- जनपथ से कर्तव्य पथ तक सफ़र करने वाले कर्मयोगी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के अमृत वर्ष से पूर्व की साल गिरह की धूम देश से विदेश तक रही
- एनडीए की भाजपानीत मोदी 3.0 सरकार के 100 दिन भी पूरे
- आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा
- आतिशी मार्लेना सिंह को दिल्ली का मुख्यमन्त्री चुना गया
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
मंगलवार को अनन्त चतुर्दशी के दिन देश में चार बड़े प्रसंगों ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। जनपथ से कर्तव्यपथ तक सफ़र करने वाले कर्मयोगी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के अमृत वर्ष से पूर्व 74वें साल गिरह की धूम देश से विदेश तक रही। साथ ही एनडीए की भाजपानीत मोदी 3.0 सरकार के 100 दिन पूरे होने पर भी जलसे हुए ।
इसके अलावा एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में आप सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी घोषणा के अनुरूप दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी ) विनय कुमार सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया और दिल्ली सरकार में चौदह विभागों का काम काज देख रही और आप सरकार में सबसे पढ़ी लिखी एवं अरविन्द केजरीवाल की विश्वस्त मंत्री आतिशी मार्लेना सिंह को दिल्ली का मुख्यमन्त्री चुना गया और उन्होंने दिल्ली के उप राज्यपाल को सरकार बनाने का अपना दावा भी पेश कर दिया हैं। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद नई मुख्यमंत्री के शपथ लेने के साथ ही 26-27 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुला कर अपना बहुमत भी सिद्ध करेगी।
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के साथ ही बीजेपी के लिए दोहरे जश्न का मौका भी था क्योंकि मोदी 3.0 सरकार के 100 दिन भी मंगलवार को ही पूरे हुए हैं। इस पर भाजपा शासित और सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों ने विभिन्न आयोजन किए । साथ ही भारत सरकार के सभी विभागों ने अपने कामकाज को देश के सामने रखा। राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार ने दस हज़ार करोड़ रू से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास किए और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के मार्ग दर्शन में प्रदेश कार्यालय में एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।
इसके अलावा भारत में स्वच्छ भारत अभियान के शुभारंभ की दसवीं वर्षगांठ का उत्सव मनाने के लिए 17 सितंबर 2024 से 2 अक्टूबर 2024 तक देश भर में स्वच्छता ही सेवा अभियान( एसएचएस) 2024 का शुभारंभ भी हुआ। सेवा पखवाड़े के रूप में मनाए जाने वाले इस पखवाड़े में 17 से 19 सितंबर तक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। 18 से 24 सितंबर तक स्कूलों तथा अस्पतालों में सफाई अभियान चलाया जाएगा। 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना के शुभारंभ वाले दिन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 70 वर्ष से उपर की महिलाओं के लिए नि:शुल्क जांच शिविरों का आयोजन किया जाएगा। भाजपा संगठन द्वारा सेवा पखवाड़े के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व संबंधी जिला एवं मंडल स्तर पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। 17 से 2 अक्टूबर तक ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वातावरण को शुद्ध रखने के लिए पेड़ लगाए जाएंगे। बच्चों को कला तथा संस्कृति से जोड़ने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाएगा। भाजपा संगठन द्वारा 25 सितंबर को प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी जनसंघ के संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की जयंती बूथ स्तर तक मनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन पर उन्हें देश ही नहीं विदेशों के कई राष्ट्राध्यक्षों की बधाइयाँ भी मिलीं । जनपथ से कर्तव्य पथ तक सफ़र करने वाले कर्मयोगी प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के अमृत वर्ष से पूर्व की इस साल गिरह की धूम देश से विदेश तक देखी और सुनी गई तथा इस मौक़े पर कई अभुतपूर्व जश्न भी आयोजित किए गए।केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर यह घोषणा भी की हैंकि मोदी सरकार के कार्यकाल में ही देश में वन नेशन वन इलेक्शन भी लागू होगा।
26 मई 2014 को पहली बार देश के पीएम के तौर पर शपथ लेने के बाद से वह अब तक लगातार तीसरी बार इस पद की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का जन्म गुजरात के एक छोटे से कस्बे वडनगर में 17 सितंबर 1950 को हुआ था। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह करीब 15 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री भी रहे। बचपन की बात करें तो महज 8 साल की उम्र में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े।गरीबी ने उन्हें चाय बेचने को मजबूर किया। अपने परिवार की मदद करने से लेकर अध्यात्म की खोज में उन्होंने खुद को खूब तपाया। माँ हीरा बेन का वात्सल्य उन पर हमेशा बना रहा।फिर वह देश सेवा में इस कदर जुट गए कि देश के शीर्ष पद पर लगातार तीसरी बार विराजमान हुए।पीएम मोदी के तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद बीजेपी ने ओडिशा से लेकर असम तक पहली बार सरकार बनाई।2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभाल रहे हैं। हालाँकि इस बार उन्हें अपने एनडीए सहयोगियों के साथ मिल कर गठबन्धन की सरकार चलानी पड़ रही गई।पीएम मोदी ने अपने पिछले दो कार्यकाल के 10 सालों में कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिसके बाद उनकी छवि एक दूरदर्शी प्रधानमंत्री की छवि बन गई हैं। साथ ही उन्होंने आज अपने आपको एक ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित कर दिया हैं। आज कई राष्ट्र प्रमुखों के साथ उनका दोस्ताना व्यवहार उनके आकर्षक व्यक्तित्व का साक्षी हैं।
स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अपने पिछले दो कार्यकालों के 10 साल के शासन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए।
जिनमें जनधन योजना, नोटबंदी, मेक इन इंडिया, आधार एक्ट,उज्ज्वला योजना, डिजिटल इंडिया और जीएसटी आदि प्रमुख हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया और सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान के नापाक इरादों को करारा जवाब दिया ।साथ ही देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) भी लागू किया हैं। अयोध्या में राम मन्दिर और नई दिल्ली में नया संसद भवन और अन्य कई नये काम उनके कार्यकाल में देश की आजादी के अमृत काल के दौरान मील का एक नया पत्थर स्थापित कर रहें हैं। वे ग़ुलामी की हर उस निशानी को मिटाने के पक्षधर हैं जो देश के स्वाभिमान को कमतर करने वाला हॉ।
नरेन्द्र मोदी को निकट से जानने वाले बताते है कि वे अपनी धुन के पक्के है और एक बार जो तय कर लेते है उससे पीछें नहीं हटते,चाहें कोई कितना भी नाराज़ क्यों न हो जायें तथा उन्हें राजनीतिक रूप से भी कितनी भी क्षति क्यों न हो जायें।उनके दृढ़ संकल्प और बेजोड़ इच्छा शक्ति का कोई सानी नहीं हैं।
इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे पर भारतीय जनता पार्टी आक्रमक हो गई है तथा कह रही है कि केजरीवाल ने अपने बनाये नियमों को ही तोड़ा है। नैतिकता के नाम पर इस्तीफ़े की उनकी राजनीतिक चतुराई के झाँसे में अब जनता नहीं आने वाली।भ्रष्टाचार के आकंठ दलदल में फँसे देश के किसी भी व्यक्ति को मोदी सरकार और देश की जनता अब माफ़ नहीं करने वाली।
इधर देश के दो प्रदेशों हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चल रहें विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र तथा झारखण्ड विधान सभाओं के चुनाव भी होने हैं । इसके बाद अगले वर्ष दिल्ली सहित देश की कुछ और विधान सभाओं के चुनाव भी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि देश में वन नेशन वन इलेक्शन की शुरुआत कब से होगी और फिर से सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहें नेताओं के मंसूबे पूरे होंगे अथवा नहीं?