- प्रतिनिधिमंडल हॉकी इंडिया के नए संविधान के गठन व चुनावों पर चर्चा करेगा
- खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से प्रतिनिधिमंडल कर सकता है मुलाकात
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : कार्यवाहक अध्यक्ष सैफ अहमद की अगुवाई में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अगले हफ्ते भारत में हॉकी इंडिया की प्रशासकों की समिति (सीओए) से भारत में हॉकी इंडिया की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए भारत आएगा। भारत के नरिंदर बत्रा द्वारा पद एफआईएच के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद से इसके नए अध्यक्ष के चुने जाने तक के लिए सैफ अहमद यह संभाल रहे हैं। एफआईएच के इस तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कार्यवाहक सैफ अहमद, एफआईएच के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य व एशियाई हॉकी संघ (एएचएफ) के सीओए मकाउ के तैयब इकराम और एफआईएच के सीओए थियरे वील हैं। तैयब इकराम खुद एफआईएच के नए अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं। रोचक बात यह है कि पर्दे के पीछे से एफआईएच के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले बत्रा का उन्हें पूरा समर्थन हासिल है। एफआईएच के मुताबिक एफआईएच का यह तीन सदस्य प्रतिनिधिमंडल 17 और 18 अगस्त यानी अगले बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भारत में रहेगा। एफआईएच के इस प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा का मकसद हॉकी इंडिया के नए संविधान के गठन की बाबत प्रगति और हॉकी इंडिया से यह गुजारिश करना है कि जितनी जल्द मुमकिन वह अपने चुनाव कराए, जिससे कि भारत में 2023 में भुवनेश्वर में पुरुष हॉकी विश्व कप का आयोजन अधर में न पड़े। एफआईएच का यह प्रतिनिधिमंडल 17 और 18 अगस्त को सीओए से मिलेगा। सीओए ने एफआईएच के इस प्रतिनिधिमंडल की ओडिशा सरकार के कमिश्नर-कम-सेक्रेट्री से बैठक कराने की योजना बनाई। एफआईएच का यह प्रतिनिधिमंडल भारत के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मंगलवार को मुलाकात कर सकता है।
नरिंदर बत्रा 2016 से एफआईएच के अध्यक्ष थेे लेकिन पिछले महीने ही उन्होंने इससे तथा भारतीय ओलंपिक संघ(आईओए) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल बत्रा को विवादास्पद रूप से हॉकी इंडिया का आजीवन अध्यक्ष बनाने और हॉकी इंडिया की कार्यकारी समिति और कार्यकारी बोर्ड में वोट देेने के अधिकार को पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने असलम शेर खान की याचिका को स्वीकार कर लिया। असलम शेर खान ने हॉकी इंडिया में कथित तौर पर कई अनियमितताओं का भी आरोप लगाया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर अपने फैसले में कहा कि बत्रा को हॉकी इंडिया के आजीवन अध्यक्ष और सदस्य रहने के कारण आईओए के अध्यक्ष पद से हट जाना चाहिए। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने हॉकी इंडिया का रोज का कामकाज देखने के लिए तीन सदस्यों की प्रशासकों की समिति (सीओए) नियुक्त की थी । हॉकी इंडिया की इस तीन सदस्यीय सीओए में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज अनिल आर. दवे, पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरेशी और पूर्व हॉकी कप्तान ओलंपियन जफर इकबाल हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हॉकी इंडिया के प्रशासनिक ढांचे को ही गलत और गैरकानूनी बताया क्योंकि इसमें उसने आजीवन अध्यक्ष और आजीवन सदस्य थे। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘ भारत सरकार किसी भी ऐसे किसी राष्टï्रीय खेल संघ को मान्यता नहीं देती, जिसका संविधान खेल संहिता के मुताबिक नहीं है। किसी भी राष्टï्रीय खेल संघ में आजीवन सदस्य और आजीवन अध्यक्ष का पद गैरकानूनी है।