रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। उन्हें जमीन घोटाले के मामले में 31 जनवरी की रात गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। वह पिछले कई महीनों से जेल में थे। 13 जून को सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने शुक्रवार (28 जून) को उन्हें जमानत दे दी।
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने बड़गाई इलाके में 8.86 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किया है। पीएमएलए अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक रूप है। हेमंत सोरेन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर उन्हें जमानत मिलती है तो वे जांच में बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए ईडी ने मांग की थी कि उन्हें जमानत न दी जाए। हेमन्त सोरेन की ओर से बहस करते हुए उनके वकीलों ने कहा कि हेमन्त सोरेन पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का है।
मामले की पैरवी कर रहे हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है। विनोद सिंह के व्हाट्सएप चैट में जिस 8.86 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हॉल बने होने की बात कही जा रही है। वह जमीन उस जमीन पर है ही नहीं, बल्कि ईडी ने सिर्फ इसका एस्टीमेट बनाया है। उक्त थाने में दर्ज अपराध की जांच अभी भी जारी है। ईडी कोर्ट ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया, इसलिए यह याचिका दायर की गई। इस बीच, हेमंत सोरेन पिछले 5 महीने से जेल में थे। कुछ घटनाओं के लिए उन्हें कुछ दिनों के लिए जमानत दी गई थी। लेकिन, इसके बाद वह दोबारा जेल चले गये। अब हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देकर बड़ी राहत दी है।