उत्तराखंड की कुदरती खूबसूरती और शानदार विरासत का आनंद लें – क्लब महिंद्रा बिनसर वैली और विला में

Enjoy the natural beauty and rich heritage of Uttarakhand – at Club Mahindra Binsar Valley & Villas

रविवार दिल्ली नेटवर्क

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र की सुरम्य पहाड़ियों में बसा बिनसर एक शांत और सुंदर स्थान है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। क्लब महिंद्रा यहां ठहरने के दो खास विकल्प प्रदान करता है – बिनसर वैली और बिनसर विला, जो एक-दूसरे से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर हैं। विला तक पहुँचने के लिए रिसॉर्ट की गाड़ी से जाना होता है।

ये दोनों रिसॉर्ट्स राष्ट्रीय राजमार्ग के पास, अल्मोड़ा के नजदीक स्थित हैं, जिससे यहाँ पहुँचना आसान है। परिवारों के लिए ये एक आदर्श स्थान है क्योंकि यहाँ के कमरे काफी आरामदायक और खुले हैं। यात्री क्लब महिंद्रा के लोकप्रिय पटकोटे, बिनसर विला और बिनसर वैली वाले सर्किट का भी अनुभव ले सकते हैं, जो एक शानदार पर्वतीय छुट्टी प्रदान करता है। ध्यान दें: यह सर्किट 30 जून को बंद हो रहा है।

बिनसर की यात्रा में जितनी सुंदर मंज़िल है, उतना ही यादगार रास्ता भी है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो लगभग 120 किलोमीटर दूर है। वहां से क़रीब चार घंटे की सुंदर पहाड़ी ड्राइव होती है, जो कोसी नदी के किनारे से गुजरती है। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, लेकिन वहाँ फ्लाइट्स सीमित हैं। अधिक सुविधाजनक विकल्प है बरेली एयरपोर्ट, जो लगभग सात घंटे की दूरी पर है और मुंबई व उत्तर प्रदेश से नियमित फ्लाइट्स देता है। कई मेहमान दिल्ली से ड्राइव करना भी पसंद करते हैं, जिससे वे रास्ते भर बदलते प्राकृतिक दृश्य और हिमालय की अद्भुत झलक का आनंद ले पाते हैं। बिनसर की असली सुंदरता और संस्कृति को महसूस करने के लिए कम से कम तीन रातों का ठहराव ज़रूर करें।

सालभर पर्यटकों को लुभाता है क्लब महिंद्रा बिनसर वैली और विला – 65–70% औसत सालाना ऑक्यूपेंसी रहती है। शानदार पहाड़ियों के बीच स्थित क्लब महिंद्रा बिनसर वैली और विला में कुल 53 कमरे हैं—जो आरामदायक स्टूडियो रूम से लेकर 1 बीआर सुइट्स तक उपलब्ध हैं। (नोट: यहाँ 2 बीआर सुइट्स नहीं हैं)। यह रिज़ॉर्ट सालभर औसतन 65–70% ऑक्यूपेंसी का आनंद लेता है, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है।

रिज़ॉर्ट पहुंचने पर मेहमानों का स्वागत बुरांश के जूस से किया जाता है—यह उत्तराखंड का स्थानीय और ताजगी से भरपूर पेय है, जो रोडोडेंड्रॉन फूल से बनता है। सभी चेक-इन प्रक्रियाएं बिनसर वैली में होती हैं, जो दोनों प्रॉपर्टीज़ के लिए मुख्य रिसेप्शन है।

जो मेहमान बिनसर विला में ठहरते हैं, उन्हें वैली से लगभग 2 किलोमीटर दूर एक सुंदर जंगल के रास्ते रिज़ॉर्ट की गाड़ी से ले जाया जाता है। पूरी तरह से लकड़ी से बना यह विला जंगल के बीच एक शांत आश्रय है, जहाँ बालकनी से हरियाली और पक्षियों की मधुर ध्वनि सुनाई देती है। यह जगह जोड़े, बुज़ुर्ग यात्रियों, या शांति की तलाश करने वालों के लिए एकदम उपयुक्त है।

वहीं बिनसर वैली में कई इनडोर और आउटडोर गतिविधियाँ होती हैं, जो बच्चों और परिवारों के लिए आदर्श है। यहाँ छुट्टियाँ उत्साह और मस्ती से भरपूर होती हैं। यहाँ का प्रमुख रेस्तरां बर्डसॉन्ग विविध व्यंजन पेश करता है, जिनमें कुमाऊंनी व्यंजनों पर खास ध्यान दिया जाता है। हर शुक्रवार को कुमाऊंनी सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाती है, जिसमें पारंपरिक बुफे और स्थानीय मनोरंजन शामिल होता है। इस दौरान खास कुमाऊंनी स्वादों का आनंद भी ले सकते हैं। यहाँ के कुछ प्रमुख पारंपरिक व्यंजनों में शामिल हैं: भात की चुर्कानी, गहत की दाल, पालक का कापा, भट्ट के डुबके, भांग की अरबी, झंगोरे की खीर, और पहाड़ी स्टाइल चिकन या मटन। जो मेहमान रिसॉर्ट में नहीं ठहरे हैं, वे भी यहाँ आकर एक खास कुमाऊंनी थाली का स्वाद ले सकते हैं।

अगर आप और गहराई से स्थानीय स्वादों का आनंद लेना चाहते हैं, तो ‘घर का चुल्हा’ अनुभव जरूर लें। यह एक प्राइवेट डिनर है जिसे 6 लोगों तक के लिए पहले से बुक किया जा सकता है। यह भोजन खुले आसमान के नीचे होता है, जहाँ स्थानीय परिधान में महिलाएं लाइव कुकिंग करती हैं। मेहमान नीची बैठक पर बैठकर असली पहाड़ी भोजन का आनंद लेते हैं। स्पेशल डिशेस में शामिल हैं: भांग का मुर्ग (भांग के पेस्ट में मैरीनेट किया गया चिकन) और शुद्ध शाकाहारी कुमाऊंनी थाली। यह अनुभव स्वाद और संस्कृति दोनों को जीवंत करता है – खास तौर पर उन लोगों के लिए जो स्थानीयता को महसूस करना चाहते हैं।

अगर आप साहसिक रोमांच के शौकीन हैं, तो क्लब महिंद्रा बिनसर आपके लिए बेहतरीन विकल्प पेश करता है। यहाँ हर उम्र और फिटनेस स्तर के अनुसार तैयार किए गए ट्रेकिंग विकल्प मौजूद हैं। गाँव की सैर: आरामदायक वॉक के ज़रिए आप स्थानीय खेती-बाड़ी और पहाड़ी जीवनशैली को करीब से समझ सकते हैं। लंबे ट्रेल्स: अनुभवी गाइड्स के साथ 26 किलोमीटर तक के चुनौतीपूर्ण ट्रेक भी उपलब्ध हैं, जहाँ ट्रेकिंग गियर, आराम के लिए छोटे ठहराव और गाँवों में घरों पर बना ताज़ा नाश्ता मिलता है। नदी के किनारे ट्रेक और पिकनिक: यह अनुभव और भी खास बनता है जब आप नदी किनारे ट्रेक करते हुए टेंट लगाने, *लकड़ी के चूल्हे पर बने देसी भोजन का स्वाद और खुली हवा में भोजन का आनंद लेते हैं। यहाँ हर किसी के लिए कुछ न कुछ रोमांचक है—चाहे आप प्रकृति के करीब जाना चाहें या खुद को थोड़ा चुनौती देना।

जैसे-जैसे रात ढलती है, सितारों के नीचे कैंपिंग बन जाती है यादगार अनुभव। बिनसर की रातें एक अलग ही जादू लिए होती हैं। जब आप खुले आसमान के नीचे टेंट में रहते हैं, तो तारों से सजी रातें यादों में बस जाती हैं। ओपन-एयर खाना भी कुछ कम नहीं! चाय और मैगी से लेकर कबाब और स्थानीय पहाड़ी व्यंजनों तक – सब कुछ परंपरागत चूल्हे पर ताज़ा पकाया जाता है, और वो भी प्रकृति की गोद में, मेहमान की मांग पर। बरसात के मौसम में विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए सुरक्षित ट्रेक्स उपलब्ध हैं, ताकि रोमांच बना रहे लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता न हो। साथ ही, ज़िप-लाइनिंग, रोप क्लाइम्बिंग और साइकलिंग जैसी एक्टिविटीज़ और क्रिएटिव वर्कशॉप्स और बच्चों के लिए मज़ेदार गतिविधियाँ यानि हर दिन कुछ नया और उत्साह से भरपूर होता है, जिससे आपकी छुट्टियाँ यादगार और जीवंत बन जाती हैं। और जब रात होती है…साफ़ पहाड़ी आसमान के नीचे तारों को निहारना एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह पल दिल को छू जाता है और हमेशा के लिए याद रह जाता है।

बिनसर के आसपास के दर्शनीय स्थल – आध्यात्म और संस्कृति से भरपूर यात्रा

शांत कुमाऊं की पहाड़ियों से घिरे क्लब महिंद्रा बिनसर से आप क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का आनंद ले सकते हैं। आसपास कई दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थल हैं, जो हर यात्री के लिए खास अनुभव प्रदान करते हैं:

🔹 जागेश्वर धाम – 124 से अधिक प्राचीन शिव मंदिरों का एक दिव्य समूह, जिसे 18 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

🔹 पाताल भुवनेश्वर – रहस्यमयी भूमिगत चूना पत्थर की गुफा, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

🔹 कसार देवी मंदिर – अपनी भू-चुंबकीय शक्ति के लिए दुनिया भर के ध्यान और साधना करने वालों को आकर्षित करता है।

🔹 कटारमल सूर्य मंदिर – बारीक नक्काशी से सुसज्जित एक प्राचीन सूर्य मंदिर, वास्तुकला प्रेमियों के लिए खास।

🔹 चितई गोलू देवता मंदिर – जहां भक्त घंटी चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। यह मंदिर कुमाऊं की लोककथाओं और आस्था का अद्भुत संगम है।

शरीर और मन को दें विश्राम का तोहफ़ा: दिनभर की यात्रा के बाद, मेहमान पारंपरिक पहाड़ी मालिश का आनंद ले सकते हैं, जिसे स्थानीय अनुभवी चिकित्सकों द्वारा पुराने तरीकों से किया जाता है। यह मालिश न केवल शरीर को आराम देती है, बल्कि मन को भी तरोताज़ा कर देती है।

प्रकृति के प्रति समर्पण – क्लब महिंद्रा बिनसर में सतत पर्यटन की मिसाल: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में क्लब महिंद्रा बिनसर ने एक मजबूत कदम उठाया है। IGBC गोल्ड सर्टिफाइड यह रिसॉर्ट कई ईको-फ्रेंडली उपायों को अपनाता है: जैसे- सोलर पावर से ऊर्जा, वर्षा जल संचयन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के ज़रिए पानी का पुनः उपयोग, और जैविक खेती—जहाँ साइट पर ही पुदीना, रोज़मेरी, लेमन बाम, तुलसी, लेमन ग्रास और तेजपत्ता जैसे औषधीय पौधे उगाए जाते हैं।

मेहमानों के लिए ‘हरित उपहार’ का अनुभव: रिसॉर्ट मेहमानों को पौधे भेंट करता है, जिन्हें वे घर ले जाकर यादों की तरह संजो सकते हैं। इसके साथ ही, ‘ईको गिफ्टिंग’ में भाग लेकर मेहमान होम गार्डनिंग को बढ़ावा दे सकते हैं—यह रिसॉर्ट की जिम्मेदार पर्यटन की सोच…