
भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते ऑटोमोबाइल क्षेत्र की उत्पादन आवश्यकताओं को विशेष प्रिसिजन डाई और टूलिंग समाधान कर रहे हैं पूरा
रविवार दिल्ली नेटवर्क
मुंबई : जैसे-जैसे भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप का टूलिंग व्यवसाय इस उद्योग की सप्लाई चेन को मज़बूत बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देश में ऑटोमोबाइल उद्योग की दिशा इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर तेज़ी से बढ़ने के चलते नए इंजन, बैटरी बॉक्स और उच्च गुणवत्ता वाले शीट मेटल पुर्जों की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए गोदरेज ने ईवी निर्माण की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी क्षमताओं को और उन्नत किया है, विशेषकर हाई-प्रिसिजन डाई और टूलिंग समाधानों पर फोकस करते हुए।
ईवी की बढ़ती मांग को भांपते हुए कंपनी ने अपने राजस्व का 2–3% अनुसंधान एवं विकास और उन्नत मशीनरी में निवेश किया है, ताकि भविष्य के लिए नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके, उद्योग की बदलती जरूरतों को पूरा किया जा सके और उत्पादन क्षमता को बेहतर किया जा सके।
मई 2025 में ईवी की बिक्री में साल-दर-साल 28% की वृद्धि दर्ज की गई और FY2025 में 19.6 लाख यूनिट्स की रिकॉर्ड बिक्री हुई। ऐसे में स्थानीय रूप से निर्मित, उच्च-गुणवत्ता वाले ईवी पुर्जों की मांग अपने चरम पर है। गोदरेज का टूलिंग व्यवसाय ईवी इकोसिस्टम के लिए उपयुक्त उच्च-सटीकता वाले डाई और टूलिंग सिस्टम पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह केंद्रित दृष्टिकोण भारत के टियर 1 और टियर 2 ऑटोमोटिव सप्लायर्स को ईवी की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम बना रहा है, साथ ही ‘मेक इन इंडिया’ और आयात प्रतिस्थापन जैसे सरकारी अभियानों के अनुरूप कार्य कर रहा है।
पिछले तीन वर्षों में कंपनी की कुल आय का 10–15% हिस्सा ईवी से जुड़े टूलिंग ऑर्डरों से आ रहा है, जो इस क्षेत्र की बढ़ती निर्भरता को प्रिसिजन इंजीनियरिंग और स्थानीय विनिर्माण पर दर्शाता है।
पंकज अभ्यंकर, बिज़नेस हेड, टूलिंग डिवीजन, गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप ने कहा, “जैसे-जैसे ईवी निर्माता उपभोक्ता मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ा रहे हैं, उन्हें ऐसे टूलिंग पार्टनर की आवश्यकता है जो तकनीकी जटिलताओं और व्यावसायिक प्राथमिकताओं दोनों को समझते हों। भारत में ईवी ट्रांजिशन केवल वाहनों का बदलाव नहीं है, बल्कि यह एक आत्मनिर्भर, लचीला और वैश्विक प्रतिस्पर्धी ईकोसिस्टम के निर्माण की प्रक्रिया है। गोदरेज में हम अपनी प्रिसिजन इंजीनियरिंग समाधानों के ज़रिए इस परिवर्तन को साकार करने में गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारे वर्ल्ड-क्लास टूलिंग सिस्टम आयात पर निर्भरता को घटाने, लागत दक्षता बढ़ाने और उत्पाद की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में मदद कर रहे हैं।”
गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप अब कुछ ऐसे टूल्स के स्थानीयकरण की भी संभावनाएं तलाश रहा है, जो फिलहाल विदेशों में बनते हैं। इन टूल्स का घरेलू उत्पादन शुरू कर कंपनी न केवल निर्यात को बढ़ावा देना चाहती है, बल्कि इन लोकलाइज्ड समाधानों के लिए सेकेंडरी मार्केट भी तैयार करना चाहती है। यह ड्यूल रणनीति, वैश्विक सेवा और स्थानीय निर्माण, भारत को वर्ल्ड-क्लास टूलिंग निर्यात का केंद्र बनाने की कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।