रविवार दिल्ली नेटवर्क
अक्सर लोग मानते हैं कि फंगल इन्फेक्शन केवल मानसून में होते हैं। लेकिन त्वचा विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में भी ये उतने ही आम हो रहे हैं जिसकी वजह बदलती जीवनशैली, घर के अंदर का माहौल और बदलते मौसम में बदलाव है। यह तेज़, रिसर्च पर आधारित सूची इस गलतफहमी को दूर करती है और पूरे मौसम में फंगल केयर पर ज़ोर देती है, जिसमें स्टॉप इच क्रीम जैसी मेडिकेटेड क्रीम जैसे बचाव के उपाय भी शामिल हैं, बिना किसी उत्पाद को बढ़ावा दिए।
- सर्दियों का रूखापन त्वचा की सुरक्षा परत को कमजोर करता है
सर्दियों की ठंडी और सूखी हवा त्वचा की प्राकृतिक नमी बैरियर को कम कर देती है, इससे त्वचा में छोटी-छोटी दरारें पड़ जाती हैं, जिनसे फंगस को पनपने और फैलने में आसानी होती है। त्वचा विशेषज्ञों के अनुसार, यह कमज़ोर बैरियर ही मुख्य कारणों में से एक है जिससे ठंड के मौसम में भी फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। - लेयर्ड और टाइट सर्दियों के कपड़े नमी को रोकते हैं
थर्मल, जैकेट और कई परतों वाले कपड़े जांघों, बगल, कमर और पैरों जैसे हिस्सों में पसीना रोकते हैं। बाहर का मौसम सूखा होने के बावजूद कपड़ों के अंदर गर्म और नम माहौल बन जाता है, जो फंगस के लिए अनुकूल होता है। टाइट और सिंथेटिक कपड़े रगड़ और जलन को और बढ़ा देते हैं। - सर्दियों में साफ़-सफ़ाई में लापरवाही फंगल इन्फेक्शन के लिए एक अच्छा माहौल बनाती है
कम देर तक नहाना, कम बार नहाना, और त्वचा की परतों को ठीक से न सुखाने से पसीना, धूल और मृत त्वचा जमा हो जाती हैं। ये नज़रअंदाज़ की गई जगहें जल्दी ही फंगल ग्रोथ के लिए हॉटस्पॉट बन जाती हैं, जिससे सर्दियों में नियमित सफ़ाई और अच्छी तरह सुखाना ज़रूरी हो जाता है।
- सर्दियों मे त्वचा की खुजली संक्रमण को तेज़ी से फैलाती है
कम नमी से आमतौर पर सर्दियों में खुजली होती है। खुजलाने से त्वचा की सुरक्षा परत टूटती है और फंगस तेजी से शरीर में फैल सकता है। समय पर मॉइस्चराइज़र और जरूरत अनुसार एंटी-इच या एंटीफंगल क्रीम या पाउडर स्प्रे का उपयोग जलन को नियंत्रित करता है और स्थिति बिगड़ने से बचाता है। - घर के अंदर के माहौल से संक्रमण मे फैलाव बढ़ाता है
सर्दियों में लोग ज़्यादातर समय घर के अंदर रहते हैं। जिम, फिटनेस स्टूडियो, ऑफिस और शेयर्ड चेंजिंग रूम में भीड़ बढ़ जाती है। ये बंद, नमी वाली छोटी जगहें मैट, तौलिए और सामान जैसी शेयर की गई सतहों से फैलने को आसान बनाती हैं। - इलाज से बेहतर है शुरुआती रोकथाम
फंगल इन्फेक्शन अब पूरे साल की समस्या हैं, सिर्फ़ मानसून तक सीमित नहीं। सांस लेने वाले कपड़े पहनना, त्वचा को सूखा रखना, नियमित मॉइस्चराइज़िंग और रोकथाम के उपाय अपनाने से जोखिम काफी कम होता है। लालिमा, खुजली, पपड़ी उतरना या गोल दाग जैसे शुरुआती लक्षणों को पहचानकर तुरंत ध्यान देने से जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है और दोबारा होने से बचाव होता है।
सर्दियों मे स्किन केयर ज़रूरी है — इससे बचने का प्रयास नही करे, इसी मे समझदारी है
यह धारणा पुरानी हो चुकी है कि फंगल इन्फेक्शन केवल मानसून में होते हैं। आज की जीवनशैली में फंगल केयर पूरे साल की प्राथमिकता है। सर्दियों में भी नियमित स्किन रूटीन—साफ़ करना, अच्छी तरह सुखाना, मॉइस्चराइज़ करना और रोकथाम के उपाय अपनाना—संक्रमण से बचाव के लिए बेहद ज़रूरी है।





