
रविवार दिल्ली नेटवर्क
डिवीजन ऑफ प्रिवैन्टिव साइंस बेटरजी डेंटल कॉलेज, सऊदी अरब की सीनियर प्रो. तसीर बशीर ने कहा, जो दर्द किसी एक ही स्थान पर हो, उसे स्पेशिफिक पेन और जो दर्द पूरे मुंह में होता है, वह नॉन स्पेशिफिक पेन कहलाता है। टेम्पोरो मैंडिबुलर ज्वाइंट- टीएमजे का दर्द कान या उससे ऊपर जाता है तो उसे रेफर्ड पेन कहते हैं। टीएमजे से जुड़ी समस्याओं को अल्ट्रासाउंड, सीबीसीटी, सीटी स्कैन, एमाराय आदि की सहायता से इन्वेस्टिगेट किया जा सकता है। टीएमजे से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए गर्म और ठंडे पानी से सिकाई, नरम खाना और मुंह को ज्यादा नहीं खोलना चाहिए। टेंस थैरेपी, अल्ट्रासाउंड थैरेपी सरीखे इलाज के विकल्पों के बारे में बताते हुए डॉ. बशीर से कहा, टीएमजे को स्वस्थ बनाने के लिए दिन में तीन से चार बार बड़ा मुंह खोलकर बंद करना, जीभ से गालों पर दबाव डालना, आइसक्रीम स्टिक से मुंह खोलने की कोशिश करनी चाहिए। गेस्ट लेक्चर के दौरान सवाल-जवाब का दौर भी चला। डॉ. बशीर ने मेस्टिकेट्री मसल्स के ऑरिजन, इंसर्सन, पल्पेशन और मसल को पैलपेट करने के एक्सट्रा ओरल तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा की।
डॉ. बशीर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में डिपार्टमेंट ऑफ ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी की ओर से इन्वेटिव अप्रोच डायग्नोसिंग टेम्परो मैंडिबुलर ज्वाइंट डिसऑर्डर फोक्सड अपऑन फेसियल एंड मेस्टिकेट्री मसल्स पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इस मौके पर मुख्य अतिथि को मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। अतं में सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने विभिन्न मांसपेशियों जैसे- ऐलीवेटरस मैसेट्र, मेडिसन टेरिगॉइड, टेमपोरॉलिस, डिप्रेसर- लेट्रल टेरिगॉइड, जिनिओ हाओइड के ऑरिजन, इंसर्सन और पल्पेसन के बारे में भी गहनता से समझाया। गेस्ट लेक्चर में डेंटल कॉलेज की डायरेक्टर गवर्नेंस श्रीमती नीलिमा जैन बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर, डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. प्रदीप तांगडे, वाइस प्रिंसिपल डॉ. अंकिता जैन, डिपार्टमेंट ऑफ ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी के एचओडी डॉ. शिवान सतीश, प्रो. उपेन्द्र मलिक, डॉ. नईम अहमद के संग-संग 200 छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन डॉ. अभिलीन कौर ने किया।