पहली बार उत्तराखण्ड को उज्बेकिस्तान में व्यापार निवेश तथा पर्यटन संवर्धन से संबंधित कार्यक्रम का अभिनव मंच मिला

For the first time, a new platform for business investment and tourism-related events was organized in Uzbekistan

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में भारतीय दूतावास ताशकन्द में आयोजित व्यापार निवेश तथा पर्यटन संवर्धन से संबंधित कार्यक्रम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअली सम्बोधित किया।
मुख्यमंत्री ने ताशकंद में भारतीय दूतावास द्वारा उत्तराखण्ड में व्यापार, निवेश और पर्यटन के अवसरों को उजागर करने के लिए उत्तराखण्ड दिवस के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि पहली बार उत्तराखण्ड को उज्बेकिस्तान में इस प्रकार का अभिनव मंच मिल रहा है। एक ऐसा देश जिसके साथ भारत 2011 से आपसी संबंध साझा करता आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखण्डियों से विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का आह्वान करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के प्रवासी बंधुओं की सुविधा के लिए राज्य में प्रभावी व्यवस्था बनाई गई है। उत्तराखण्ड में हाल ही में देश व विदेश में रह रहे उत्तराखण्डियों का सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासी बंधुओं द्वारा प्रतिभाग कर राज्य के विकास में सहयोगी बनने का आश्वासन दिया गया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते वे उज्बेकिस्तान के पर्यटकों और निवेशकों को उत्तराखण्ड की विशेषताओं का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करते हैं। विशेष रूप से, उत्तराखण्ड का आयुष एवं वेलनेस टूरिज्म जिसकी ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। निवेश की दृष्टि से उत्तराखण्ड में पर्यटन हॉस्पिटेलिटी आयुर्वेदिक चिकित्सा, जैविक कृषि और हर्बल दवाओं में अपार संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्वभर में पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद को लेकर लोगों में रुचि बढ़ रही है, इस क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य सहयोग के अनेकों अवसर मौजूद हैं। हमारी सरकार इस संबंध को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों के युवाओं को भी शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, यही नहीं शैक्षणिक साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखण्ड में संचालित आईआईटी रुड़की पहले से ही समरकंद विश्वविद्यालय के साथ जल विज्ञान, जल प्रबंधन पर साझा कार्यक्रम चला रहा है। भविष्य में भी राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों को शामिल करते हुए, इस तरह के शैक्षणिक आदान-प्रदान को सशक्त बनाने के लिए भी हमारे प्रयास जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्बेकिस्तान की हस्तशिल्प कलाएं और उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरें हस्तशिल्प, बांस कला और ऊन बुनाई जैसे पारंपरिक शिल्पकारों के बीच आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करती है। यह कार्यक्रम दोनों पक्षों के बीच व्यापार पर्यटन और सांस्कृतिक सबंधों को एक नई ऊंचाई प्रदान करेगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने उज्बेकिस्तान के सभी नागरिकों को उत्तराखण्ड आने और यहां की प्राकृतिक सुंदरता एवं समृद्ध संस्कृति को अनुभव करने के लिए भी आमंत्रित किया।