राज्यपाल ने किया वन्य-जीव सप्ताह समारोह का समापन

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : वन्यजीव सप्ताह का उद्देश्य वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति आम जनमानस को जागरुक करना एवं इनके संरक्षण हेतु उनकी सहभागिता प्राप्त करना है। इसी उद्देश्य से इस दौरान पूरे उत्तराखण्ड राज्य में वन विभाग के समस्त प्रभागों एवं वृत्तों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान विशेष तौर पर वन्यजीव संरक्षण सम्बन्धी गोष्ठियों/कार्यशालाओं का आयोजन, स्कूली बच्चों के मध्य निबन्ध लेखन एवं चित्रकला प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, वन्यजीवों पर आधारित फिल्म प्रदर्शन, वन एवं वन्यजीवों की रोचक गतिविधियों के बारे में अवगत कराना, मानव वन्यजीव सह-अस्तित्व के बारे में जनमानस को प्रेरित करना इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किये गये।

समापन समारोह में राज्यपाल द्वारा कार्बेट टाइगर रिजर्व की फिल्म का अनावरण किया गया एवं विभागीय प्रकाशनों मानव गुलदार संघर्ष न्यूनीकरण के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का हिन्दी रूपांतरण, सिक्योर हिमालय परियोजना के अन्तर्गत ‘’ए कंपैडियम ऑॅफ बेस्ट प्रैक्टिसिस फॉर सिक्योर हिमालय प्रौजेक्ट’’ एवं सेब के मूल्य वर्धित उत्पाद-जूस एवं जैम बनाने हेतु तकनीकी मार्गदर्शिका का विमोचन किया गया।

राज्यपाल द्वारा इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड में 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि वन्यजीव एवं वन संपदा हमारी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बदल सकते हैं, हमें इनके महत्व को समझना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास वन संपदा का अत्यधिक भंडार है, जो हमारे लिए अनमोल उपहार है। राज्यपाल ने कहा कि हमें प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि वन्यजीव सप्ताह के अवसर पर हमें संकल्प लेना होगा कि हमें वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें। उन्होंने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष एक चुनौती के रूप में है जिसका निदान हमें स्वयं खोजना होगा। राज्यपाल ने वन्य जीव संरक्षण हेतु वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की तथा वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण में आम जनमानस की सहभागिता प्राप्त करने पर जोर दिया।

वन मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा अपने सम्बोधन में वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान की गई। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि स्थानीय लोगों तथा जनसामान्य के सहयोग के बिना वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण हेतु चलाई जा रही योजनाएं फलीभूत नहीं हो सकती है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने वन संरक्षण के क्षेत्र में जनभागीदारी के साथ-साथ कृषि एवं वन विभाग द्वारा आपसी रणनीति बनाए जाने पर जोर दिया।

समापन कार्यक्रम में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव)/मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ० धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव निशान्त वर्मा, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व डॉ० साकेत बडोला के अलावा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।