भारत की जू टीम ने फाइनल में चीन की जू.टीम को हरा पूल मैच की हार का हिसाब चुकाया
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : तेज तर्रार नौजवान स्ट्राइकर कणिका सिवाच के तीसरे क्वॉर्टर में दागे गोल की बदौलत निर्धारित समय में एक एक की बराबरी के बाद गोलरक्षक निधि के शूटआउट में तीन बेहतरीन बचावों की बदौलत मौजूदा चैंपियन भारत ने तीन बार चैंपियन रहे चीन को मस्कट(ओमान) में जूनियर महिला हॉकी एशिया कप के फाइनल मे रविवार रात 3-2 से हराकर खिताब पर कब्जा बरकरार रखा। 2023 की चैंपियन भारत की जूनियर टीम ने चीन की जूनियर टीम से कड़े संघर्ष में फाइनल जीत उससे अपने पूल मैच में मिली 1-2 की हार का हिसाब भी चुकता कर उसकी चौथी बार चौथी बार खिताब जीतने की हसरत पानी फेर दिया।
2024 के पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता रही चीनी टीम की सदस्या रही जिंजुआंग तान के दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से महज 26 सेकंड पहले मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर दागे गोल से चीन की जूनियर टीम ने अपना खाता खोला। कप्तान फुलबैक ज्योति सिंह की मुस्तैदी और चीफ कोच पूर्व ओलंपियन तुषार खांडकर के मार्गदर्शन में भारत की जूनियर टीम ने बराबर दबाव बनाए रखा। आक्रामक मिडफील्डर सुनीलिता टोपो के बेहतरीन पास पर पूर्व कप्तान प्रीतम सिवाच की होनहार बिटिया तेज तर्रार नौजवान स्ट्राइकर कणिका सिवाच तीसरे क्वॉर्टर में दागे गोल की बदौलत भारत की जूनियर टीम ने निधारित समय में एक एक की बराबरी पा ली। शूटआउट में भारत की जूनियर टीम की साक्षी राणा, इशिका और सुनीलिता टोपो ने क्रमश: पहले , तीसरे और पांचवें प्रयास में गोल किए जबकि चीन की गाोलरक्षक झांग मेंगयाओ ने मुमताज के दूसरे प्रयास को रोका जबकि कणिका सिवाच की मुश्किल कोण से गोल करने की कोशिश में गेंद देरी कर दी और गोलरक्षक ने समय रहते गेंद रोक ली। शूटआउट में भारत की जूनियर टीम की गोलरक्षक निधि ने चीन की जूनियर टीम की लीहांग वांग के पहले, जिंगही ली के चौथे और दनदन जू के पांचवें प्रयास को मुस्तैदी दिखा रोका जबकि गुतिंग हाओ दूसरे और तंगजी लू ही गोल कर पाईं।
भारत और चीन की जूनियर टीमों ने फाइनल में पहले क्वॉर्टर में सधे अंदाज में आगाज किया और गेंद पर भी दोनो टीमों का कब्जा करीब बराबर का रहा। भारत की जूनियर टीम को पहले क्वॉर्टर में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन चीन की जूनियर टीम की दीवार ने इस पर मुस्तैदी से अपने किले की हिफाजत की। भारत की जूनियर टीम ने दूसरे क्वॉर्टर में अपने हमले जारी रखे लेकिन गोल नहीं कर पाए। दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से पहले मिले चीन की जूनियर टीम को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गेंद भारत की कप्तान ज्योति सिंह के पैर पर लगी और इस पर मिले पेनल्टी स्ट्रोक को इसे उसकी कप्तान जिंजहुआंग तान ने इसे गोल में बदल कर उसका खाता खोला। भारत की जूनियर टीम ने बराबरी पाने के लिए तीसरे क्वॉर्टर में पूरी ताकत गोल करने में झोंक दी। भारत की जूनियर टीम के लिए इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल करने वाली उसकी ऑलराउंडर दीपिका सहरावत ने अकेले ही चीन की जूनियर टीम की दीवार को भेद कर टीम को पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन उनके ड्रैग फ्लिक को गोलरक्षक ने रोक लिया। मैच के 41 वें मिनट में दीपिका सहरावत और सुनीलिता टोपो गेंद को आपस में लेते देते चीन की आगे बढ़ी। सुनीलिता से डी के भीतर कणिका सहरावत ने गेंद संभाली और बेहतरीन मैदानी गोल कर भारत की जूनियर टीम को एक एक की बराबरी दिला दी।
चौथे और आखिरी क्वॉर्टर में विजयदाई गोल के लिए दोनों ही टीमों ने पूरी ताकत झोंक दी। खेल खत्म होने से दस मिनट पहले भारत की जूनियर टिीम की गोलरक्षक दीपिका सहरावत के पेनल्टी कॉर्नर पर बेहतरी फ्लिक पर गेद बाहर निकल गई और चीन जूनियर टीम रने भी पेनल्टी कॉर्नर पर गेल का मौका गंवाया। निर्धारित समय की समाप्ति पर स्कोर एक एक से बराबर रहने के बाद भारत की जूनियर टीम ने शूटआउट में 3-2 से जीत के साथ खिताब पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
हॉकी इंडिया ने भारत की जूनियर टीम के खिताब बरकरार रखने पर टीम की हर सदस्य को दो-दो लाख रुपये तथा सपोर्ट स्टाफ के हर सदस्य को एक एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की