- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अनावंटित पूल से बिजली देने के निर्देश दिए
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाकर बिजली संकट के स्थायी समाधान के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे। लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से राजस्थान को को मिलेगी 265 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी।
मंगलवार को नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मौजूदगी में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहरलाल खट्टर, राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल के मध्य आयोजित बैठक में ऊर्जा विभाग की योजनाओं, राज्य में नए प्रोजेक्ट सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई, इस बैठक में केंद्र की ओर से राजस्थान को अतिरिक्त बिजली देने का निर्णय लिया गया है।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से राजस्थान के अनावंटित पूल से यह अतिरिक्त बिजली मिलेगी। अतिरिक्त बिजली मिलने से बिजली आपूर्ति में सुधार होगा, इसके अलावा विशेष रूप से रबी की फसल में किसानों को सिंचाई के लिए गत वर्ष की अपेक्षा अधिक समय तक दिन में बिजली उपलब्ध होगी। इस मौके पर बिरला ने कहा कि राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। निर्बाध बिजली के साथ किसानों को समय पर कृषि कनेक्शन और सिंचाई के लिए आवश्यक बिजली उपलब्ध करवाना हमारी प्राथमिकता है। इसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान को हर संभव मदद की जाएगी।
राज्य के ऊर्जा मंत्री नागर ने लोकसभाध्यक्ष बिरला और केंद्रीय मंत्री खट्टर को राजस्थान में बिजली की वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए केन्द्रीय बिजलीघरों के अनावंटित कोटे से बिजली आवंटित कराने का आग्रह किया था। केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय ने मंगलवार को ही राजस्थान को पश्चिम रीजन से 30 सितम्बर तक यह बिजली उपलब्ध कराने के आदेश जारी कर दिए। अब प्रदेश को इस कोटे से 1 हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध होगी।
ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हमने सोलर प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर काम शुरू कर दिया है वहीं 4 संयुक्त उपक्रमों की स्थापना को मंजूरी दी गई है, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने केंद्र के स्तर पर जल्द स्वीकृति के लिए आश्वस्त किया है। नागर ने प्रदेश में बैटरी स्टोरेज क्षमता विकसित करने में केन्द्र सरकार से सहयोग का आग्रह किया। खट्टर ने आश्वस्त किया कि 2 हजार मेगावाट बैटरी स्टोरेज क्षमता विकसित करने में केन्द्र सरकार लागत राशि का 20 प्रतिशत तक सहयोग प्रदान करेगी।