- अपने पहले एशियाई खेलों में खेलने को लेकर बेहद रोमांचित हूं
- टीम की साथी खिलाडिय़ों के सामने मां के हाथ भारतीय जर्सी पाना वाकई बेहद खास
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : सोनिका टांडी का जन्म हिसार में हुआ। हॉकी का ककहरा भी सोनिका ने हिसार में सीखा और यहीं खेल कर उन्होंने पहले भारत की जूनियर टीम की कप्तानी की और फिर 2016 में सीनियर टीम में जगह बनाने के बाद बतौर मिडफील्डर अपनी जगह पक्की बनाई। बहुत कम लोग शायद इस बात से वाकिफ होंगे सोनिकर मूलत: राजस्थान के चुरू जिले की राजगढ़ तहसील सादूलपुर के गालड़ की हैं। 26 बरस की सोनिका फिलहाल आयकर विभाग में कार्यरत है। सोनिका अब इस महीने के आखिर में हांगजू(चीन) में पहली बार भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए एशियाई खेलों, 2023 में खेलेंगी।
भारतीय महिला और पुरुष हॉकी टीमों के हांगजू(चीन) एशियाई खेलों के लिए रवाना होने से पहले हॉकी इंडिया ने ‘ सुनहरा सफर’ नाम से खास विदाई समारोह आयोजित किया और सभी खिलाडिय़ों के माता पिता सहित परिवारजनों को भी आमंत्रित किया औ इसी समारोह में सोनिका को उनकी मां ने उन्हें भारत की जर्सी भेंट की। सोनिका कहती हैं, ‘अपनी टीम की सभी साथी खिलाडिय़ों के सामने अपनी मां के हाथ भारतीय जर्सी पाना वाकई बेहद खास था। मंच पर इन कुछ मिनट ने भारतीय टीम में स्थान पाने तक के संघर्ष की यादों को ताजा कर दिया। मेरी मां मेरी इस संघर्ष यात्रा का हिस्सा रहीं और उन्होंने हर अहम मोड़ पर मेरा साथ निभाया। मैं अपने पहले एशियाई खेलों में खेलने को लेकर बेहद रोमांचित हूं। हमारा पूरा फोकस एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने और 2024 के पेरिस ओलंपिक 2024 में अच्छे प्रदर्शन करने पर है। मैंने भारत के लिए अपने अब इस मुकाम तक पहुंचनेके लिए बहुत मेहनत की है। मैं राष्ट्रमंडल खेलों जैसे टूर्नामेंट में भारतीय महिला हॉकी टीम के कांसे के रूप में अच्छे नतीजे में अपना योगदान करने में कामयाब रही। हमारी टीम को एशियाई खेलों में बढिय़ा प्रदर्शन का विश्वास है।’
2020 में अपनी जेहनी मजबूत बेहतर करने के लिए सोनिका को राष्ट्रीय शिविर छोड़ कर जाना पड़ा। सोनिका बताती हैं, ‘ कोरोना के चलते लगा लॉकडाउन मेरे लिए जेहनी और निजी तौर पर बहुत मुश्किल दौर था। मैं बहुत खुश हूं कि हमारे टीम प्रबंधन ने मेरे जेहनी तौर पर मजबूत रहने के संघर्ष को बहुत जल्द पहचान लिया था और उन्होंने मुझे इसके लिए पेेशेवरना मदद मुहैया कराई। में हॉकी इंडिया और अपनी टीम की साथियों की आभारी हूं कि उन्होंने मेरे ब्रेक लेने की इजाजत दी। सोनिका ने राष्ट्रीय चैंंपियनशिप में मजबूत कर 2021-22 में एफआईएच महिला हॉकी प्रो लीग से भारतीय हॉकी टीम में वापसी की और इसके बाद बर्मिंघम 2022 में राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम को कांसे के साथ पहला एफआईएच नेशंस कप 2022 जिताने में अहम भूमिका निभाई।’