ऊर्जा मंत्री पहुंचे छत्तीसगढ़, राजस्थान को आवंटित कोल ब्लॉक्स में खनन के सम्बन्ध में की अधिकारियों से की चर्चा

Energy Minister reached Chhattisgarh and discussed with officials regarding mining in coal blocks allotted to Rajasthan

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जयपुर : मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक्स में कोयला खनन से संबंधित समस्याओं एवं बाधाओं को दूर करने तथा इनसे संबंधित विषयों पर छत्तीसगढ़ सरकार से चर्चा के लिए शनिवार को छत्तीसगढ़ पहुंचे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में उत्पादन निगम को आवंटित कोल ब्लॉक परसा ईस्ट-कांटा बासन (पीईकेबी) का अवलोकन किया।

श्री नागर ने यहां नियुक्त राजस्थान उत्पादन निगम के अभियंताओं तथा ज्वाइंट वेंचर कंपनी पीकेसीएल के स्थानीय अधिकारियों से गहन चर्चा की। उन्होंने उत्पादन निगम को इसके अतिरिक्त आवंटित अन्य कोल ब्लॉक परसा तथा कैंते एक्सटेंशन से कोयले का खनन प्रारंभ करने में आ रही बाधाओं पर भी अधिकारियों से चर्चा की।

ऊर्जा मंत्री ने यहां खनन कार्य कर रहे श्रमिकों तथा उनके परिजनों से भी मुलाकात की। उन्होंने पीईकेबी माइंस एरिया में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के माध्यम से कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सब्लिटी (सीएसआर) कार्यों के तहत संचालित गतिविधियों की जानकारी ली।

उन्होंने गर्भवती महिलाओं को पोषण तथा छत्तीसगढ़ सरकार की किसी आईटीआई को गोद लेकर इसके माध्यम से युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान करने जैसी गतिविधियां भी संचालित करने के निर्देश दिए, जिससे कि स्थानीय श्रमिक परिवारों के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके और स्थानीय आदिवासी परिवारों में खनन गतिविधियों के प्रति विश्वास बढ़ सके। श्री नागर ने सघन पौधारोपण करने के भी निर्देश दिए जिससे कि पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि आरवीयूएनएल का पीईकेबी कोल ब्लॉक सरगुजा में संगठित क्षेत्र में सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है, जो लगभग दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्रदान करता है। इसने कोरबा, बिलासपुर और रायगढ़ जैसे अन्य जिलों में पलायन करने से स्थानीय श्रमिकों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

श्री नागर ने यहां पीकेसीएल के 9 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र तथा माइनिंग एरिया में कोल के परिवहन एवं रिफिलिंग के लिए नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित डोजर पुश ऑपरेशन का उद्घाटन भी किया। उन्होंने उस वन क्षेत्र का दौरा भी किया जहां बीते दशक में कोयला खनन के बाद पुनः प्राप्त भूमि पर उत्पादन निगम ने स्थानीय जन भागीदारी से 11.50 लाख पौधे लगाये हैं।