बाढ़ पीड़ित जान जोखिम में डाल कर रेलवे ट्रैक से कर रहे हैं आवागमन

Flood victims are risking their lives by traveling through railway tracks

रविवार दिल्ली नेटवर्क

पूर्वी चंपारण : नेपाल की तराई में हुई बारिश का असर अभी भी पूर्वी चंपारण जिले के भारत नेपाल सीमावर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है । यहाँ पर लालबकेया नदी का पानी से ढाका अनुमंडल और सिकरहना अनुमंडल क्षेत्र के लोग प्रभावित है। वही ढाका और घोड़ासहन प्रखंड क्षेत्र के हीरापुर, गुरहनवा, वीरता टोला, भवानीपुर, बलुआ गुआबारी, महंगुआ, दोस्तियां, महुआवा सहित दर्जनों गांव बाढ़ का पानी से प्रभावित हैं। यहाँ कई जगहों पर अभी भी सड़क पर पानी बह रहा है। इसी वजह से आवागमन भी बाधित है। जिस कारण गुरहनवा रेलवे स्टेशन पर आने जाने के लिए सभी रास्ता चारों तरफ से पानी से प्रभावित है अभी भी जो परिवार गुरहेनवा रेलवे स्टेशन पर शरण लिए हुए है। या फिर जो यात्रियों को ट्रेन पकड़ने जाना हो ऐसे लोगों को आने जाने मे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है।

ट्रेन यात्री हो या फ़िर आम पब्लिक हो जो रेलवे स्टेशन पर शरण लिये हो उन्हे आने जाने के लिए पैदल दो किलोमीटर का यात्रा करना पड़ रहा है वह भी जान जोखिम में डाल कर रेलवे ट्रैक से क्योंकि रेलवे स्टेशन पर जाने आने के लिए अभी दूसरा कोई रास्ता नही दिख रहा है।

वही दूसरी तरफ लगभग 400-500 परिवार आंशिक रूप से और 40-50 परिवार गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं । जिसमे लगभग 30 परिवार गुरहेनवा रेलवे स्टेशन पर शरण लिए हुए है। जिन्हें प्रशासन पलास्टिक शीट , भोजन एवम अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई है। फिर भी कई ऐसे प्रभावित घर है जिसका घर पानी में डूबा हुआ हैं। और उनका सैकड़ो एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है। और उन्हें आने-जाने का रास्ता भी बंद होने के कारण वह किसी तरह जीवन जीने को मजबूर है और पीड़ित सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं। वही सरकार से मिलने वाली सुविधा पर उमीद लगाये हुए हैं।