- कोंडागांव के किसान की ब्राजील में धमक: केरिओका बीन्स से अनोखी मिठाई तक
- डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने ब्राजील में रचा इतिहास, कृषि सहयोग की नई राहें खुलीं
- भारत-ब्राजील कृषि संगम: बस्तर कोंडागांव के किसान का ब्राजील में जलवा
- ब्राजील में भारतीय राजदूत की पहल से ‘केरिओका बीन्स’ से बनी विशेष मिठाई, भारतीय दल का शानदार स्वागत
- डॉ. राजाराम त्रिपाठी की सफलता गाथा: विश्व पटल पर भारत की आवाज
ब्राजील के राजदूत की अनूठी पहल पर ‘केरिओका बीन्स’ से बनी अनोखी मिठाई ने रचा इतिहास
राजाराम त्रिपाठी
ब्राजील और भारत के 75 वर्षों के गौरवशाली सहयोग को और मजबूत करते हुए, छत्तीसगढ़ के कोंडागांव के प्रगतिशील किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने एक बार फिर अपनी अद्वितीय सोच और नवाचार से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया। अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) के अध्यक्ष और एमएफओआई पुरस्कार विजेता डॉ. त्रिपाठी के नेतृत्व में भारतीय दल इन दिनों ब्राजील के कृषि अध्ययन भ्रमण पर है।
ब्राजील के ब्रासीलिया स्थित भारतीय दूतावास में राजदूत श्री सुरेश रेड्डी के विशेष आमंत्रण पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भारतीय कृषि दल का आत्मीय स्वागत किया गया। *राजदूत सुरेश रेड्डी जी की पहल से इस अवसर पर एक ऐसा अनूठा प्रयोग प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर , चखकर सभी चकित रह गए— *ब्राजील की प्रसिद्ध ‘केरिओका बीन्स’ से बनी प्रोटीन से भरपूर पौष्टिक और स्वादिष्ट मिठाई। यह प्रयोग विश्व में पहली बार हुआ और इसे सभी ने खूब सराहा।
भारत-ब्राजील कृषि सहयोग पर सार्थक चर्चा:-
इस कार्यक्रम के दौरान राजदूत श्री सुरेश रेड्डी और डॉ. राजाराम त्रिपाठी के बीच भारत और ब्राजील के किसानों के सामने मौजूद चुनौतियों और सहयोग की अपार संभावनाओं पर गहन चर्चा हुई। डॉ. त्रिपाठी ने कोंडागांव के ‘मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म’ के नवाचारों और संघर्ष यात्रा की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह भारत का पहला सर्टिफाइड ऑर्गेनिक हर्बल फार्म है, जहां हजारों आदिवासी परिवार जुड़े हैं और जैविक खेती से लाभान्वित हो रहे हैं।
क्लाइमेट चेंज और समाधान पर फोकस:-
बैठक में जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों के सामने आ रही चुनौतियों और उनके समाधान पर भी गहन विमर्श हुआ। डॉ. त्रिपाठी ने तीन दशकों के शोध से तैयार जलवायु-अनुकूल सफल कृषि पद्धतियों पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे संवाद और साझेदारियां किसानों की उन्नति में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने अपनी उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती तथा परंपरागत पाली हाउस की लागत 20 लाख रुपए प्रति एकड़ की तुलना में मात्र 2 लाख रुपए में तैयार होने वाले टिकाऊ नेचुरल-ग्रीनहाउस के सफल मॉडल के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
स्वागत सत्कार तथा मीटिंग के कार्यक्रम के बाद राजदूत श्री सुरेश रेड्डी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती स्नेहा रेड्डी ने भारतीय दल के सम्मान में विशेष रात्रिभोज का आयोजन किया, जहां भारतीय व्यंजनों के स्वाद का आनंद लिया गया। साथ ही, केरिओका बीन्स से बनी मिठाई ने सबका ध्यान आकर्षित किया, जिससे इस फसल की उपयोगिता और किसानों के मुनाफे की संभावनाएं और भी बढ़ गई हैं।
विशेष निमंत्रण: मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म की यात्रा:-
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने राजदूत महोदय को सपरिवार कोंडागांव स्थित ‘मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म’ आने का निमंत्रण दिया, जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया।
भारतीय दल का ब्राजील भ्रमण:-
इस कृषि अध्ययन यात्रा में वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर, संदीप दास, मनीष गुप्ता, पुरस्कार विजेता महिला कृषि उद्यमी रत्नम्मा सहित ‘मिलेनियम फार्मर्स’ के ‘देश के सबसे समृद्ध किसान अवार्ड-2023 से पुरस्कृत डॉ. राजाराम त्रिपाठी शामिल हैं। यह भ्रमण अपेक्स ब्राज़ील और मापा ब्राजील सरकार के तत्वावधान में आयोजित कियागया है। जिसके अंतर्गत 10 दिनों में इस दल को पूरे ब्राजील के कृषि क्षेत्र के विभिन्न उद्यमों, फार्मस, कोआपरेटिव, द संस्कृत इकाइओं तथा रिसर्च संस्थानों का भ्रमण कराया जा रहा है। इस यात्रा को संपन्न कराने के लिए विशेष प्रयास हेतु कृषि जागरण की पूरी टीम को तथा विशेष रूप से श्री एम सी डोमिनिक श्रीमती साईनी को तथा ममता जैन को ध्रुविका सोढ़ी को विशेष धन्यवाद दिया है। अपेक्स ब्राज़ील के अनिरुद्ध शर्मा, एंजेलो मारिसिओ ,एड्रिआना, पॉउला सोआरेस, डेब्रा फेइटोसा,, डार्ला कालीगारो,फिलिपे आदि अधिकारियों का इस ऐतिहासिक ब्राज़ील कृषि-भ्रमण कार्यक्रम को सर्वविध सफल बनाने में विशेष योगदान रहा है।