- भारत और यूरोपीय संघ दो सबसे बड़े, जीवंत लोकतंत्र, खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्थाएँ और बहुसामुदायिक समाज हैं।
- पिछले वित्तीय वर्ष में यूरोपीय संघ भारत का वस्तुओं के क्षेत्र में सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार था।
- परस्पर लाभकारी मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) भारत और यूरोपीय संघ दोनों के लिए लाभकारी होगा।
नई दिल्ली : यूरोपीय संसद की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मामलों की समिति (आईएनटीए) के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने, भारत के लिए आईएनटीए की स्थायी प्रतिवेदक सुश्री क्रिस्टीना मैस्ट्रे के नेतृत्व में, आज संसद में माननीय उपसभापति, राज्य सभा, श्री हरिवंश से मुलाकात की।
बैठक के दौरान, श्री हरिवंश ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ दो सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र, खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्थाएँ और बहुसामुदायिक समाज हैं। उन्होंने समुक्ति की कि भारत-यूरोपीय संघ संबंधो का प्रक्षेप पथ निरंतर बढ़ रहा है। दोनों पक्षों ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।’
साझेदारी को बढ़ाने के लिए “नए भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक एजेंडे” की रूपरेखा प्रस्तुत करने वाले सितंबर 2025 में यूरोपीय संघ द्वारा घोषित संयुक्त संचार का उल्लेख करते हुए, श्री हरिवंश ने इसे एक बहुत ही सकारात्मक विकास बताया।
उन्होंने यूरोपीय संघ के संयुक्त संचार में परिलक्षित महत्वाकांक्षा की सराहना की और विशेष रूप से व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, रक्षा, नवाचार, जलवायु, संपर्क, गतिशीलता और वैश्विक शासन के क्षेत्रों में साझेदारी को आगे बढ़ाने में इसके महत्व को स्वीकार किया।
संसदीय आदान-प्रदान में अच्छी गति पर संतोष व्यक्त करते हुए, श्री हरिवंश ने पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के बाद जून 2025 में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की ब्रुसेल्स यात्रा का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) के साथ सार्थक बातचीत की। श्री हरिवंश ने ज़ोर देकर कहा कि इस प्रकार के नियमित संसदीय आदान-प्रदान भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी की मज़बूती का प्रतीक हैं।
मज़बूत आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए, श्री हरिवंश ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत का प्रमुख व्यापार और निवेश साझेदार होने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख स्रोत भी है। उन्होंने आगे कहा कि एक समूह के रूप में, यूरोपीय संघ पिछले वित्तीय वर्ष में वस्तुओं के मामले में भारत का सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार था।
उन्होंने ने आगे कहा कि नए रणनीतिक यूरोपीय संघ-भारत एजेंडे में उल्लिखित कई पक्ष पहले से ही चर्चा के अधीन हैं, जिनमें वर्ष के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देना और सुरक्षा एवं रक्षा साझेदारी का समापन शामिल है, जो अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए प्रमुख उपलब्धियां होने की आशा है।
उपसभापति ने व्यापार समझौतों के अनुसमर्थन में यूरोपीय संसद, विशेष रूप से आईएनटीए समिति की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और इस बात पर जोर दिया कि एक संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए निष्कर्ष भारत और यूरोपीय संघ दोनों के लिए हितकारी होगा।
बैठक का समापन करते हुए, श्री हरिवंश ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों पक्ष एक सफल एफटीए को साकार करने के दृष्टिकोण को साझा करते हैं जो आज की अनिश्चित भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के बीच भारत और यूरोपीय संघ के बीच विश्वसनीय साझेदारी को और मजबूत करेगा।
यह बैठक एक महत्वपूर्ण समय पर हुई, क्योंकि केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ वार्ता के लिए ब्रुसेल्स में थे, उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।





