गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : गुजरात देश का पहला ऐसा प्रदेश बन गया है जिसने हाल ही विधान सभा में प्रस्तुत किए बजट में बच्चों में होने वाली डाइबीटिज रोग के उपचार के लिए 15 करोड़ रू का बजट प्रावधान रखा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुजरात के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस राशि से मधुमेह प्रभावित बच्चों को इन्सुलिन के इंजेक्शन और अन्य सुविधाएँ मुहैया करवाई जायेंगी। भारत में दुनिया के सबसे अधिक बच्चे डाइबीटिज से पीड़ित है और इसके बाद अमरीका का नम्बर आता है ।
दो डॉक्टर बहनों का अमूल्य योगदान
बच्चों में मधुमेह के प्रति जन जागरूकता पैदा करने और इस बारे में भ्रान्तियों का निराकरण करने के लिए गुजरात की दो डॉक्टर बहनों डॉ स्मिता जोशी और डॉ शुक्ला रावल ने देश विदेश में ज़ोरदार अभियान चला रखा है ।उन्होंने भारत में कश्मीर से कन्या कुमारी और अमरीका में ईस्ट कोस्ट से वेस्ट कोस्ट तक 7500 किमी स्वयं कार चला जन जागृति पैदा करने का सराहनीय काम किया है। इसके परिणाम स्वरूप गुजरात सरकार ने सबसे पहले बच्चों में होने वाली ज्यूवेनल डाइबिटिज के लिए आगे आकर बजट घोषणा की है ।
डॉ स्मिता जोशी और डॉ शुक्ला रावल ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मन्त्री ऋषिकेश भाई पटेल और वित्त मंत्री कनु भाई देसाई का आभार व्यक्त किया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री। डॉ मनसुख भाई मंडविया से पुनः आग्रह किया है कि वे बच्चों में मधुमेह के सम्बन्ध में इन्सुलिन के शताब्दी वर्ष में एक राष्ट्रीय नीति घोषित करें ताकि करोड़ों बच्चे उससे लाभान्वित हो सकें।