
समीक्षक
“गुफ्तगू” एक दिलचस्प शॉर्ट फिल्म है, जो देर रात की बातचीत के माध्यम से मानवीय जुड़ाव की बारीकियों को खूबसूरती से प्रस्तुत करती है। कहानी टैक्सी ड्राइवर कोस्तुब और रेडियो जॉकी नुपुर के बीच एक फोन कॉल के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां कोस्तुब, जो नुपुर का एक समर्पित प्रशंसक है, ‘नुपुर के नुस्खे’ नामक होम रेमेडीज के शो पर अपनी कड़वी-मीठी अनुभव साझा करता है। बातचीत के दौरान, कहानी एक अनोखा मोड़ लेती है, जब कोस्तुब अपने अनुभव को ऐसा मोड़ देता है जो दर्शकों को रोमांचित कर देता है। अशोक परुथी मतवाला की कृति “रेडियोवाली से मेरी एक गुफ्तगू” पर आधारित, यह फिल्म एक रात की कहानी में हास्य और भावनाओं को खूबसूरती से जोड़ती है।
मुख्य भूमिकाओं में अभिनेताओं का प्रदर्शन शानदार है। मिहिर शाह ने जहां कोस्तुब के पात्र में एक विश्वसनीयता और गर्मजोशी लाई है, वहीं अपूर्वा पांडेय ने आरजे नुपुर के रूप में बेहतरीन और सजीव प्रदर्शन किया है, जो उनके चरित्र को बेहद वास्तविक बना देता है। अपूर्वा की अदायगी में रेडियो जॉकी के सभी गुण और आकर्षण दिखाई देते हैं, जो दर्शकों को गहराई से जोड़ते हैं।
7 ऑरा प्रोडक्शंस के निर्देशक अशुतोष शेट्ठ ने इस फिल्म को बेहद संवेदनशीलता और निपुणता से निर्देशित किया है। अशोक प्रुथी की कहानी को एक खूबसूरत सिनेमाई अनुभव में ढालते हुए उन्होंने दर्शकों को एक भावनात्मक सफर पर ले गए हैं। मिहिर शाह की आकर्षक पटकथा और श्रेय पटेल की शानदार सिनेमैटोग्राफी ने फिल्म को दर्शकों के लिए और भी रोचक बना दिया है। प्रणव भगत (मिरेकल माइल्स एंटरटेनमेंट) द्वारा की गई क्रिस्प एडिटिंग और मोहित त्रिवेदी का बेहतरीन साउंड डिज़ाइन कहानी को जीवंत बना देता है, वहीं प्रज्वल पांडेय और परम भगत के संगीत ने फिल्म के मूड को और भी समृद्ध कर दिया है।
गत 26 अक्टूबर की शाम, “गुफ्तगू” का प्रीमियर दर्शकों से भरपूर सराहना प्राप्त कर सका. दर्शकों को इसके हास्यपूर्ण और भावुक कथानक ने बांध लिया। प्रतिभाशाली कलाकारों और कुशल टीम के साथ, “गुफ्तगू” एक यादगार शॉर्ट फिल्म है, जो क्रेडिट्स के बाद भी दर्शकों के दिलों में गूंजती रहती है। यूट्यूब में इस फ़िल्म को देखा जा सकता है.