राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों ज़िलों के ज़िला कलक्टर को दिये पुरस्कार
नीति गोपेन्द्र भट्ट
नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर राजस्थान के डूंगरपुर और सलूंबर जिलो को राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा मंगलवार को आयोजित पुरस्कार समारोह में डूंगरपुर जिले की ओर से जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और सलूंबर जिले की ओर से जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने राष्ट्रपति से यह पुरस्कार प्राप्त किया।
समारोह में पुरस्कार ग्रहण करने के बाद सलूंबर के कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने बताया कि ‘सुगम्य भारत अभियान’ के तहत जिले के 1,000 से अधिक सरकारी इमारतों को दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाया है। इसके लिए रैंप और लिफ्ट का प्रावधान किया गया जिसके लिए दिव्यांगजनों की पहचान के लिए घर-घर सर्वेक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान में 5,900 से अधिक दिव्यांग प्रमाण पत्र और 4,400 यूडीआईडी कार्ड जारी करना सुनिश्चित कर गैर सरकारी संगठनों और विभिन्न विभागों के साथ इसके सहयोग से दिव्यांग समुदाय के लिए बेहतर सुगमता और जागरूकता सुनिश्चित की गई है।
डूंगरपुर जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने ‘नो वन लेफ्ट बिहाइंड’ अभियान के तहत 8,692 दिव्यांगजनों को पेंशन 5,100यूडीआईडी कार्ड और 217 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 1,057 दिव्यांग जनों को सहायता प्रदान की।
उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत, 2023-24 में 7,232 दिव्यांगजनों ने 2.5 लाख कार्य दिवस सृजित किए और रु. 4 करोड़ 60 लाख रूपये की मजदूरी अर्जित की। श्री सिंह ने बताया कि दिव्यांगजनों के समावेशन और सशक्तिकरण में इनके प्रयासों ने कल्याणकारी योजनाओं पहुंचाने में एक नई मिसाल कायम की है।
उल्लेखनीय है कि यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को उत्कृष्ट दिव्यांग जनों और दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण के लिए काम करने वाले व्यक्तियों, संगठनों को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर प्रदान किए जाते हैं। यह पुरस्कार दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों पर जनता का ध्यान केंद्रित करने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं।