सीता राम शर्मा ” चेतन “
एक गीत की पंक्ति है – जो है नाम वाला वही तो बदनाम है ! आगे कुछ लिखने से पहले एक और कहावत को याद करिए – हाथी चले बाजार कुत्ते भौंके हजार ! यदि भारत की वर्तमान स्थिति का सही मूल्यांकन करना है तो हर सच्चे भारतीय को इस गीत और कहावत के माध्यम से ना सिर्फ वर्तमान भारत की तेजी से बदलती व्यवस्था और बढ़ती गरिमा के प्रभाव से सामने आती तमाम भारत विरोधी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ताकतों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के साथ उनकी आड़ में रचे जाने वाले षड्यंत्रों को पूरी गंभीरता से जानना समझना होगा बल्कि सामने आती चुनौतियों और किए जा रहे षड्यंत्रों से लड़ने और देश विरोधी हर षड्यंत्रकारियों को परास्त करने में अपना सर्वोच्च योगदान देना होगा । ऐसा करने के लिए उसे सबसे पहले अपनी वर्तमान केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच तथा सुरक्षा एजेन्सयों को हर संभव सहयोग देना होगा ।
आइए, सबसे पहले वर्तमान केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली और राष्ट्रीय विकास की आकांक्षा-महत्वाकांक्षा के स्पष्ट परिणामों को समझें । इसके लिए 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने से पहले की राष्ट्रीय स्थिति को याद कीजिए । 2014 के पहले के एक दशक में बेलगाम भ्रष्टाचार, नक्सलवाद और आतंकवाद से त्रस्त देश की भयावह अंदरुनी परिस्थितियों और तब की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद शर्मनाक हो चुकी स्थिति से कोई अनजान नहीं है । उस दागदार अतीत को भूल कर अब सोचिए समझिए और महसूस कीजिए आज के वर्तमान भारत की तेजी से विकसित होती चौतरफा व्यवस्था और अत्यंत गौरवशाली अंतरराष्ट्रीय गरिमा को ! जब लगभग पूरी दुनिया वैश्विक शांति, सुरक्षा और समृद्धि में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को ना सिर्फ खुलकर स्वीकार कर रही है बल्कि उसके साथ चलने और आगे बढ़ने के लिए भी लालायित है ! दुनिया के सबसे ताकतवर देश आज भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने और बनाए रखने के इच्छुक हैं । गौरतलब है कि महज आठ-नौ वर्षों में आया यह सकारात्मक परिवर्तन कोई चमत्कार नहीं, वर्तमान केंद्र सरकार और उसके मुखिया के अथक और जीवट प्रयासों का परिणाम है ! यह बेहद सकारात्मक, गौरवपूर्ण और सुखद अनुभूति है, पर इस अभूतपूर्व बदलाव, विकास और आने वाले संभावित स्वर्णिम भविष्य के मध्य का जो वर्तमान समय है । स्पष्ट कर दूं कि मैं यहां जिस वर्तमान समय या कालखंड की बात कर रहा हूँ, वह पूरे 2023 से लेकर 2024 मई-जून तक का समय है । यह अगले साल लोकसभा चुनाव और उसके नतीजे आने तक का समय है, जिसमें हर सच्चे, सजग और राष्ट्रनिष्ठ भारतीय को बेहद सजग और सक्रिय बने रहने की जरूरत है ! क्यों ? यह जानने समझने के लिए पिछले कुछ दिनों के इन कुछ मुख्य समाचारों और उनकी वास्तविकता पर एक सरसरी दृष्टि डालिए –
खबर है कि अमेरिकी अरबपति और व्यापारी जार्ज सोरोस ने 2024 में मोदी को हटाने के लिए आठ हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है । ये वही व्यक्ति है, जिसने नागरिकता संशोधन विधेयक और कश्मीर से धारा 370 हटाने का भी विरोध किया था ।
बीबीसी की मोदी के खिलाफ डॉक्यूमेंट्री वाली साजिश तो अब भारतीय जनता बखूबी जान चुकी है ।
अब बात अखबार द संडे गार्जियन के दावे की, जिसमें उसने दावा किया है कि भारत में 2024 का आम चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे मोदी सरकार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय साजिशें भी तेज होती जा रही है । एक साजिश में विपक्षी दलों के सदस्यों और वकीलों के अलावा कुछ अप्रवासी भारतीय और विदेशी दूतावास शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करते हैं । वे प्रधानमंत्री मोदी और भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय कद से परेशान हैं और किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं । वे 2024 में नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री नहीं बन सकें, इसके लिए दिल्ली से लेकर लंदन तक बैठकें कर रहे हैं । इन बैठकों में मोदी सरकार के खिलाफ अभियान चलाने के लिए टूलकिट तैयार किया जा रहा है । जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की रणनीति तैयार की गई है ।
अब बात हिंडनबर्ग द्वारा प्रायोजित षड्यंत्र के तहत भारतीय व्यवसायी गौतम अडानी की कंपनियों पर व्यवसायिक जगत के साथ निवेशकों और आम जनता को भ्रमित करने वाले षड्यंत्रकारी खुलासे की । यह अमेरिका की इन्वेस्टमेंट रिसर्च कंपनी है । 2017 में इसे नाथन एंडरसन नाम के एक अमेरिकी व्यक्ति ने स्थापित किया था । इस कंपनी का मुख्य काम शेयर मार्केट इक्विटी क्रेडिट पर रिसर्च करना है । अर्थात शेयर मार्केट में कंपनियां पैसों की हेराफेरी तो नहीं कर रही है या फिर बड़ी कंपनियां अपने फायदे के लिए अकाउंट मिसमैनेजमेंट तो नहीं कर रही है । सबसे खास बात यह कि इन्वेस्टमेंट रिसर्च करने के साथ-साथ यह एक शेयर ट्रेडर कंपनी भी है, जो शेयर मार्केट में अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीद-बिक्री कर उनसे लाभ कमाती है । फिलहाल हिंडनबर्ग ने अपने मुनाफे के लिए अडानी ग्रुप पर इस रिसर्च रिपोर्ट के जरिए विदेशी मीडिया और भारत के विपक्षी दल को सरकार पर हमला करने का एक टूलकिट दे दिया है । गौरतलब है कि भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को पश्चिमी देश नरेंद्र मोदी के रॉकफेलर के रूप में मानते हैं । गौतम अडानी का आदर्श वाक्य राष्ट्र निर्माण है । अडानी भारत के सबसे बड़े प्राइवेट हवाई अड्डे के संचालकों में से एक हैं । वे सबसे बड़े प्राइवेट बंदरगाहों के संचालक और सबसे बड़े तापीय कोयला बिजली उत्पादक भी हैं । सर्वविदित है कि इन दिनों पश्चिमी देश अंदरुनी रुप से भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की ख्याती से परेशान और चिंतित हैं, तो बहुत ज्यादा संभावना यही है कि उन्होंने हिंडनबर्ग के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमला करने की कोशिश की है । यह वास्तव में तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था को बाधित करने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है जिसे हिंडनबर्ग जैसी रिसर्च कंपनी ने अपनी ख्याति और विश्वसनीयता का दुरुपयोग कर सफलिभूत करने का प्रयास किया है । हालांकि प्रारंभिक विचलन और अस्थिरता के बाद स्थिति और सच बहुत हद तक सामने आ चुका है और अब जांच का दौर जारी है ।
अब बात मोदी के बढ़ते राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और उनकी भ्रष्टाचार के विरुद्ध निर्णायक जंग से भारतीय विपक्षी दलों की बौखलाहट और परेशानी की, तो अधिकांश भारतीय जनता बखूबी जानती है कि उनका अंध मोदी विरोध क्यों है । बावजूद इसके कई राज्यों में इस वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के राष्ट्रीय महत्व को ध्यान में रखते हुए यह बेहद जरुरी है कि वह अभी विपक्षी दलों, भ्रष्ट नेताओं, बिकाऊ प्रशासनिक और सूचना तंत्रों के साथ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रकारियों के बहकावे वाले समाचारों, अफवाहों और षड्यंत्रों का शिकार कदापि ना हो ।
अंत में एक बार फिर वर्तमान केंद्र सरकार के काम, विकास और गौरवशाली प्रभाव के प्रमाण स्वरुप पिछले कुछ दिनों में ही दिए गए कुछ महत्वपूर्ण वैश्विक नेताओं और देशों के वक्तव्य जरूर पढ़िए और समझिए – भारत सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनने का हकदार – साबा कोरोसी, संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष । भिखारी पाकिस्तान को सऊदी अरब की सलाह, कश्मीर को भूल कर भारत से दोस्ती करो ! अरुणाचल प्रदेश है भारत का अभिन्न हिस्सा – अमेरिका ! मोदी दुनिया को एकजुट कर सकते हैं – मैक्रों, फ्रांसिस राष्ट्रपति ! मोदी बड़े देशभक्त हैं और भारत का भविष्य स्वर्णिम है – पुतिन, रुसी राष्ट्रपति । अतः भारतीय जनता को चाहिए कि वह लोकसभा चुनाव तक किसी भी षड्यंत्रकारी नेता, संस्था या ताकत के सामने आने पर उसे वही गीत सुनाए कि, मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है जो है नाम वाला वही तो बदनाम है ! आशा है और विश्वास भी ऐसा ही होगा !