रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर पार्श्वनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अमरोहा की ओर से इंपार्टिंग इन्नोवेटिव एसेंसियल ऑफ नर्सिंग एजुकेशन फॉर फेसेलेटिंग टू स्टुडेंट्स लर्निंग पर आयोजित पांच दिनी एफडीपी का समापन
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन बोलीं, लर्निंग के चार स्टाइल होते हैं। विजुअल, ऑडिटरी, रीडिंग/राइटिंग और काइनेस्थेटिक लर्निंग। शिक्षकों को इन सभी स्टाइल्स से स्टुडेंट्स की लर्निंग पर जोर देना चाहिए। उन्होंने वीएआरके मॉडल एवम् हनी एंड ममफर्ड लर्निंग स्टाइल के साथ-साथ कोल्ब लर्निंग मॉडल पर भी चर्चा की। डिसटिंक्ट लर्निंग में एक्टिविस्ट, रिफलेक्टर, क्यूरिस्ट एंड प्रैगमेटिक्स शामिल हैं। कोल्ब लर्निंग स्टाइल एंड एक्सपेरिमेंट लर्निंग साइकिल चार लर्निंग स्टेज पर बेस्ड होता है। एक्टिव एक्सपेरिमेंटेशन, कंकरीट एक्सपीरियंस, एब्सट्रेक्ट कंसेप्चुलाइजेशन एंड रिफलेक्टिव ऑब्जर्वेशन आदि शामिल है। एक्टिव एक्सपेरिमेंटेशन में क्या सीखा है? कंकरीट एक्सपीरियंस वास्तविक एक्सपीरियंस क्या है? एब्सट्रेक्ट कंसेप्चुलाइजेशन में अपने एक्सपीरियंस से सीखना और रिफलेक्टिव ऑब्जर्वेशन में सीखे हुए ज्ञान का व्यवहार में प्रयोग करना शामिल होता है। प्रो. जैन तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के तीर्थंकर पार्श्वनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग, अमरोहा की ओर से इंपार्टिंग इन्नोवेटिव एसेंसियल ऑफ नर्सिंग एजुकेशन फॉर फेसेलेटिंग टू स्टुडेंट्स लर्निंग पर आयोजित पांच दिनी एफडीपी में बोेल रही थीं। एफडीपी में डायरेक्टर गवर्नेंस श्रीमती नीलिमा जैन के संग-संग नर्सिंग कॉलेज की डीन डॉ. एसपी सुभाषिनी, वाइस प्रिंसिपल प्रो. जसलीन एम. की भी उल्लेखनीय मौजूदगी रही। प्रो. मंजुला जैन का बुके और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
एफडीपी में करीब दो दर्जन टॉपिक्स पर वक्ताओं में प्रो. रूपा सिंह ने रोल ऑफ टीचर इन मेडिकल एजुकेशन, डॉ. एसपी सुभाषिनी ने माइक्रो टीचिंग: प्रैक्टिस वाइ द वीडियो रिकॉर्डिंग, इंर्पोटेंश ऑफ माइक्रो टीचिंग, प्रो. श्योली सेन ने प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग इन नर्सिंग एजुकेशन, डॉ. रितु जैन ने रोल ऑफ स्किल्स लैब इन क्लिनिकल स्किल्स टीचिंग, डॉ. शालिनी निनोरिया ने इफेक्टिव यूटिलाइजेशन ऑफ पॉवर प्वाइंट एज ए टीचिंग लर्निंग रिसोर्स, श्री बसवराज मुधोल ने बेसिक ऑफ असेसमेंट, असेसमेंट ऑफ नॉलेज एंड अंडरस्टेंडिंग, श्रीमती हिंमाशी ने क्लीनिकल लर्निंग इंवायरमेंट, श्रीमती दिव्या प्रिया ने असेसिंग क्लीनिकल स्किल्स एंड एटिट्यूट ऑस्की/ऑस्पी, श्री सिद्धेश्वर अंगडी ने इंट्रोडक्शन टू विहेबियरल आब्जेक्टिब्स, प्रो. आरएन कृष्णिया ने प्रिंसिपल्स ऑफ एडलट लर्निंग, प्रो. योगेश कुमार ने लेसन प्लान, श्री ऑस्कर आबेदियाह ने स्ट्रक्चर वायवा वायस, श्रीमती शालिनी ने नर्सिंग एथिक्स इन टीचिंग, मिस जोशीला एकोजम एंड मिस शालू उपाध्याय ने लर्निंग नीड एनालेसिस पर विस्तार से प्रकाश डाला।