रविवार दिल्ली नेटवर्क
लाहौल घाटी में इन दिनों सुखे का दौर चल रहा है। बर्फवारी नही होने से घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फवारी नहीं होने से सुनी पड़ी हुई है। इसके साथ साथ तापमान में भी असमान्य रूप से बढौतरी दर्ज की जा रही है । जिससे घाटी के किसान व बागवान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि नवम्बर दिसंबर महीने की बर्फवारी ग्लेशियर में जमा हो जाता है और गर्मियों के दिनों में नदी नालों में पानी की शक्ल में खेत खलियान तक पहुंचता है। वहीं भूमिगत चश्मे भी पुनर्भरण होते हैं। उधर मौसम विज्ञान केन्द्र ने 12 नवंबर से मौसम खराब रहने तथा ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फवारी की सम्भावना जताई है। अब देखना है कि आने वाले दिनों में मौसम किस करवट बैठता है।