रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर में एजुकेशन लीडर्स कॉन्क्लेव एंड अवार्ड समारोह में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी को एक्सीलेंस इन स्किल्स डवलपमेंट-2023 के अवार्ड से नवाजा, टीएमयू की ओर से वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने रिसीव किया यह प्रतिष्ठित अवार्ड
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की झोली में एक ओर अवार्ड आया है। ऑब्जर्व नाउ एवम् लिंक्डइन टैलेंट सॉल्यूशन की ओर से जयपुर में आयोजित तीसरे एजुकेशन लीडर्स कॉन्क्लेव एंड अवार्ड समारोह में टीएमयू को एक्सीलेंस इन स्किल्स डवलपमेंट-2023 के अवार्ड से सम्मानित किया गया। टीएमयू की ओर से के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने यह सम्मान प्राप्त किया। राजस्थान के हायर एजुकेशन विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. फिरोज अख़्तर और ऑब्जर्व नाउ की को-फाउंडर एंड एडिटर इन चीफ मिस तानिया टिक्कू ने प्रो. सिंह को ट्राफी और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन इस पुरस्कार को यूनिवर्सिटी की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहते हैं, स्किल्स डवलपमेंट के प्रति हम बेहद संजीदा हैं। टीएमयू का लक्ष्य हमेशा वैश्विक जरूरतों पर फोकस रहता है। एजुकेशन लीडर्स कॉन्क्लेव एंड अवार्ड समारोह में देश की लगभग 40 यूनिवर्सिटीज़ के वीसी और डीन ने शिकरत की। टीएमयू के वीसी प्रो. सिंह ने रोल ऑॅफ टेक्नोलॉजी फोर डवलपमेंट स्किल्स टू इंहैंस एम्पलॉयएबिलिटी पर अपना व्याख्यान भी दिया।
प्रो. सिंह ने व्याख्यान में बोलते हुए कहा, तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद समेत दुनिया की सभी यूनिवर्सिटीज़ का एम्पलॉयएबिलिटी पर ख़ासा जोर है। इसमें कोई शक नहीं कि तकनीक ने यूनिवर्सिटीज़ और स्टुडेंट्स के लिए एम्पलॉयएबिलिटी को और ज्यादा सहज बना दिया है। स्किल्स को डवलप करने के लिए दो पहलु अति विचारणीय हैं। पहला – तकनीकी एक सीमा तक मदद करती है कि अमुक कार्य कैसे करे? दूसरा है, रियल स्किल डवपलमेंट की खातिर फील्ड में जाकर अपने प्रोजेक्ट को प्रैक्टिकली करना होगा। उन्होंने बताया, यूं तो रियलिटी के तीन प्रकार हैं- वर्चुअल रियलिटी, मिक्सड रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी। इन्हीं तीनों रियलिटी के जरिए किसी हद तक स्किल प्रोसिजर को सीखा तो जा सकता है, लेकिन दक्षता प्रैक्टिकल से ही आएगी। प्रो. सिंह ने बताया, टीएमयू के 100 से अधिक प्रोग्राम्स में स्किल्स डवलपमेंट का लिखित रूप में समावेश किया गया है। यह कार्य कॉर्पोरेट जगत से इनपुट के बाद तैयार किया गया है। जो यह बताता है, किस प्रोग्राम में क्या प्रोफाइल्स हों और उन प्रोफाइल्स में क्या-क्या जॉब्स होंगे? किस जॉब के लिए कौन-से विशेष स्किल्स की जरूरत होगी? इसके लिए प्रत्येक प्रोफाइल में 04 से 05 स्किल्स डिफाइन किए गए हैं। ये यूनिवर्सिटी के टाइम टेबल का भी हिस्सा हैं।