नीलेश शुक्ला
गुजरात वर्ष 2001 से पहले भारत देश के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के नक्शे से लगभग गायब ही था। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक विविधता के बावजूद, राज्य को पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केन्द्रों में नहीं गिना जाता था। उस समय की राज्य सरकार ने पर्यटन के बुनियादी ढांचों को विकसित करने या गुजरात की अनूठी धरोहर को बढ़ावा देने में बहुत ही कम रुचि दिखाई। जो थोड़े-बहुत पर्यटक यहां आए भी वो भी मुख्य रूप से आध्यात्मिक यात्री ही थे जो द्वारका और सोमनाथ जैसे मंदिरों के दर्शन के लिए आया करते थे।
ये सारा परिदृश्य तब बदलना शुरू हुआ जब नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। गुजरात के पर्यटन की अद्भुत क्षमता को पहचानते हुए, नरेन्द्र मोदी ने राज्य को एक जीवंत और लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में बदलने की व्यापक रणनीति पर काम करना शुरू किया। एक बार अपने संबोधन में उन्होंने गुजरात को एक ऐसा दुर्लभ राज्य बताया था जहां पर्यटक एक साथ पहाड़, समुद्र और रेगिस्तान देख सकता है। जहां गुजरात में सापुतारा जैसा सुंदर हिल स्टेशन है वहीं दूसरी ओर राज्य में 1600 किमी लम्बी तटरेखा के साथ विशाल समुद्रों की शांति भी है और कच्छ के अद्भुत रेगिस्तान के नज़ारे भी।
सीमित संख्या से लाखों पर्यटकों तक
साल 2003-04 में गुजरात आने वाले पर्यटकों की संख्या 61.65 लाख थी। 2022-23 में यह संख्या 14 करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले दो दशकों में इस क्षेत्र में हुई जबरदस्त बढ़ोतरी का प्रमाण है। राज्य सरकार ने अपने पर्यटन बजट में उल्लेखनीय वृद्धि करके इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है – जो 23 साल पहले की तुलना में 135 गुना अधिक है।
आज गुजरात का पर्यटन केवल द्वारका और सोमनाथ के प्रतिष्ठित मंदिरों तक ही सीमित नहीं है। घरेलू और विदेशी दोनों ही तरह के पर्यटक अब दिसंबर और जनवरी के दौरान आयोजित होने वाले कच्छ महोत्सव का आनंद लेने यहां आते हैं। गुजरात आने वाले सैलानी, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखकर अचंभित हो रहे हैं और गिर अभयारण्य में एशियाई शेरों को देखने का रोमांच अनुभव कर रहे हैं। पर्यटन स्थलों की विविधता ने गुजरात को पर्यटन के मामले में भारत के सबसे गतिशील राज्यों में से एक बना दिया है।
उत्सव:- गुजरात के पर्यटन की धड़कन
वर्तमान में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने न केवल पर्यटन स्थलों के विकास का काम जारी रखा है बल्कि गुजरात के त्योहारों को एक अनोखे अनुभव में बदलकर पर्यटन को और भी मज़बूत किया है। गुजरात में सबसे ज़्यादा मनाए जाने वाले दो त्योहारों में नवरात्रि महोत्सव और अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव शामिल हैं।
नवरात्रि उत्सव: एक सांस्कृतिक उत्सव
नौ रातों तक चलने वाला नवरात्रि उत्सव नृत्य, संगीत और भक्ति का एक भव्य उत्सव है। दुनिया भर से लोग पारंपरिक गरबा और डांडिया रास प्रदर्शन में भाग लेने के लिए गुजरात आते हैं। यह त्योहार एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम है जिसके माध्यम से पर्यटकों के बीच गुजरात की पारम्परिक पोशाक, भोजन और आतिथ्य सेवाओं की मांग बढ़ती है और आय उपार्जन के नए रास्ते खुलते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव
जनवरी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव गुजरात आने वाले सैलानियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह आयोजन सिर्फ अपने अद्भुत नज़ारों के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि एक सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति को भी दर्शाता है। पतंग महोत्सव के दौरान गुजरात का आसमान दुनिया की तमाम रंग-बिरंगी, विशाल पतंगों से भरकर एक कैनवास में बदल जाता है। इस दौरान गुजरात पतंग उड़ाने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और दर्शकों से भर जाता है जिससे स्थानीय सेवाओं और गुजराती उत्पादों की मांग बढ़ जाती है।
यह त्योहार स्थानीय कारीगरों को उनकी प्रतिभा का प्रर्दशन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। हाथ से बनी पतंगें, पारम्परिक वेशभूषा और अन्य स्थानीय उत्पादों की बिक्री बहुत बढ़ जाती है। इसके अलावा, यह आयोजन स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देता है और परिवहन, आतिथ्य और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अस्थायी रोजगार के अवसर पैदा करता है।
अंतर्राष्ट्रीय पतंग प्रेमी अपने साथ अद्वितीय पतंग डिजाइन और आधुनिक तकनीक लेकर आते हैं, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है और स्थानीय पतंग निर्माताओं के कौशल में वृद्धि होती है। इस महोत्सव ने स्थानीय पतंग बनाने के उद्योग को बढ़ावा दिया है, जो अब न केवल घरेलू बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की मांग को भी पूरा करता है।
प्रमुख पर्यटन परियोजनाएं: गुजरात के प्रतीक
कई ऐतिहासिक परियोजनाओं ने गुजरात को एक प्रमुख पर्यटन शक्ति के रूप में मजबूत किया है:
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देने वाली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। सरदार सरोवर बांध के पास स्थित यह प्रतिमा गुजरात की दूरदर्शिता का प्रतीक बन गई है। प्रतिमा को देखने आने वाले पर्यटक फूलों की घाटी और सरदार पटेल प्राणी उद्यान जैसे आस-पास के आकर्षणों का भी आनंद लेते हैं।
- रण उत्सव
कच्छ के विशाल रण में होने वाला ‘रण उत्सव’ रेगिस्तान का एक अनूठा उत्सव है। पर्यटक इस सफ़ेद नमक वाले रेगिस्तान में, सांस्कृतिक प्रदर्शन, साहसिक खेल और शानदार टेंट सिटी के साथ-साथ यहां की अलौकिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए आते हैं। - गिर राष्ट्रीय उद्यान
एशियाई शेरों का घर गिर राष्ट्रीय उद्यान, वन और वन्यजीवों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण केंद्र है। राज्य सरकार के संरक्षण प्रयासों और इको-टूरिज्म पहलों ने इसे सस्टेनेबल टूरिज़्म के मॉडल के रूप में स्थापित किया है। - सापुतारा
गुजरात का एकमात्र हिल स्टेशन सापुतारा, शांति और सुकूं ने भरा है। आर्टिस्ट विलेज, रोपवे राइड्स और ट्राइबल हैरिटेज साइट्स जैसे आकर्षणों के साथ, सापुतारा पर्यटकों के लिए आराम करने और ऐतिहासिक संस्कृति का अनुभव करने के सबसे प्रमुख स्थानों में से एक बन गया है।
पर्यटन गुजरात की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण चालक बन गया है। यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देता है, रोजगार पैदा करता है और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देता है। नवरात्रि और पतंग महोत्सव जैसे त्योहार सालाना लाखों रुपये का राजस्व पैदा करने के साथ-साथ हज़ारों नौकरियां पैदा करते हैं।
पर्यटन ने बुनियादी ढांचे के विकास को भी बढ़ावा दिया है, जिससे राज्य भर में बेहतर सड़कें, हवाई अड्डे और हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज़ शुरू हुई हैं। ग्रामीण और कम पहचाने जाने वाले क्षेत्रों को इससे बहुत लाभ हुआ है, क्योंकि अब ये छिपी हुई जगहें सांस्कृतिक अनुभव चाहने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
पर्यटन क्षेत्र में अपनी अपार उपलब्धियों के बाद भी राज्य सरकार इस क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इको-टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और वेलनेस टूरिज्म से जुड़ी कई परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। “खुशबू गुजरात की” जैसी पहल राज्य के अनूठे आकर्षणों को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध हुई है।
गुजरात पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए तकनीक का भी लाभ उठा रहा है। वर्चुअल टूर, इंटरैक्टिव ऐप और AI-संचालित गाइड कुछ ऐसे इनोवेशंस हैं, जिन्हें अपनाने से गुजरात आने वाले यात्रियों की यात्रा को सहज और यादगार बनाने में मदद मिल रही है।
गुजरात आज देश के एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में पहचाना जाता है जो दूरदर्शिता, योजना और क्रियान्यवन शक्ति का प्रमाण है। पर्यटकों द्वारा जिस राज्य को पहले अनदेखा कर दिया जाता था आज वही राज्य आज अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के साथ सैलानियों को अपनी ओर खींच रहा है। निश्चित रूप से, गुजरात की यह यात्रा उल्लेखनीय रही है।
अपने विविध आकर्षणों, जीवंत त्योहारों और मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ, गुजरात अब सिर्फ़ घूमने की जगह नहीं बल्कि अपने आप में एक अनुभव बन रहा है। फिर आप चाहे गुजरात के मंदिरों की आध्यात्मिक आभा से प्रभावित हों या फिर यहां के त्योहार आपको आकर्षित करें, इस राज्य के ख़ज़ाने में हर पर्यटक को एक अद्भुत अनुभव देने के लिए कुछ ना कुछ अवश्य है।
जैसे-जैसे गुजरात एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होता जा रहा है, यह दूसरे राज्यों के लिए एक प्रेरणा बनता जा रहा है। पर्यटन अब सिर्फ जगहों के बारे में नहीं बल्कि अपने-आप में एक अनुभव है और गुजरात ऐसे ही अविस्मरणीय अनुभव का अग्रणी है।