गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह को इस वर्ष के अणुव्रत पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
यह जानकारी अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के अध्यक्ष संचय जैन ने दी और बताया कि अणुव्रत आंदोलन का यह शीर्ष पुरस्कार है। डॉ. मनमोहन सिंह को यह पुरस्कार व्यक्तिगत जीवन में सादगी एवं शुचिता के लिए तथा नैतिक एवं मानवीय मूल्यों के उन्नयन में उनके रचनात्मक योगदान के लिए दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व विभिन्न क्षेत्रों के 26 विशिष्ट व्यक्तियों को अणुव्रत पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है जिनमें सर्वश्री गुलजारी लाल नंदा, डॉ. आत्माराम, जैनेन्द्र कुमार, शिवाजी भावे, लालकृष्ण आडवानी, शिवराज पाटिल, टीएन शेषन, प्रकाश आमेट अन्य शामिल हैं।
अणुव्रत आंदोलन का प्रवर्तन भारत की आजादी के बाद आचार्य तुलसी ने इस उद्देश्य से किया था कि देश के नागरिक अपने जीवन में संयम, शुचिता व अहिंसा को अपना कर असली आजादी का अनुभव कर सकें। वर्तमान में आचार्य महाश्रमण इस आंदोलन को अपना आध्यात्मिक नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।
अणुविभा के संक्षिप्त नाम से लोकप्रिय अणुव्रत विश्व भारती अणुव्रत आंदोलन की प्रतिनिधि संस्था है जो संयुक्त राष्ट्र संघ के सिविल सोसायटी विंग से भी सम्बद्ध एक वैश्विक संगठन है।यह संस्था अहिंसा, शांति, सांप्रदायिक सौहार्द, मानवीय एकता, प्रामाणिकता, नशामुक्ति, पर्यावरण, चुनावशुद्धि आदि मानव मात्र के कल्याण के मुद्दों पर निरंतर कार्य करती है। पिछले सात दशकों से यह आंदोलन देश-विदेश में निरंतर सक्रिय रहा है।