
राकेश शर्मा
अंग्रेज़ी में कहावत है जॉइनिंग द डॉट्स और हिंदी भाषा में कहा जाता है किसी गहरी साज़िश का पर्दाफाश करने के लिए बिंदुओं को जोड़कर देखना होता है ।
आजकल बहुत अरसे से देश में जो अराजकता, हिंसा , झूठ, मक्कारी और फरेब की राजनीति चल रही है उसकी जड़ें और चाबुक विदेशी आकाओं के हाथ में दिखती हैं।
लगातार मिल रही हार से हताश , निराश विपक्ष सत्ता प्राप्ति के लिए झूठ और फरेब का सहारा लेकर राष्ट्र हित के ख़िलाफ़ किसी भी हद तक गिर सकता है और इस घिनौनी हरकत के लिए भारत विरोधी विदेशी तत्वों से मदद लेने में भी इन्हें कोई गुरेज़ नहीं है ।
सबसे पहले विपक्ष के संसद ना चलने देने के उदाहरण से करते हैं । ऑपरेशन सिंदूर पर पूरा विपक्ष (कांग्रेस के कुछ नेताओं जैसे शशि थरूर और मनीष तिवारी) को छोड़कर सभी पाकिस्तान की भाषा बोलते रहे जिसका नेतृत्व राहुल गांधी कर रहे थे और उनके बयानों को पाकिस्तान में प्रमुखता से छापा गया जैसे ऑपरेशन सिंदूर में हमारे कितने विमान पाकिस्तान ने गिराए, पी चिदंबरम ने पूछा की इस बात का क्या सबूत है कि पहलगाम में निर्दोषों की हत्या करने वाले पाकिस्तानी ही थे । ये सब पाकिस्तानी नैरेटिव थे जिन्हें भारतीय विपक्ष जोर शोर से उठाता रहा । उन्हें भारतीय सेना, विदेश मंत्रालय के बयानों से कोई मतलब नहीं था और पाकिस्तानी बयानों पर विश्वास करते रहे ।
दूसरी और कौन नहीं जानता की अंदरूनी रूप से अमेरिका भारत की उन्नति , तरकी, विकास से खुश नहीं है और वहाँ का डीप स्टेट बहुत सालों से भारत में विकसित भारत के संकल्प को मूर्त रूप देने वाली नरेंद्र मोदी की मजबूत सरकार को अपदस्थ करने के षड्यंत्र रचता रहा है और चाहता है कि भारत में लुंज पुंज सरकार सत्ता में आ जाए और विकास की रेल पटरी से उतर जाए । पिछले आम चुनाव में अमेरिकी डीप स्टेट ने भारत में मोदी को हराने के लिए अंधाधूद पैसा बहाया था , अभी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ही पाकिस्तान को आईएमएफ से आर्थिक मदद कराई, दो बार पाकिस्तान के फील्ड मार्शल मुनीर को अमेरिका बुलाकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है, ट्रम्प मोदी को एक तरफ़ टफ नेगोशिएटर कहता रहा और दूसरी तरफ़ भारत पर रूस से तेल एवं ऊर्जा ख़रीदने पर पचास प्रतिशत टैरिफ लगा देता है । अमेरिका का उद्देश्य किसी भी तरीक़े से भारत को कमज़ोर करने का है ।
इसमें ट्रम्प का बार बार यह कहना की मैंने भारत पाक के बीच युद्ध विराम करता जिसे भारतीय तंत्र लगातार नकारता रहा और प्रधानमंत्री ने तो लोकसभा के पटल पर भी कह दिया कि भारत पाक युद्ध के दौरान उनकी किसी विदेशी नेता से कोई बात नहीं हुई ।
इस विषय को लेकर विपक्ष ने संसद में लगातार हंगामा किया और सरकार के चर्चा का समय तय किए जाने के बाद भी संसद नहीं चलने दी । विपक्ष ने किसके इशारे पर यह अराजकता फैलाई।साफ़ ज़ाहिर है ।
जब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो गई तो संसद को चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चुनावी लिस्ट से मृतकों, बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं या जो वोटर अन्य जगह स्थानांतरित हो गए हटाए जाने पर संसद ठप्प की जा रही है । कहा जा रहा है कि वोटों की चोरी हो रही है । चोरी तो तब थी जब उपरोक्त लोगों का नाम वोटर लिस्ट में थे ।
राहुल कह रहे हैं कि इस कारण संविधान खतरे में आ गया है, राहुल संविधान तब खतरे में आया जब आपने चुनाव आयोग के अधिकारियों को खुले आम धमकी दी की जब हम सत्ता में आयेंगे तो एक एक से निपटा जाएगा, जब आप बांग्लादेशियों, मृतकों और स्थांतरित लोगों को चुनावी लिस्ट से हटाने पर हंगामा कर रहे हो ।
ज्ञातव्य हो कि जब बांग्लादेश से शेख हसीना को अपदस्थ किया गया और अमेरिकी चप्पू मो यूनुस को सत्ता सौंपी गई तब भी अमेरिका ने बांग्लादेश में यही मुहिम चलवाई थी की शेख हसीना चुनाव धांधली कर जीती है , अब वही प्रयोग भारत में भी करवाना चाहता है जिसमे विपक्ष अमेरिका का पूरा साथ दे रहा है ।
खैर भारत में भारतीयों की सतर्कता के कारण और जनता का विपक्ष पर नदारद विश्वास के कारण वह कुछ नहीं कर पायेगा ।
विपक्ष अपनी विश्वसनीयता लगातार खो रहा है और भारत विरोधी विपक्षी शक्तियों से मदद लेकर जयचंद की भूमिका निभा रहा है । हैरानी सिर्फ इस बात की है कि सत्ता प्राप्ति के लिए कोई अपने ही देश से गद्दारी की बात कैसे सच सकता है।