रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ। शासन और प्रशासन जनता के प्रति संवेदनशील बने। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुरू से यह मंशा रही है। इस बाबत खुद को नजीर के रूप में प्रस्तुत करने के लिए वह जनता दर्शन में लोंगों की समस्याएं सुनते हैं। अक्सर वह कहा भी करते हैं कि संवाद अधिकांश समस्याओं का हल है। अगर शासन-प्रशासन और जनता के बीच लगातार संवाद बना रहे तो तमाम समस्याएं मौके पर हल हो जाती हैं। और कई समस्याएं गंभीर होने से बच जाती हैं। यह संवाद असरदार और नतीजापरक हो इसके लिए संबंधित पक्षों का आमने सामने होना जरूरी है। मुख्यमंत्री अब अपनी इसी बात को अमली जामा पहनाने में लगे हुए हैं।
इसी क्रम में पिछले दिनों गोरखपुर में अधिकारियों के साथ एक बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि अब से एसडीएम, सीओ, तहसीलदार रात में अपनी तैनाती स्थल पर ही रुकेंगें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एसडीएम,तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सीओ रात्रि में हर हाल में अपने तैनाती स्थान पर ही रुकेंगें। अकारण मुख्यालय पर नहीं जाएंगें। अगर ये क्षेत्र में रहेंगे तो नागरिकों की समस्याएं उन तक तत्काल पहुचेंगी। जिससे समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो सकेगा। अधिकारी और कर्मचारी सरकारी आवास की अनुपलब्धता की स्थिति में किराए पर कमरा लेकर तैनाती स्थल पर ही रहेंगें। थाना ,ब्लॉक, तहसील पर आई अधिकांश समस्याओं का वहीं निपटारा हो जाएगा। तमाम समस्याएं गंभीर होने से बच जाएगी। जनता में शासन-प्रशासन की अच्छी छबि जाएगी।
उल्लेखनीय है कि संबंधित अधिकारियों से पहले भी ये अपेक्षा की जाती रही है कि वह तैनाती स्थल पर ही रात में रूकें ताकि असमय और अप्रत्याशित स्थितियों में आई किसी समस्या का वे उसी समय मौके पर संतोषजनक एवं स्थाई समाधान दे सकें। इसी मकसद से तैनाती स्थल पर उनके लिए ढेर सारा संसाधन खर्च करके सरकार बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया कराती है। बावजूद इसके शायद ही कोई एसडीएम, सर्किल ऑफिसर, पीएचसी एवं सीएचसी में तैनात डॉक्टर अपने तैनाती स्थल पर रात में रूकता हो। जब ये नहीं रुकते तो आमतौर पर इनके तमाम मातहत भी नहीं। ऐसे में इमरजेंसी में ये जनता की मदद नहीं कर पाते छोटी समस्याएं गंभीर हो जाती हैं और प्रशासन के प्रति लोगों में नारजगी बढ़ती है। अगर एसडीएम तहसील मुख्यालय पर रूकने लगे तो स्वाभाविक रूप से उस क्षेत्र को सर्किल ऑफिसर, जिला मुख्यालय के पास तैनात थानेदार, पीएचसी सीएचसी के डॉक्टर भी वहां पर रूकेंगे और सचेत भी रहेंगे। किसी भी इमरजेंसी में वह लोंगों की मदद कर सकेंगे। इससे जनता को राहत मिलेगी प्रशासन कि संवेदनशीलता सुलभता की लोग तारीफ करेंगे। मुख्यमंत्री की मंशा भी यही है।