
दीपक कुमार त्यागी
- जिस पॉश कॉलोनी में सांसद, पूर्व सांसद, एमएलसी, आला अधिकारी, शहर के गणमान्य नागरिक, बड़े-बड़े उद्योगपति आदि तक निवास करते हों। जहां से जिला मुख्यालय और पुलिस आयुक्त के कार्यालय की दूरी मात्र लगभग एक किलोमीटर हो, वहीं पर सिस्टम आखिर कैसे हुआ फेल!
- हालांकि यह जांच का विषय है कि इस फर्जीवाड़े के पूरे खेल के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं, जिनके दम पर हर्षवर्धन जैन ने कवि नगर जैसी वीवीआईपी लोगों की पसंदीदा पॉश कॉलोनी के मुख्य मार्ग पर ही खुलेआम फर्जीवाड़े का खेल चला रखा था!
- माईक्रोनेशन के नाम पर स्वंयभू देश घोषित कर अवैध रूप से कई देशों के दूतावास खुलेआम चलते रहे और गाजियाबाद के पुलिस, प्रशासन, एलआईयू , आईबी आदि को इस फर्जीवाड़े के खेल की भनक तक नहीं लगी, आखिर कैसे!
गाजियाबाद : पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के कवि नगर थाना क्षेत्र के किराए के एक कोठी में माईक्रोनेशन के नाम पर अवैध रूप से कई देशों के दूतावास चलाने का बेहद ही सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। मंगलवार रात एसटीफ की नोएडा यूनिट ने इस मामले का खुलासा कर, राजदूत बनकर के घूमने वाले हर्षवर्धन जैन नाम के एक व्यक्ति के गिरफ्तार किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले में गाजियाबाद का सिस्टम केवल खाली हाथ मलता ही रह गया और एसटीएफ की नोएडा की टीम ने एक बहुत ही बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर के फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया। सूत्रों के अनुसार यहां आपको बता दें कि नोएडा की एसटीएफ को सूचना प्राप्त हुई कि कवि नगर क्षेत्र मे अवैध रुप से कई देशों के झंडे लगाकर और कई लग्जरी गाडियों पर डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगाकर किराए की एक कोठी में अवैध रूप से दूतावास चलाया जा रहा है। इस दूतावास के जरिए फर्जीवाड़ा करके लोगों से धोखाधड़ी की जा रही है। हांलांकि पूरी दुनिया में किसी भी दूतावास पर पुलिस के द्वारा आसानी से हाथ डालना संभव नहीं होता है, लेकिन फिर भी दूतावास हर पल उस देश की खूफिया एजेंसियों की निगाहों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से अवश्य रहते हैं, हालांकि गाजियाबाद में ऐसा क्यों नहीं हुआ यह विचारणीय है। सूत्रों के अनुसार छापामारी से पूर्व नियमों का पालन करते हुए एसटीएफ ने दूतावास पर हाथ डालने से पहले ही इस संदर्भ में केंद्रीय एजेंसियों से दूतावास के बारे में पुष्टि करने का कार्य किया था। लेकिन जब केंद्रीय एजेंसियों से यह पता चला कि दूतावास के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है। जबकि बिना विदेश मंत्रालय व सक्षम केंद्रीय एजेंसियों की अनुमति के कोई भी दूतावास भारत में नहीं खोला जा सकता है, क्योंकि इस तरह का कृत्य भारत की संप्रभुता के ख़िलाफ़ माना जाता है, जिसके चलते ही फर्जी देशों का यह फर्जी दूतावास और उसके फर्जी राजदूत एसटीएफ की निगाह में चढ़ गये।
जानकारी पुख्ता होने के बाद एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने कवि नगर थाने में सूचना देकर के मंगलवार रात करीब 10.00 बजे कवि नगर थाने से एक सब इंस्पेक्टर और एक सिपाही को लेकर के दूतावास पर छापेमारी की, जहां एसटीएफ की टीम को हर्षवर्धन जैन व उसका ससुर और नौकर मिले थे। एसटीएफ की टीम के द्वारा जब हर्षवर्धन जैन से पूछताछ की गई, तो उसने पूछताछ में बताया कि वह वर्षों से देश-विदेश में लोगों को काम दिलाने के नाम पर दलाली करने का कार्य करता है। उसने बताया कि विदेशों में कई ऐसे लोग हैं जिन्होने माईक्रोनेशन के नाम पर स्वंयभू देश घोषित कर रखे हैं और यह लोग सरकार एवं निजी कंपनियों की दलाली करने का कार्य करते हैं। हर्षवर्धन जैन ने बताया कि इसी तरह से कुछ लोगों ने सेबोर्गा, वेस्ट अर्टिका, पौल्विया, लोडोनिया नाम के स्वयंभू देश घोषित कर रखे हैं। हर्षवर्धन जैन ने बताया कि सेबोर्गा एवं वेस्ट आर्टिका के लोगों से मिलकर उसने भारत में इनका निजी दूतावास बना रखा है। उसने अपनी चार गाडियों पर भी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगा रखी हैं और वह लोगों के विदेशों में काम दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूलने का कार्य करता है। उसने सेबोर्गा से डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भी बनवाए थे। वहीं एसटीएफ की टीम ने जब उसके सोशल मीडिया एकाउंट खंगाला तो पता चला कि उसने लोगों को झांसें में लेने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित जानी-मानी शख्सियतों के साथ एडिट किए गए फोटोग्राफों को पोस्ट कर रखा है। वहीं कुछ फोटोग्राफ उसने अपने कार्यालय में भी लगा रखे थे।
एसटीएफ की टीम को कोठी में हर्षवर्धन जैन के ससुर आनंद जैन, भाटिया मोड़ निवासी ईश्वर सिहं और उसका घरेलू सहायक हेमंत कुमार राजवंशी मिले थे, जिसमें से एसटीएफ की टीम ने ईश्वर और हेमंत को गवाह बनाया है। वहीं नोएडा एसटीएफ ने कवि नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए मास्टरमाइंड हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया है। हर्षवर्धन जैन से एसटीएफ को समाचार पत्र के कूटरचित हर्षवर्धन जैन के नाम के दो प्रेस कार्ड, एक डायरी मिली। डायरी में विभिन्न बैंक खातों और लोगों के फोन नंबर, पेनड्राइव, दो पैन कार्ड, विदेश मंत्रालय कूटरचित मोहर लगे दस्तावेज, आधार कार्ड, वोटर आइडी कार्ड, डिप्लोमेट कार्ड, सात अवैध पासपोर्ट, 44 लाख 70 हजार रुपये, विभिन्न देशों की विदेशी मुद्रा, 34 मोहरें, 20 डिप्लोमेटिक गाडियों की नंबर प्लेट, विभिन्न कंपनियों की 12 घड़ियां, चार डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी हुईं लग्जरी गाडियां, एक लैपटाप और एक मोबाईल बरामद हुआ है।
सूत्रों के हवाले से यहां आपको बता दें कि वर्ष 2011 में भी हर्षवर्धन जैन से अवैध सेटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसकी एफआईआर कवि नगर थाने में ही दर्ज है। वहीं हर्षवर्धन जैन का देश के प्रसिद्ध कुख्यात तांत्रिक चंद्रास्वामी और दुनिया के अमीर अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खशोगी से भी संपर्क रहा है। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हर्षवर्धन जैन शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला का रैकेट भी संचालित करने का कार्य भी कर रहा था। हांलांकि अभी तो जांच की शुरुआत है और उम्मीद है कि हर्षवर्धन जैन की पृष्ठभूमि और इस खेल में उसके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कौन-कौन ताकतवर लोग सहयोगी थे, उनके बारे में अभी कई सनसनीखेज चौंकाने वाले खुलासे होने बाकी हैं।