भारत के लिए लगातार चौथा हॉकी विश्व कप खेलना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान: श्रीजेश

  • 2023 का विश्व कप में हमारे लिए तकदीर बदलने का एक और मौका
  • उम्मीदपिछले प्रदर्शन को बेहतर कर 2023 में हॉकी विश्व कप में शीर्ष पर रहेंगे
  • विश्व कप में अपना पहला मैच पाक के खिलाफ मैच खेलना सपने का सा था

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : उम्रदराज 34 बरस के गोलरक्षक पीआर श्रीजेश अपना लगातार चौथा और अपने घर यानी भारत की धरती पर लगातार तीसरा हॉकी विश्व कप खेलेंगे। श्रीजेश ओडिशा में खेले जाने वाले 15 वें संस्करण में भारत के किले की सबसे ‘मजबूत दीवारÓ और तुरुप के इक्के साबित होने वाले है। श्रीजेश ने आठ बार के चैंपियन भारत को टोक्यो में ओलंपिक में बेहद मुस्तैद प्रदर्शन कर 41 बरस बाद जर्मनी के खिलाफ बेहद करीबी मुकाबले में 5-4 से जिता कांसा के रूप में पहला पदक जिताने में अहम भूमिका अदा की थी। 1975 में अशोक कुमार सिंह के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक गोल से 2-1 से जीत के साथ हॉकी विश्व कप में आखिरी बार स्वर्ण पदक जीतने के 47 बरस बाद 2023 में श्रीजेश भारत को ओडिशा में फिर पदक जिताने के साथ अपने शानदार हॉकी करियर को अलविदा कहना चाहेंगे।

अब तक भारत के 274 अंतर्राष्टï्रीय हॉकी मैच खेल चुके श्रीजेश टीम के साथी खिलाडिय़ों के लिए ‘अन्नाÓ यानी बड़े भाई है। श्रीजेश ने कहा, ‘भारत के लिए लगातार चौथा हॉकी विश्व कप खेलना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है। इससे भी खास बात यह है कि मैं अपने घर में भारत के लिए तीसरा विश्व कप खेलूंगा। मैंने हमेशा यह महसूस किया आप यह अहम नहीं भारत के लिए आप कितने विश्व कप खेले। मैंने हमेशा माना है कि अहम यह है कि इसमें आप जीते या नहीं। इस बार भी मेरे लिए हॉकी विश्व कप में अहम होगा पूरी शिद्दत से खेलना है और वांछित नतीजे हासिल करना।’

वह कहते हैं, ‘किसी भी खिलाड़ी हर विश्व कप खास होता है लेकिन मुझे हेग(नीदरलैंड) में 2014 का हॉकी विश्व कप खास तौर पर याद रहेगा, हम हेग विश्व कप में बदकिस्मती से नौवें स्थान पर रहे लेकिन हमने इसमें गजब का जीवट दिखाया। निजी तौर पर मैं मानता हूं हेग में हमारा प्रदर्शन बढिय़ा रहा। 2018 में भुवनेश्वर हॉकी विश्व कप में हम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाए थे। अब 2023 का ओडिशा हॉकी विश्व कप में हमारे लिए तकदीर बदलने का एक और मौका है। उम्मीद है कि हम पिछले प्रदर्शन को बेहतर कर 2023 में हॉकी विश्व कप में शीर्ष पर रहेंगे।’

श्रीजेश पहली बार भारत के लिए 2010 में यहीं नई दिल्ली में पहली बार हॉकी विश्व कप में खेलने का जिक्र आते ही यादों में खो जाते हैं। यह भी खासा दिलचस्प है कि वह भारत के लिए दिल्ली में विश्व कप में पहला मैच चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेला। श्रीजेश बताते हैं, ‘2010 के हॉकी विश्व कप मे टीम बैठक में हमारे कोच ने कहा कि पाकिस्तान गोलरक्षक एड्रियन डिसूजा के लिए तैयारी करके आया था। मैंने इसीलिए तुम्हे पाकिस्तान के खिलाफ मैच में उतारने का फैसला किया है। जब उन्होंने मैच के लिए मुझे पैड पहनने को कहा तो वह अहसास वाकई शानदार था। घरेलू दर्शकों से खचाखच मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में हॉकी विश्व कप में पाकिस्तान जैसे चिर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अपना पहला मैच खेलना मेरे लिए एक सपने का सा था। मैं अभी भी स्टेडियम में उस माहौल और विश्व कप में हमारे पाकिस्तान से बड़े अंतर से यह मैच जीतने पर लोगों की प्रतिक्रिया आज भी मुझे रोमांचित कर देती है।’