
पूजा अग्निहोत्री
प्रेम गणित और अन्य कहानियाँ”, लेखक: सन्दीप तोमर, प्रकाशक: अद्विक पब्लिकेशन
सन्दीप तोमर का यह कहानी-संग्रह “प्रेम गणित और अन्य कहानियाँ” आज की जटिल मानवीय संवेदनाओं, सामाजिक यथार्थ और युवा मन की उलझनों को अत्यंत संवेदनशीलता और आत्मीयता से प्रस्तुत करता है। इस संग्रह में प्रेम, अकेलापन, आत्मसंघर्ष, स्मृतियाँ, सामाजिक विडंबनाएँ और आधुनिक जीवन की विडंबनाएँ बेहद प्रभावशाली ढंग से सामने आती हैं।
सन्दीप तोमर की कहानियाँ यथार्थ से गहरे स्तर पर जुड़ी हुई हैं। “युगस लव”, “परछाई पीछा नहीं छोड़ती” जैसी कहानियाँ पाठक को एक आत्म-नियंत्रण की स्थिति में ला देती हैं, जहाँ वे अपने जीवन के अनुभवों से पात्रों के भावों को जोड़ने लगते हैं।
लेखक ने मानवीय संबंधों की जटिलताओं और मन की उलझनों को बहुत ही मार्मिक भाषा में चित्रित किया है। पात्र जैसे ‘दीप’ और ‘निर्मल’ किसी भी पाठक को अपने अनुभव की तरह महसूस होने लगते हैं। प्रेम के गणित को लेखक ने बेहद संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया है – जिसमें समीकरण सुलझते नहीं, उलझते हैं।
कहानियों की भाषा सहज, संवादात्मक और प्रभावी है। लेखक का प्रयास रहा है कि भाषा बोझिल न हो, बल्कि पाठक के मन को सीधे छुए।
प्रेम, पहचान, वर्ग संघर्ष, पारिवारिक द्वंद्व, स्त्री चेतना, दलित विमर्श जैसे विविध मुद्दों को लेखक ने बिना किसी प्रचारात्मकता के, सहज रूप से कहानी में गूंथा है।
लेखक समकालीन जीवन, तकनीकी युग के प्रभाव, सामाजिक मूल्य-विरोध और आत्मसंघर्ष को कहानियों के माध्यम से बड़े सधे हुए अंदाज़ में सामने लाते हैं।
भूमिका में सन्दीप तोमर की आत्मीय स्वीकारोक्ति यह स्पष्ट करती है कि वे कहानी को सिर्फ रचना नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों की पुनर्रचना मानते हैं। उनके अनुसार, “कहानी के हर पात्र तथा हर जज़्बात को समर्पित” यह रचना-संग्रह दरअसल जीवन की कहानियों का पुनर्पाठ है।
“प्रेम गणित और अन्य कहानियाँ” न केवल युवा साहित्यकारों के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि समकालीन हिंदी कहानी साहित्य में एक मूल्यवान योगदान भी है। यह संग्रह संवेदना, प्रेम, पीड़ा और उम्मीद के धागों से बुनी गई ऐसी रचनाएँ प्रस्तुत करता है जो पाठक के मन पर गहरी छाप छोड़ती हैं।
यह पुस्तक उन सभी पाठकों के लिए उपयुक्त है जो जीवन की भीतरी गहराइयों को समझना चाहते हैं, संबंधों की ऊहापोह में उलझे हैं या फिर संवेदनशील साहित्य का अनुभव करना चाहते हैं।