संदीप ठाकुर
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के निदेशक संजय मिश्र का कार्यकाल 15 सितंबर
यानी कल खत्म हो जाएगा। उनका रिटायर हाेना तय है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश
के बाद ऐसा हाे रहा है।.सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तीसरी बार दिए गए
एक्सटेंशन को अवैध करार दिया था। हालांकि इसके बावजूद वो साढ़े चार साल
तक ईडी के निदेशक के पद पर कार्यरत रहे। खबर लिखे जाने (शाम 7 बजे तक)
किसी काे भी ईडी का निदेशक नियुक्त नहीं किया गया था। सवाल यह है कि
निदेशालय का नया निदेशक कौन ? काेई कुछ भी कह ले लेकिन इसका जवाब सिर्फ
दो लोगों को पता है। एक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरा केंद्रीय
गृह मंत्री अमित शाह। इनके अलावा किसी को अंदाजा नहीं है कि प्रवर्तन
निदेशालय का प्रमुख कौन बनेगा ?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संजय कुमार मिश्र का रिटायर होना तय है।
उससे पहले केंद्र सरकार को ईडी का नाम तय करना है। जब से सुप्रीम कोर्ट
का फैसला आया है तब से कयास का दाैर जारी है। अंदाजा यह लगाया जा रहा है
कि कोई आईआरएस अधिकारी ही फिर से ईडी प्रमुख बनेगा या कोई आईपीएस और
आईएएस भी बन सकता है? इसके बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि क्या किसी
रिटायर अधिकारी को भी ईडी बनाया जा सकता है? एक कयास यह भी है कि कोई ईडी
नियुक्त होगा या नंबर दो अधिकारी को प्रभार दे दिया जाएगा ? सनद रहे कि
संजय मिश्र से पहले करनैल सिंह काफी समय अतिरिक्त प्रभार में निदेशक रहे
थे। राजन कटोच को बीच में हटाए जाने के बाद अगस्त 2015 में करनैल सिंह को
अतिरिक्त प्रभार दिया गया था और वे अक्टूबर 2016 तक यानी सवा साल तक
अतिरिक्त प्रभार में ईडी चलाते रहे थे। बहरहाल, अब संजय मिश्र की जगह
लेने के लिए तीन आईआरएस अधिकारियों के नाम की चर्चा है। सीबीडीटी के
चेयरमैन नितिन गुप्ता, हाल ही में सीबीडीटी के सदस्य बनाए गए प्रवीण
कुमार और कुछ समय पहले तक फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट के प्रमुख रहे
पंकज मिश्र का नाम चर्चा में है। इनके अलावा ईडी में रह चुके सीमांचल दास
के नाम की भी चर्चा है लेकिन अधिकारियाें की एक लॉबी उनका विराेध कर रही
है। इनके अलावा एक महिला अधिकारी का नाम भी लिया जा रहा है। सरकार के
बहुत करीब रहे एक रिटायर आईपीएस अधिकारी के नाम की भी ईडी निदेशक पद के
लिए चर्चा है।
62 साल के संजय मिश्र को 19 नवंबर 2018 को ईडी का डायरेक्टर बनाया गया
था। बाद में 13 नवंबर 2020 को केंद्र सरकार ने नियुक्ति पत्र में संशोधन
किया और कार्यकाल को दो साल की जगह तीन साल कर दिया था। उसके बाद पिछले
साल सरकार एक अध्यादेश लेकर आई। इसके तहत ईडी और सीबीआई डायरेक्टर का
कार्यकाल दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता
है। उन्हें तीसरी बार एक्सटेंशन दिया गया था। इस पद पर अधिकांश चार साल
ही कोई अधिकारी रह सकता है। बावजूद उन्हें बीते वर्ष एक्सटेंशन दिया
गया था। श्री मिश्र की अगुवाई में कई नेताओं के खिलाफ न सिर्फ जांच हुई
बल्कि कुछ काे जेल की हवा भी खानी पड़ी। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम,
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके
शिवकुमार, एनसीपी नेता शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल
देशमुख, नवाब मलिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे
उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती,
तमिलनाडु के शक्तिशाली मंत्री सेंथिल बालाजी और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व
मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य नेताओं पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच
की। इनके कार्यकाल में ही ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल
गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जांच शुरू
की। नेशनल हेराल्ड मामले में सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने
पांच दिनों में करीब 42 घंटे और सोनिया गांधी ने तीन दिनों में 13 घंटे
ईडी ऑफिस में बिताए थे। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संजय कुमार
मिश्र का रिटायर होना तय है।