भारत और इंग्लैंड में निर्णायक वन डे मैच में सीरीज पर कब्जे के लिए बेहद रोमांचक मुकाबले की आस

  • भारत के बल्लेबाजो को जोश के साथ होश भी दिखाना होगा
  • भारत के गेंदबाजों को एक इकाई के रूप में गेंदबाजी जारी रखनी होगी

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : विस्फोटक ओपनर कप्तान रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने धमाकेदार अंदाज में मेजबान इंग्लैंड से मौजूदा वन डे सीरीज का ओवल में पहला मैच दस विकेट से जीतने के बाद लॉडर्स में दूसरे में सौ रन से हार से वह अर्श से फर्श पर आ गई। भारत और इंग्लैंड में अब मैनचेस्टर में रविवार को तीसरे और निर्णायक वन डे मैच में सीरीज पर कब्जा करने के लिए बेहद रोमांचक मुकाबले की आस है। अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह , मोहम्मद शमी और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने गेंद से अब तक शुरू के दो मैचों में जिस तरह कमाल दिखाया वह काबिलेतारीफ है। हकीकत यह है कि मौजूदा वन डे सीरीज के शुरू के दो वन डे में पहले ओवल में सीम और स्विंग की मददगार पिच पर तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (6/18) ने कहर बरपा कर इंग्लैंड को बिखेर कर भारत का जीत दिलाई और रीस टॉपले (6/24) ने अंग्रेजी में अपने नाम के मुताबिक भारत की बल्लेबाजी को टॉपल यानी ध्वस्त कर इंग्लैंड को जिताया। भारत को टी-20 सीरीज की तरह इंग्लैंड से यह वन डे सीरीज भी 2-1 से अपने नाम करनी है तो खासतौर पर उसके शीर्ष क्रम मे कप्तान रोहित शर्मा व उनके सलामी जोड़ीदार शिखर धवन, ऋषभ पंत , सूर्य कुमार यादव और ऑलराउंडर हार्दिक पांडया व रवींद्र जडेजा को फटाफट क्रिकेट में मैदान पर उतरते ही स्ट्रोक खेलने की बजाय मैच की जरूरत के मुताबिक गियर बदल कर खेलना होगा। भारत को अंतिम वन डे जीतने के साथ सीरीज अपने नाम करनी है तो उसके बल्लेबाजों को जोश के साथ कुछ होश भी दिखाना होगा। साथ ही भारत के गेंदबाजों को एक इकाई के रूप में गेंदबाजी जारी रखनी होगी।

बेशक विराट कोहली अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं और पहले बन गए हैं। बावजूद अच्छी बात यह है कि टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा और उस्ताद का उन पर भरोसा कायम है। विराट की काबलियत पर किसी को भी इस बुरे दौर के बावजूद टीम इंडिया को ही नहीं प्रतिद्वंद्वियों का भरोसा कायम है। विराट यूं भी इस वन डे सीरीज के बाद आराम कर रहे हैं इसलिए उन्हें उनके मिजाज के मुताबिक खुल कर खेलने की छूट देनी चाहिए। भारत के सामने इंग्लैंड के खिलाफ पहले वन डे में जीत के लिए मात्र 111 रन का लक्ष्य बहुत कम था लेकिन इसे हासिल करने के लिए उसके कप्तान रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी ने समझबूझ के साथ आक्रमण और रक्षण के बीच संतुलन बना इसे बिना कोई विकेट खोए हासिल पाया। जेसन रॉय, जॉनी बैरिस्टो, जो रूट, बेन स्टोक्स से सज्जित इंग्लैंड का शीर्ष क्रम शुरू के दोनों वन डे में नाकाम रहा लेकिन दूसरे मैच में उसके ऑलराउंडर लियम लिविंगस्टन, मोइन अली और पीटर विली ने बल्ले से समझबूझ से आगाज के बाद उसके 246 रन के एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य तक पहुंचाया।

भारत के कप्तान रोहित और शिखर धवन की सलामी जोड़ी मुश्किल हालात में टॉपले के खिलाफ जूझती दिखी। ऋषभ पंत पशोपेश में दिखे और फुलटॉस पर आसान कैच दे बैठे और फिर बड़ा सवाल यह है कि टेस्ट की आक्रामक ता को वह वन डे और टी-20 में क्यों नहीं दोहरा पा रहे। विराट कोहली एक बार फिर डेविड विली क ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर एक बार फिर बेवजह बल्ला अड़ा कैच थमा बैठे जिसे वह छोड़ तो बेशक बड़ी पारी खेल सकते थे। भारत के बल्लेबाजों ने दरअसल दूसरे वन डे में 246 रन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बल्लेबाजी शुरू की तो इंग्लैंड के टॉपले और विली की जोड़ी की स्विंग और सीम मूवमेंट के सामने शुरू मेंं रन बना पाने के बाद कुछ जल्द ही रन बनाने के फेर में विकेट गंवाए। खुद चाहे वह रोहित शर्मा हो, शिखर, ऋषभ, सूर्य , हार्दिक और रवींद्र जडेजा में इतनी काबलियत है कि वे जरूरत के मुताबिक गियर बदल कर दस रन या इससे भी ज्यादा रन की औसत से रन बनाने की कूवत रखते हैं। भारतीय बल्लेबाजों को खुद पर भरोसा कायम रखा तो वह जरूर सीरीज अपने नाम कर सकता है।