- भारत का कांसे के लिए मुकाबला अर्जेंटीना से
- जर्मनी आठवें खिताब के लिए स्पेन से भिड़ेगा
सत्येन्द्र पाल सिंह
चेन्नै : स्ट्राइकर अर्शदीप सिंह, दिलराज सिंह और सौरभ आनंद कुशवाह सहित भारत की अग्रिम पंक्ति तो कोई धार ही नहीं दिखी और रक्षापंक्ति में उसके कप्तान फुलबैक रोहित, शारदानंद तिवारी व अनमोल एक्का जर्मनी के हमलों के खिलाफ एकदम असहाय नजर आए। मौजूदा व सात बार की चैंपियन जर्मनी ने चैंपियन की तरह अपने ‘स्ट्रक्चर’ से खेलते हुए दो बार चैंपियन रहे असहास दिखे भारत को मॉडर्न हॉकी का पाठ पढ़ाते हुए उस पर यहां रविवार को एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप 2025 के दूसरे सेमीफाइनल में पूरी तरह हावी रह 5-1 से जीत दर्ज। जर्मनी की जूनियर टीम अब आठवीं खिताब जीतने के लिए पहली बार फाइनल में पहुंचने वाली स्पेन से भिड़ेगी। स्पेन ने किस्मत के सहारे अर्जेंटीना पर पहले सेमीफाइनल में 2-1 से जीत दर्ज की।
भारत की हार इसलिए बेहद टीस देने वाली है क्योंकि उसके पास चैंपियन जर्मनी से निपटने के लिए कोई योजना और रणनीति ही नहीं दिखी। जर्मनी की स्ट्रक्चर हॉकी से निपटने के लिए भारत को अपनी हॉकी की कलाकारी के साथ जिस चतुराई की जरूरत थी वह उसके खेल में कहीं नहीं दिखी। जर्मनी ने भारत को अपना तेज हमलों वाला आक्रामक खेल खेलने ही नहीं दिया बल्कि अपने मनमाफिक मैदान पर नचाया। बेशक जर्मनी जीत की दावेदार थी पर मेजबान भारत से उसे कड़ी टक्कर देने की आस यहां मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में हॉकी प्रेमियों को जरूर थी , अफसोस उन्हें निराशा ही हाथ लगी। विजेता जर्मनी के लिए लुकस कोसल ने पहले पेनल्टी स्ट्रोक व फिर पेनल्टी कॉर्नर पर दो तथा टाइटस वेक्स,जोनास वॉन जर्सम व बेन हॉशबाख ने एक एक गोल किया। भारत के लिए इकलौता गोल दूसरे व आखिरी पेनल्टी कॉर्नर खेल खत्म होने से नौ मिनट पहले अनमोल एक्का ने दूसर पेनल्टी कॉर्नर पर दागा।
भारत को पिछले दो ओलंपिक में कांसा जिताने वाले अब जूनियर टीम के कोच के रूप में पीआर श्रीजेश के तरकश में जर्मनी से पार पाने के लिए कोई तीर ही नहीं दिखा।
चीफ कोच पीआर श्रीजेश के सामने भविष्य में अपने शागिर्दों को जेहनी तौर पर मजबूत बनाने की चुनौती होगी भारतीय टीम एक बार फिर सेमीफाइनल में हार गई और अब वह कांसे के लिए अर्जेंटीना से भिड़ेगी। भारत पिछले 2021 में भुवनेश्वर और 2023 में क्वालालंपुर में पिछले दो संस्करण में सेमीफाइनल में हारने के के बाद चौथे स्थान के मुकाबले में हार कर पदक जीतते से महरुम रह गइ। भारत के पास अब बुधवार को अर्जेंटीना से कांसे के लिए मुकाबला जीत कर इस टूर्नामेंट से खाली हाथ जाने से बचने का मौका है। भारत के चीफ कोच पीआर श्रीजेश ने कहा, ‘हम जर्मनी के खिलाफ अपना खेल नही खेल पाए। सच तो यह हम अपने मुताबिक नहीं खेले। हमने गोल करने के मौके तो बनाए उन्हें भुनाने में नाकाम रहे। साफ कहूं तो हम कतई अच्छा नहीं खेले।’
जोनास वॉन जर्सम, कप्तान बेन हाशबाख, टाइटस वेक्स, पॉल बेबिक और एलेक वान शेरविक से सज्जित जर्मनी की अग्रिम पंक्ति ने बेहतरीन गेंद नियत्रंण की बदौलत भारत की मध्यपंक्ति और रक्षापंक्ति पर ऐसा दबाव बनाया कि वह एकदम बिखरी बिखरी नजर आई। भारत के लिए गुरजोत सिंह और प्रियव्रत तलेम ने दोनों छोर से गेद को आगे बढ़ाने की कोशिश लेकिन सुनील बेनूर गेंद को अपने कब्जे में ही नहीं रख पाए और बराबर गेंद गंवाते रहे।ऐसे में भारत को पूरे मैच में मात्र दो पेनल्टी कॉर्नर मिले और इसमें उसके लिए दूसरे पर अनमोल एक्का ने गेल दागा।जर्मनी ने पहला क्वॉर्टर खत्म होने से ठीक एक मिनट पहले मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और इस पर कुइरिन रन की गेंद को गोल में डालने की कोशिश लेकिन इस पर गेंद गोलरेखा पर खड़े अंकित पाल के शरीर पर लगी और इस अंवायर ने उन्हें पेनल्टी स्ट्रोक दिया। लुकस कोसल ने इस पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदल कर जर्मनी का खाता खोला। अगले ही मिनट टाइटस वाक्स ने भारत के गोलरक्षक प्रिंसदीप सिंह को छका अपना गोल कर जर्मनी को पहला क्वॉर्टर खत्म होने से ठीक पहले 2-0 से आगे कर दिया। भारत के लिए सबसे ढीला खेल दाएं मिडफील्डर के रूप में खेलने वाले सुनील बेनूर ने दिखाया व न तो गेंद को अपने कब्जे में रख पाए और न ही सही पास दे पाए और वह बराबर गेद गंवाते रहे। सुनील बेनुर ने लंबे एरियल पास पर एक बार भी जर्मनी की रक्षापंक्ति के खिलाड़ी को छका आगे गेंद नहीं बढ़ पाए। गुरजोत सिंह, मनमीत सिंह और प्रियव्रत तलेम ने गेंद को आगे अर्शदीप सिंह और दिलराज सिंह के गेंद बढ़ाने की कोशिश लेकिन ज्यादातर मौकों पर जर्मनी के डिफेंडर क्रिश्चिशन फ्रेंज व पॉल ग्लेंडर ने रोक कर बेकार कर दिया। कप्तान बेन हैशबाख ने दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से जर्मनी को मैच का दूसरा पेनल्टी कॉर्नर दिलाया और इस पर लुकस कोसल ने मैच का अपना दूसरा गोल कर अपनी टीम की बढ़त 3-0 कर दी।
सौरभ आनंद कुशवाहा ने तीसरे क्वॉर्टर के पांचवें मिनट में डी के ठीक उपर से तेज शॉट लिया लेकिन जर्मनी के गोलरक्षक जेसपर डीजर ने अच्छा पूर्वानुमान लगाते हुए इसे रोक कर भारत को गोल करने से रोक दिया। जोनास वॉन जर्सम ने बाएं से बने अभियान पर मैच के 40वें मिनट में आगे निकल आए भारत के गोलरक्षक बिक्रमजीत सिंह को छका तेज वॉली जमा गोल कर जर्मनी को 4-0 आगे कर दिया। कप्तान बेन हाशबाख मैच के 49 वें मिनट में अगले ही गेंद को गोल में डाल कर जर्मनी की बढ़त 5-0 कर मैच भारत की पकड़ से बाहर कर दिया। भारत के ड्रैग फ्लिकर अनमोल एक्का ने खेल खत्म होने से मात्र दो मिनट मिले दूसरे और आखिरी पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर स्कोर 1-5 किया।
सरहिमा के ‘लकी’ गोल से स्पेन सेमीफाइनल जीता :जीत के लिए कौशल के साथ किस्मत भी चाहिए और इस हकीकत का अहसास अर्जेंटीना की टीम ने मैदान पर किया। अल्बर्ट सरहिमा के ‘लकी’ गोल की बदौलत स्पेन ने दो बार चैंपियन रहे अर्जेंटीना को पहले सेमीफाइनल में 2-1 से हरा दिया। आखिरी क्षण में अर्जेंटीना को आखिरी क्षण में मलयेशियाई अंपायर रवि अबनाथन ने पेनल्टी कॉर्नर दिया लेकिन स्पेन के रेफरल पर तीसरे अंपायर ने यह फैसला पलट दिया। मारियो मीना ने सातवें मिनट में मिले मैच के दूसरे पेनल्टी कॉर्नर पर अर्जेंटीना के गोलरक्षक जोकिम रुइस के पैड को लग कर लौटती गेंद को तेज फ्लिक से गोल कर स्पेन का खाता खोला। अगले ही मिनट अर्जेंटीना को पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन यह बेकार गया। ड्रैग फ्लिकर जुआन फर्नांडेज ने दूसरे क्वॉर्टर के पांचवें मिनट तेज उंचे ड्रैग फ्लिक पर स्पेन के गोलरक्षक जेन कैपलेडज को छका गोल कर अर्जेंटीना को एक एक की बराबरी दिला दी। अर्जेंटीना को मिले मैच के चौथे पेनल्टी कॉर्नर को छोड़ कर तीसरे क्वॉर्टर में एक दूसरे की मजबूत घेरेबंदी करने में वक्त निकल गया। अर्जेंटीना के अगले ही मिनट तेज हमले पर उसे मेच का पांचवां पेनल्टी कॉर्नर मिला इस पर गेंद के गोल में जाने से पहले ही अंपायर ने सीटी बज गई। इस पर अर्जेंटीना ने बेवजह ही रेफरल ले इसे गंवा दिया। ब्रूनो एविला के मैच के 56 वें मिनट में 25 गज की रेखा से लंबे शॉट पर गेंद डी के भीतर खड़े अल्बर्ट सरहिमा की हॉकी को बस छूकर कर गोल में चली गई इस पर अंपायर न्यूजीलैंड के निकोल बेवन ने फैसला रेफरल के लिए विडियो अंपायर के पास भेजा लेकिन उन्होंने जब इस पर कहा कि सलाह मुमकिन नहीं तो साथी अंपायर मलयेशिया के रवि अनबनाथन से सलाह ली और गोल दे दिया।
नीदरलैंड का पांचवें स्थान के लिए बेल्जियम से मुकाबला : कप्तान स्ट्राइकर कैस्पर वान डेर वीन की हैट्रिक की बदौलत नीदरलैंड ने न्यूजीलैंड को यहां रविवार को 6-3 से हराकर पांचवें स्थान के लिए बेल्जियम से भिड़ने का अधिकार हासिल किया। विजेता टीम के नीदरलैंड के लिए पॉप वीन , जॉन वेंटलेंड और जॉप विल्बर्ट ने भी एक एक गोल किया। पराजित न्यूजीलैंड के लिए जोंटी एल्मस ने दो तथा ओवन ब्राउन ने एक गोल किया। मैनऑफ द’ मैच कैस्पर वान डेर वीन की हैट्रिक से नीदरलैंड ने पाचवें से आठवें स्थान के लिए खेले मैच में अपनी जीत पक्की कर ली थी। कप्तान कैस्पर वान डेर वीन के पहले क्वॉर्टर में दागे दो और पॉप वीन व जॉन वेंटलेंड के एक एक मैदानी तथा जॉप विल्बर्ट के पेनल्टी स्ट्रोक पर दागे गोल से नीदरलैंड ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हाफ टाइम तक 5-2 से आगे थी। नीदरलैंड ने पहले क्वॉर्टर तक ही 3-0 की बढ़त ले कर मैच पर ऐसी पकड़ बनाई की न्यूजीलैंड की टीम शुरू के दो क्वॉर्टर में अपना किला बचाती ही ज्यादा नजर आई। न्यूजीलैंड के ओवन ब्राउन ने दूसरे क्वॉर्टर के दूसरे मिनट में गोल कर स्कोर 1-3 कर दिया और भारतीय मूल के मिलन पटेल के दाएं से बढ़िया पास पर जोंटी एल्मस ने बढ़िया मैदानी गोल कर स्कोर 2-5 कर दिया। पहले हाफ की समाप्ति पर नीदरलैंड की टीम 5-2 से आगे थी।कप्तान कैस्पर वान डेर वीन ने तीसरे क्वॉर्टर के छठे मिनट में डी के भीतर जोरदार वॉली जमा गोल कर अपनी हैट्रिक पूरी कर नीदरलैंड को 6-2 से आगे कर दिया थ न्यूजीलैंड को नौ मिनट पेनल्टी कॉर्नर मिले और उसके लिए जोंटी एल्मस ने अंतिम पर मैच का अपना दूसरा गोल किया। वहीं नीदरलैंड को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन कोई भी टीम इन्हें गोल में बदलने में नाकाम रही।
हयूगो लबूशेर के खेल खत्म होने से दो मिनट पहले पेनल्टी कॉर्नर पर दागे गोल की बदौलत दो बार पिछड़ने के बाद बेल्जियम ने फ्रांस को 3-2 से हरा कर पांचवें स्थान के लिए जर्मनी से भिड़ने का अधिकार हासिल कर लिया। जेम्स लिलियार्ड के मैच के 22 वे मिनट मे दागे गोल से फ्रांस ने खाता खोला। दो मिनट बाद मैथिस लॉअर्स के गोल से बेल्जियम ने एक एक की बराबरी पाई। हाफ टाइम तक दोनों टीमें एक एक गोल से बराबर थी। तासिलो सूरा के तीसरे क्वॉर्टर के पांचवे मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर दागे गोल से फ्रांस ने फिर बढ़त ले ली। मैक्समिलन लेंगर के तीसरे क्वॉर्टर के पहले मिनट में बढ़िया मैदानी गोल से बेल्जियम से दो दो की बराबरी पाई। हयूगो लबूशेर ने खेल खत्म होने से दो मिनट पहले पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर बेल्जियम को 3-2 से आगे कर दिया और उनका यह गोल मैच का निर्णायक और विजयदाई गोल साबित हुआ।





