जल शक्ति मन्त्रालय की राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के गैर सरकारी सदस्य, राजस्थान के पूर्व स्वच्छता ब्राण्ड ऐंबेसेडर और डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष के के गुप्ता का नाम अब प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में भी उभरा
नीति गोपेंद्र भट्ट
नई दिल्ली। केन्द्रीय जल शक्ति मन्त्रालय की राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के गैर सरकारी सदस्य, राजस्थान के पूर्व स्वच्छता ब्राण्ड ऐंबेसेडर और डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष के के गुप्ता का नाम अब प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों में भी शामिल हो रहा है।
दक्षिण राजस्थान की हिल सिटी डूंगरपुर के डूंगरो से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश-विदेश तक देशऔर दुनिया मे स्वच्छता तथा जल संरक्षण के लिए अपनी बेजोड़ पहचान बना कर के के गुप्ता ने अपनी गहरीछाप छोड़ी है। पिछलें दिनों केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह के संसदीय क्षेत्र में उनके द्वारा गौद लिए गाँवों को देशभर बनाने में गुप्ता और उनकी टीम के योगदान ने भी काफी सुर्खियाँ बटोरी थी।
के के गुप्ता एक कर्मठ और पुरूषार्थ के धनी और मृदुभाषी तथा सौम्य व्यवहार वाली हस्ती है। गुप्ता न केवलसमाजसेवी है वरन उदयपुर संभाग के एक सफल और जाने माने उद्योगपति भी है । उन्होंने अपनी कुशलकार्यप्रणाली, नेतृत्व क्षमता के साथ ही सभी को साथ लेकर चलते हुए आदिवासी बहुल डूंगरपुर के डूंगरों(पहाड़ों) से लेकर देश दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।
गुप्ता का नाम अब का नाम अब प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों में भी उभर रहा है। साथ ही उन्हें राज्य मेंप्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के समक्ष एक महत्वपूर्ण टॉपिक के रूप में भी पढ़ाया जा रहाहै। राज्य के हर नगर मे संचालित कोचिंग संस्थानों सहित राजधानी जयपुर में स्थित आईएएस, आरएएससहित कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कराने वाले कई नामी गरामी कोचिंग संस्थान के शिक्षकों नेगुप्ता का केन्द्रीय समिति मे चयन और उनके डूंगरपुर नगरपरिषद में सभापतित्व कार्यकाल सहित उनकी अन्यउल्लेखनीय सफलताओं को बिन्दुवार पढ़ाया जा रहा है और इस सम सामयिक विषय से जुड़े प्रश्न परीक्षा मेंपूछे जाने के लिए चयनित किए जा रहें हैं।
उल्लेखनीय है कि के के गुप्ता को हाल ही केन्द्रीय जल शक्ति मन्त्रालय की राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति कागैर सरकारी सदस्य बनाया गया है। यह समिति भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल तथास्वच्छता विभाग स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एस.बी.एम.-जी) के क्षेत्र मे कार्यरत है। समिति देश के सभीराज्यों एवं सभी केन्द्र शासित प्रदेशों में वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2024-2025 तक गांवों को ऑडीएफ वऑडीएफ प्लस बनाने और सभी गांवों को ठोस और तरल कचरा प्रबंधन से जोडऩे के लिए कार्यरत है। भारतसरकार के दिशा निर्देशों के अनुरुप इस समिति का काम गाँवों को ऑडीएफ बनाने के साथ सोलिड एण्डलिक्विड वेस्ट मेनेजमेन्ट तथा पर्यावरण संरक्षण का भी रहेगा।