ध परिवार में पैदा हुए। यह बात यहाँ नई दिल्ली के साहित्य अकादमी के सभागार में डॉ. निशंक का नाम वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होने के अवसर पर आयोजित एक भव्य समारोह में केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय ने कही।

एक ही साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के साहित्य पर निर्बाध रूप से एक वर्ष से अधिक समय तक 50 श्रृंखलाओं से अधिक ऑनलाइन वेबिनार वार्ता ‘‘डॉ. निशंक का रचना संसार’’ नाम से प्रसारित होने पर विश्व कीर्तिमान बना है। साहित्य अकादमी सभागार में वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की महासचिव सुश्री तिथि भल्ला एवं मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय द्वारा उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रूप में केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय, अध्यक्ष के रूप में महात्मा गाँधी अन्तराष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति डॉ. रजनीश कुमार शुक्ल, विशिष्ट अतिथि के रूप मे नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द प्रसाद शर्मा, इग्नू की कुलपति प्रो. सुमित्रा कुकरेती, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय, ऑनलाइन वेबिनार वार्ता के संरक्षक डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरुण’ सहित भारत के लगभग सभी प्रान्तों से आये प्रतिभागी उपस्थित थे।

वल्र्ड बुक ऑफ़ रिकाॅर्ड का प्रमाण पत्र ग्रहण करते डाॅ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

‘डॉ. निशंक का रचना संसार नाम’ से 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर एक अनवरत ऑनलाइन वेबिनार कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी। आज यह कार्यक्रम एक विशाल वट वृक्ष का रूप धारण कर चुका है। अब तक इसके 60 एपिसोड सफलतापूर्वक प्रचारित हो चुके हैं। इसके अंतर्गत डॉ. निशंक के सोलह काव्य संग्रह चैदह काव्य संग्रह, चार व्यक्तित्व विकास, चार पर्यटन ग्रन्थ, दस यात्रा वृत्तांत, तीन जीवनी सहित अन्य कथेतर साहित्य की साठ पुस्तकों पर देश के लगभग सभी राज्यों के प्रसिद्ध साहित्यकारों, शिक्षाविदों एवं समीक्षकों द्वारा चर्चा की गई हैं।

डॉ. निशंक ने देश के अनेक राज्यों से कार्यक्रम में आये विद्वान प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया कि आपके ही माध्यम से यह विश्व कीर्तिमान बनाना संभव हो पाया। वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की महासचिव सुश्री तिथि भल्ला एवं मंत्री महेंद्रनाथ पाण्डेय द्वारा डॉ. निशंक को विश्व कीर्तिमान बनने का प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए समानित किया गया। इसके साथ ही इस वेबिनार मे प्रतिभाग करने वाले अनेक विद्वानों को भी सम्मानित किया गया।

इनमें डॉ. रुपाली सारये उज्जैन, डॉ. पुनीत बिसारिया झांसी, डॉ. उषी बाला गुप्ता दिल्ली, डॉ. दीपक पंजाब, डॉ. किरण खन्ना अमृतसर, डॉ. सुनीता सक्सेना एटा, डॉ. संजय कुमार लद्दाख, श्री परमजीत कुमार पंजाब, डॉ. स्मरप्रिया जम्मू-कश्मीर, डॉ. प्रभात कुमार बिहार, डॉ. पूर्णिमा मैसूर, आशा शर्मा हिमाचल, प्रो. सूर्यकांत असम, डॉ. सरोज बाला गुरुदासपुर, डॉ. रवि गौड़ हिमाचल प्रदेश, डॉ.साधना अग्रवाल दिल्ली, डॉ. कमलेश सरीन दिल्ली, डॉ. मुन्नी चैधरी दिल्ली, डॉ. राकेश कुमार दूबे दिल्ली, डॉ. वसुंधरा उपाध्याय पिथौरागढ़, डॉ. वेद प्रकाश दिल्ली डॉ. ब्रिजेश कुमार दिल्ली, डॉ. अनिरुद्ध कुमार सुधांशु दिल्ली सहित अनेक लोगों को सम्मानित किया गया। इसके पश्चात रचना संसार वेबिनार टीम को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन हिमालय विरासत न्यास, स्याही ब्लू बुक्स और वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. विजय मिश्रा द्वारा किया गया।