
दीपक कुमार त्यागी
“राजीव कृष्ण” की गिनती देश के तेजतर्रार, ईमानदार, मेहनती व विजनरी आईपीएस अधिकारी के रूप होती है।
उत्तर प्रदेश पुलिस को तेजतर्रार आईपीएस राजीव कृष्ण के रूप नया डीजीपी मिल गया है। योगी सरकार ने काफी विचार-विमर्श के बाद शनिवार की शाम राजीव कृष्ण को उत्तर प्रदेश पुलिस का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है, राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार की सेवा-विस्तार की चर्चाओं के साथ नए डीजीपी के नाम को लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा था, कई नाम यूपी पुलिस का मुखिया बनने की रेस में चल रहे थे। शासन-प्रशासन के गलियारों में कयास तो यहां तक लगाएं जा रहे थे कि शायद इस बार उत्तर प्रदेश को पहली महिला डीजीपी मिल सकती है। लेकिन शनिवार शाम को चर्चाओं के इस दौर पर उस वक्त पूर्ण विराम लग गया, जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी के नए डीजीपी के नाम पर मुहर लगा दी। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया के रूप में तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण पर भरोसा जताते हुए उनको उत्तर प्रदेश पुलिस का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त करने के आदेश जारी कर दिया।
यहां आपको बता दें कि राजीव कृष्ण यूपी कैडर के 1991 बैच के तेजतर्रार विजनरी आईपीएस अधिकारी हैं और अभी वह यूपी पुलिस के डीजी विजिलेंस और भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं।सत्ता के गलियारों में राजीव को मुख्यमंत्री योगी का करीबी माना जाता है। तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी के रूप में उनकी कार्यशैली की चर्चा हमेशा रही है, इसकी एक बानगी उस वक्त लोगों ने देखी जब राजीव कृष्ण आगरा में एसएसपी के रूप में तैनात थे, जहां उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाते हुए बीहड़ में सक्रिय विभिन्न गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की थी, उन्होंने अपहरण को व्यापार मान बैठे संगठित अपहरणकर्ताओं के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने का कार्य किया था। एडीजी आगरा से ही वह डीजी विजिलेंस के पद पर तैनात किए गए थे। राजीव कृष्ण को उत्तर प्रदेश पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए भी जाना जाता है, उन्होंने एडीजी रहते हुए आपरेशन पहचान एप के माध्यम से अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने का कार्य बखूबी किया है, उन्होंने एप में महिला बीट, एंटी रोमियो स्क्वाड की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के सिस्टम को रख कर के पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने का कार्य किया। उनके साइबर अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाना, ई-मालखाने, मुकदमों का ऑनलाइन रिकॉर्ड जैसे विचार काबिले-तारीफ है। राजीव कृष्ण ने जिस तरह से भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर देश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा का आयोजन सफलतापूर्वक करवाने का कार्य किया, वह एक नज़ीर बन गई है।
राजीव कृष्ण का जन्म 20 जून 1969 को हुआ था, उन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1991 में सिविल सर्विसेज परीक्षा पास की और आईपीएस के रूप में उनका चयन हुआ था। इसके बाद उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए अपनी कार्यशैली के दम पर विभाग में एक तेजतर्रार, ईमानदार, मेहनती व विजनरी आईपीएस अधिकारी के रूप में छवि बनाई, जिसके चलते ही उन्हें डीजी पोस्ट पर प्रमोट किया गया था और अब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उन्हें डीजीपी पद पर तैनाती दी है।