
कैंपस हॉस्टल के नाम पर छात्रों को लूटा जा रहा है
रविवार दिल्ली ब्यूरो
बिधौली (देहरादून) देश की नामचीन यूनिवर्सिटी में जानी जाने वाली यूपीईएस यूनिवर्सिटी जिसे पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है ।इस यूनिवर्सिटी में इस समय दाखिला लेने वाले अभिवाबकों के साथ एक फ़रूख़वादी तिवारी नाम का वक्ति खेला कर रहा है ।
पता चला है कि Upes University के दो कैंपस के बाहर कैंपस है जिसमें कंडोली में और एक बिधौली में है। बच्चों के दाखिले की बात करे तो इस साल भी अच्छे खासे स्टूडेंट्स आ रहे हैं लेकिन उनको ठगने का काम किया जा रहा है।हो रहा इस तरह है कि जैसे ही बच्चों का एडमिशन होता है बच्चों के माता पिता को फेकल्टी वाले जिनमें राजीव नाम का व्यक्ति भी बताया जाता है वह कहता है कि हमारा हॉस्टल इस कैंपस के बाहर भी है और आप गेट पर खड़े हॉस्टल के स्टाफ को दलाल बता कर उनसे बचने की कह कर महादलाल फ़रूख़ाबादी नटवर लाल के गुर्गे के हवाले कर दिए जाते है।फ़रूख़ाबादी तटवरलाल तिवारी जो किसी समय यूपी ई एस में सिक्योरिटी गार्ड था आज इस यूनिवर्सटी के बाहर आसपास बने होस्टलों का सबसे बड़ा माफ़िया बन गया है। ऐसा बताया जाता है कि इसने कई दर्जन हॉस्टल लीज पर ले रखे है और यूनिवर्सिटी ने सिर्फ तीन हॉस्टल कैंपस के बाहर लीज़ पर ले रखे हैं। कैंपस के अंदर से ये यूनिवर्सटी के तीन हॉस्टल के लिए बच्चो को ले जाया जाता है लेकिन ये जस्सी के साथ मिलकर यूनिवर्सटी के हॉस्टल की बजाय अपने दर्जनों हॉस्टल जो लीज पर ले रखे है उन्हें ही यूपीईएस का बता कर एक साल का एडवांस किराया 2 लाख रु तक ले रहा है।
पता चला है कि यूपीईएस ने जिन तीन हॉस्टल को लीज पर लिया है उनमें हॉस्टलों में 450 बच्चे श्री वाइज में 400 बच्चे और एक गर्ल हॉस्टल श्रीराम हॉस्टल जिसमे 400 बच्चे रह सकते है । जबकि फ़रूख़ाबादी तिवारी नटवर लालने छोटे बड़े लगा कर कई दर्जन हॉस्टल लीज पर ले रखे है।यूनिवर्सटी कैंपस के बाहर एरिया में 200 से ज़्यादा हॉस्टल हैं लेकिन इस प्रतिस्पर्धा का फ़ायदा स्टूडेंड्ट को नहीं मिल रहा है ।सबसे ज़्यादा फ़ायदा उठा रहा है तो फ़रूख़वादी ।
जैसा कि सुत्रो से जानकारी मिली है इसने डीन लेबिल पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं जिस करण दाख़िला विभाग के अधिकारी सीधे इस नटवरलाल के लोग जो कैम्पस में गाड़ी लेकर जाते हैं उन्हें गाड़ी में बैठाकर अपने उचे दाम पर अपने हॉस्टल में कमरा दे रहे है।बच्चों के माता पिता को दाखिला विभाग केअधिकारी धोखा दे रहे हैं जबकि कालिज के बाहर खड़े बाकी हॉस्टल वाले जो कम किराया और प्रतिमाह लेने वाले है इनसे सावधान रहने की बात कही जाती हैं ।
आल इंडिया स्टूडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा ने कहा है कि यदि यूनिवर्सिटी के डीन इस मामले में सम्मिलित नहीं है तो जो गाड़िया कैंपस में आ कर कैंपस से बच्चों के माता पिता को ले कर किस हॉस्टल में जा रही है उसका पता लगाया जाए ताकि छात्रों के माता पिता को लूटने से बचाया जा सके । यूनिवर्सटी के पीछे वाले गेट से छात्रों को प्रवेश दिया जा सकता है जो हॉस्टल माफिया ने बंद कराया हुआ है ।फ़रूख़ाबादी के साथ राम प्रताप और गिरी कौन है university प्रशासन जाँच करे।इनकी तिगड़ी हॉस्टल प्रतिस्पर्धा का छात्रो को फ़ायदा मिलने में बाधा है ।जो हॉस्टल कैंपस के बाहर है उन्हें हॉस्टल का एक महीने का किराया और एक महीने का एडवांस ही लेना चाहिए और अधिकतर हॉस्टल ले भी रहे है ।