
दीपक कुमार त्यागी
- एक पुलिसकर्मी की जिम्मेदारियाँ जितनी व्यापक होती हैं, उतना ही आवश्यक है कि वह अपनी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति को भी सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाए – केशव चौधरी , अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध)
- वित्तीय योजना न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि मानसिक तनाव को कम करने और जीवन में स्थिरता लाने के लिए भी अहम है – आलोक प्रियदर्शी , अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था एवं यातायात)
गाजियाबाद : पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड के निर्देशानुसार गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा अपने नवनियुक्त पुलिस आरक्षियों को वित्तीय प्रबंधन की जानकारी और आवश्यक जागरूकता प्रदान करने के उद्देश्य से 13 सितंबर 2025 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम नेहरू नगर में वित्तीय जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के सहयोग से आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस बल के नए सदस्यों को आर्थिक योजना, निवेश, जोखिम प्रबंधन और धोखाधड़ी से बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करना था।
यह पहल पुलिस विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के समग्र कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कार्यक्रम में वित्तीय अनुशासन, भविष्य की योजनाएँ, आपातकालीन बचत, बीमा योजनाएँ और निवेश के अवसरों पर विशेष ध्यान दिया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) केशव चौधरी के द्वारा हुआ, उन्होंने कहा कि “एक पुलिसकर्मी की जिम्मेदारियाँ जितनी व्यापक होती हैं, उतना ही आवश्यक है कि वह अपनी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति को भी सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाए। SEBI और BSE का धन्यवाद कि उन्होंने हमारे जवानों को सही वित्तीय सेवाएं और जानकारी से लैस किया।”
कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था एवं यातायात) आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि वित्तीय योजना न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि मानसिक तनाव को कम करने और जीवन में स्थिरता लाने के लिए भी अहम है।
कार्यक्रम में बीएसई और सेबी के प्रतिनिधियों ने विशेषज्ञों के तौर पर कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उन्होंने सेशन में निवेश के विकल्प, बीमा योजनाएँ, कर नियोजन, बचत की रणनीतियाँ, सेवानिवृत्ति योजना, धोखाधड़ी से बचाव, म्यूचुअल फंड और विविध निवेश योजनाएँ विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे और जिज्ञासाएँ साझा कीं। विशेषज्ञों ने व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि कैसे वित्तीय निर्णय विवेक पूर्वक लिए जाएँ और सामान्य त्रुटियों से बचा जाए।
कार्यक्रम के दौरान खुली चर्चा का आयोजन किया गया जिससे पुलिस आरक्षी अपने अनुभव साझा कर सके और वित्तीय मामलों में आने वाली कठिनाइयों पर मार्गदर्शन प्राप्त कर सके। कई प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें आज मिली जानकारी से अपने व्यक्तिगत आर्थिक निर्णय बेहतर ढंग से लेने में मदद मिलेगी।
इस सत्र के जरिए गाज़ियाबाद पुलिस विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि उनके जवान न केवल सेवा में दक्ष हों बल्कि निजी जीवन में भी वित्तीय रूप से सुरक्षित रहें। यह कार्यक्रम जिम्मेदार निवेश, बचत और वित्तीय अनुशासन की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है, जो आने वाले वर्षों में पुलिस बल और उनके परिवारों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) केशव चौधरी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था एवं यातायात) आलोक प्रियदर्शी, पुलिस उपायुक्त रिजर्व पुलिस लाइन्स निमिष पाटील तथा सभी राजपत्रित अधिकारीगण उपस्थित रहे।