राज्यपाल ने गोल्डन की आशा स्कूल का भ्रमण किया, बच्चों से की बात

Governor visited Golden Ki Asha School, talked to children

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : राज्यपाल ले.जन. गुरमीत सिंह (सेनि) ने बीरपुर में गोल्डन की डिवीजन द्वारा संचालित गोल्डन की आशा स्कूल का भ्रमण किया। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए संचालित इस स्कूल में 50 बच्चे पढ़ रहे हैं। राज्यपाल ने भ्रमण के दौरान प्रत्येक कक्षा में जाकर बच्चों से बातचीत की और उनकी गतिविधियों एवं शिक्षण पद्धतियों की जानकारी ली। इस दौरान राज्यपाल ने बच्चों को मिठाइयाँ और उपहार भी दिए साथ ही स्कूल हेतु 1.25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का चेक भी दिया। प्रधानाचार्या ने राज्यपाल को बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्कूल द्वारा संचालित विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के उत्साह और सकारात्मकता से अभिभूत होकर, राज्यपाल ने विद्यालय के उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने प्रधानाचार्या और विशेष शिक्षकों की टीम द्वारा बच्चों के समग्र विकास के लिए किए जा रहे सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन यापन में सहायता करने वाले सभी लोग अत्यंत पुनीत कार्य कर रहे हैं, समाज के अन्य लोगों को भी इस प्रकार के कार्यों में सहभागिता करने की आवश्यकता है।

गोल्डन की डिवीजन के जवानों और अधिकारियों से मुलाकात की
राज्यपाल ने गोल्डन की डिवीजन के जवानों और अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया। उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और सेवा में उनके अनुकरणीय समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना का ‘राष्ट्र सर्वाेपरि’ का संकल्प अद्वितीय है। सैनिकों के साहस, निष्ठा और बलिदान पर पूरे देश को गर्व है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भारतीय सेना का योगदान अमूल्य है और आपके त्याग से ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। कठिनतम परिस्थितियों में भी हमारे सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। आप सभी सैनिकों का अदम्य साहस और अनुशासन प्रेरणादायक है, और आपकी सेवाएं राष्ट्र के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने सैनिकों के समर्पण को सलाम करते हुए कहा कि उनका देश प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा असाधारण है, चाहे कैसी भी चुनौतियां हों, वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हैं। राज्यपाल ने कहा कि समूचा राष्ट्र उनकी बहादुरी और सेवा का ऋणी है, और उनकी प्रतिबद्धता से ही देश सुरक्षित और सशक्त बना हुआ है।

इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर भी उपस्थित रहीं।