कांग्रेस में चेहरे बदले हैं, चरित्र आज भी अधिनायकवादी : योगी आदित्यनाथ

Faces have changed in Congress, character is still authoritarian: Yogi Adityanath

  • आपातकाल पर निंदा प्रस्ताव के लिए सीएम योगी ने लोकसभा अध्यक्ष का जताया आभार
  • बोले योगी, देश की वर्तमान पीढ़ी को कांग्रेस के काले कारनामों को जानना जरूरी
  • कांग्रेस ने 75 बार संविधान को बदला, 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिराया : योगी
  • कांग्रेस न लोकतांत्रिक मूल्यों पर भरोसा करती है, न संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान : सीएम

रविवार दिल्ली नेटवर्क

लखनऊ : संसद में आपातकाल के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की ओर से पढ़े गये निंदा प्रस्ताव का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समर्थन किया है। उन्होंने इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की वर्तमान पीढ़ी को ये जानने का अधिकार है कि कांग्रेस ने आजादी के बाद लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ किस प्रकार का बर्ताव किया था। सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस में आज भले ही चेहरे बदल गये हों, मगर इसका चरित्र अधिनायकवादी और तानाशाही पूर्ण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

इंदिरा गांधी ने घोंटा था संविधान का गला
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आपातकाल के विरोध में एक निंदा प्रस्ताव पढ़ा है, इसके लिए उनका हृदय से अभिनंदन। हम सब जानते हैं कि 25 जून 1975 की मध्य रात्रि में तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व की सरकार ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में उस संविधान का गला घोंटने का कार्य किया था, जिसकी शपथ लेकर वह देश की पीएम बनी थीं। ये देश के लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास था। कांग्रेस के इस काले कारनामों को जनता तक पहुंचाना आवश्यक है। आज भारत की संसद ने वही कार्य किया है। कांग्रेस का वर्तमान नेतृत्व संविधान के नाम पर और आरक्षण समाप्त करने के नाम पर देश को गुमराह करता रहा है।

निंदा प्रस्ताव एक साहसिक कदम
लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक संस्थाओं पर कांग्रेस का आज भी विश्वास नहीं है। भारत की हर संवैधानिक संस्था को कटघरे में खड़ा करना, विदेशों में भारत के लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न खड़ा करना इनकी फितरत है। इन्होंने 75 बार संविधान में संशोधन किये। अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए 90 बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को बर्खास्त करने का कार्य किया है। देश की अखंडता के साथ खिलवाड़ किया है। इनके काले कारनामे की फेहरिस्त में आपातकाल भी आता है। वर्तमान पीढ़ी को इनके काले कारनामों से अवगत कराने के लिए ये निंदा प्रस्ताव पढ़ा गया है। ये एक साहसिक कदम है, जिसके लिए ओम बिड़ला जी अभिनंदन के पात्र हैं।